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मैं उसी कमरे में था एस. जयशंकर ने ट्रंप के दावे को किया खारिज बताया ऑपरेशन सिंदूर का सच्चा सच

परराष्ट्र मंत्री एस. जयशंकर ने किया बड़ा खुलासा, कहा- पाकिस्तान की धमकियों से नहीं डरता भारत, ट्रंप के व्यापार-संधि वाले दावे को भी बताया बेबुनियाद।

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एस. जयशंकर ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए — “मैं वहीं था, सब देखा है”
एस. जयशंकर ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए मैं वहीं था सब देखा है

भारत के परराष्ट्र मंत्री एस. जयशंकर ने एक बार फिर अपनी साफगोई से राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इस बार उन्होंने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदू’ के दौरान युद्धविराम के लिए व्यापार का इस्तेमाल किया गया था।

न्यूयॉर्क स्थित एक मीडिया बातचीत के दौरान एस. जयशंकर ने स्पष्ट रूप से कहा, “मैं उसी कमरे में था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे.डी. वान्स ने बात की थी। उस बातचीत में न तो व्यापार का कोई जिक्र हुआ और न ही युद्धविराम की कोई डील हुई।”

पहलगाम हमला और भारत की प्रतिक्रिया
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को लेकर परराष्ट्र मंत्री ने इसे आर्थिक युद्ध करार दिया। उन्होंने बताया कि हमले का मकसद कश्मीर के पर्यटन को बर्बाद करना और वहां की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करना था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह हमला धार्मिक तनाव फैलाने के उद्देश्य से भी किया गया था, क्योंकि आतंकियों ने हमले से पहले लोगों की धार्मिक पहचान पूछी थी।

भारत की सैन्य प्रतिक्रिया और अमेरिका से संपर्क
जयशंकर ने बताया कि 9 मई की रात पाकिस्तान ने बड़े पैमाने पर हमला करने की योजना बनाई थी, लेकिन भारतीय सेना ने समय रहते करारा जवाब दिया। उसी रात अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री से संपर्क किया था, और प्रधानमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा था कि यदि पाकिस्तान हमला करता है, तो उसे माकूल जवाब मिलेगा।

10 मई की सुबह भारत और अमेरिका के बीच दूसरा संवाद हुआ, जहां एस. जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बीच बातचीत हुई। जयशंकर ने बताया, हमने अमेरिका से कहा कि हम पाकिस्तान से बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन हम अपनी सुरक्षा से समझौता नहीं करेंगे।

ट्रंप के दावों पर दो टूक जवाब
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाक युद्धविराम में व्यापार की भूमिका को लेकर दिए गए बयान को खारिज करते हुए जयशंकर ने कहा कि वह पूरे घटनाक्रम के गवाह रहे हैं और उस दौरान ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। “ट्रंप साहब की बातों में कोई सच्चाई नहीं है,” उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा।

जयशंकर के इस बयान से एक बार फिर यह साबित हो गया है कि भारत अब न तो बाहरी दबावों में झुकता है और न ही आतंकवाद को सहन करता है। प्रधानमंत्री मोदी और उनके सहयोगी परराष्ट्र मंत्री के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति स्पष्ट, सशक्त और राष्ट्रहित में केंद्रित है।

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