Health
“सावधानी विरोध-विज्ञान नहीं है”: कोविड वैक्सीन पर सियासी घमासान के बीच बोले कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया
Hassan जिले में अचानक हुई मौतों के बाद उठे सवाल, Kiran Mazumdar-Shaw और मुख्यमंत्री के बीच X पर बहस तेज़

बेंगलुरु: कोविड-19 वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर बहस गर्म हो गई है, और इस बार इसकी चपेट में आ गए हैं कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और बायोकॉन की कार्यकारी अध्यक्ष किरण मजूमदार-शॉ। Hassan जिले में हाल ही में हुई कई अचानक दिल से जुड़ी मौतों ने चिंताएं बढ़ा दी हैं, जिसके चलते मुख्यमंत्री ने वैक्सीन की दीर्घकालिक सुरक्षा पर सवाल खड़ा किया — और इसी बयान के बाद शुरू हुआ सोशल मीडिया पर तीखा टकराव।
“जल्दबाज़ी में मिली मंज़ूरी?”
1 जुलाई को X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “यह नकारा नहीं जा सकता कि महामारी के दौरान कोविड वैक्सीन को मिली जल्दबाज़ी की मंज़ूरी इन मौतों का एक संभावित कारण हो सकती है।” उन्होंने कहा कि वैश्विक एजेंसियों ने खुद भी आपातकालीन इस्तेमाल को “calculated risk” माना था।
उनके इस बयान के बाद ही उन्होंने डॉ. रविंद्रनाथ केएस, निदेशक – श्री जयदेव हृदय विज्ञान संस्थान के नेतृत्व में एक विशेष विशेषज्ञ समिति गठित करने की घोषणा की, जो Hassan की मौतों और वैक्सीन के बीच संबंधों की जांच करेगी।
किरण शॉ ने कहा — “ग़लत तथ्य पेश कर रहे हैं”
बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र की प्रमुख हस्ती किरण शॉ ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री पर तीखा तंज कसा। उन्होंने कहा, “ये कहना कि वैक्सीन को हड़बड़ी में मंजूरी दी गई, पूरी तरह तथ्यात्मक रूप से गलत है और इससे पब्लिक में ग़लतफहमी फैलती है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत की वैक्सीन्स को वैश्विक मानकों के अनुरूप आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति मिली थी, और WHO द्वारा तय सुरक्षा प्रक्रिया का पूरी तरह पालन हुआ था।
“विज्ञान पर सवाल उठाना ‘विरोध-विज्ञान’ नहीं”
शुक्रवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बहस को और आगे बढ़ाते हुए लिखा —
“जब कोई परिवार बिना किसी चेतावनी के अपने बेटे या कमाने वाले सदस्य को खो देता है, तो सवाल उठाना संवेदना का कार्य है, न कि ग़लत सूचना फैलाना।”
उन्होंने ‘Nature’, ‘Circulation’ और ‘Journal of the American College of Cardiology’ जैसी शोध पत्रिकाओं का हवाला देते हुए कहा कि कई अध्ययनों में युवा आबादी में myocarditis और cardiac arrest जैसी जटिलताओं का अध्ययन किया गया है। उन्होंने AstraZeneca द्वारा दुर्लभ लेकिन गंभीर साइड इफेक्ट्स की स्वीकारोक्ति का भी हवाला दिया।
🇮🇳 स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया खंडन
इस बीच भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने किसी भी प्रकार के सीधे संबंध को नकारते हुए कहा है कि ICMR और NCDC के आंकड़ों के अनुसार, कोविड-19 वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावशाली हैं। गंभीर दुष्प्रभावों की घटनाएं अत्यंत दुर्लभ हैं।
वैज्ञानिक बहस या सियासी एजेंडा?
मुख्यमंत्री ने अपनी बात को साफ करते हुए कहा, “हमें स्वीकार करना चाहिए कि जल्दबाज़ी जीवन बचाने के लिए की गई थी, लेकिन उसके संभावित परिणामों पर चर्चा करना भी उतना ही जरूरी है।”
वहीं किरण शॉ ने कहा, “हर मौत दुखद होती है और Hassan में हो रही मौतों की जांच बेहद ज़रूरी है। लेकिन विज्ञान को गलत तरीके से प्रस्तुत करना जिम्मेदारी नहीं है।”
Pingback: Dr Dilshad Ali ने बताए 7 Healthy विकल्प जो आपकी सेहत बदल सकते हैं - Dainik Diary - Authentic Hindi News