Health
लखनऊ में एबीवी मेडिकल यूनिवर्सिटी के नर्सिंग छात्रों का अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल, बोले — “शिक्षा का अपमान बर्दाश्त नहीं!”
परीक्षा शेड्यूल और प्रमोशन नियमों में बदलाव की मांग को लेकर सैकड़ों छात्रों ने यूनिवर्सिटी गेट पर शुरू किया शांतिपूर्ण प्रदर्शन, पुलिस कर रही समझाने की कोशिश

लखनऊ: अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी (ABVMU), जो सुषांत गोल्फ सिटी क्षेत्र में स्थित है, वहां शुक्रवार को एक नया छात्र आंदोलन उभरकर सामने आया है। बीएससी नर्सिंग के छात्रों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। उनका आरोप है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन उनके भविष्य को लेकर गंभीर नहीं है।
परीक्षा से पहले नियम स्पष्ट करो — छात्रों की मांग
प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मुख्य मांग है कि सातवें सेमेस्टर की कक्षाएं शुरू होने से पहले, पहले से छठे सेमेस्टर तक की सभी परीक्षाएं आयोजित की जाएं। इसके साथ ही वे यह भी चाहते हैं कि यदि किसी छात्र से बैक पेपर छूट गया है, तो उसे सातवें सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल होने से न रोका जाए।
छात्रों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण तरीक़े से अपनी बात रखने आए हैं, लेकिन अब तक किसी भी अधिकारी ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया। एक छात्रा ने कहा, “हमने बार-बार अपनी बातें रखीं, लेकिन अब हमें भूख हड़ताल जैसे कदम उठाने पड़े। अगर हमारी शिक्षा के साथ खिलवाड़ होगा, तो हम चुप नहीं बैठेंगे।”
“शिक्षा का अपमान अब और नहीं सहेंगे”
प्रदर्शनकारी छात्रों ने ‘शिक्षा का अपमान बंद करो’ और ‘छात्रों को न्याय दो’ जैसे नारों के साथ यूनिवर्सिटी गेट पर डेरा डाला हुआ है। छात्रों का कहना है कि वे तब तक हड़ताल नहीं खत्म करेंगे जब तक प्रशासन उनकी मांगों पर लिखित में फैसला नहीं लेता।
पुलिस कर रही बातचीत, प्रशासन बना है मौन
घटना स्थल पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने छात्रों को समझाने की कोशिश की, लेकिन छात्रों ने साफ कह दिया कि यह प्रदर्शन पूर्णत: शांतिपूर्ण रहेगा और वे कानूनी तरीकों से ही अपना विरोध जताएंगे।
अब तक यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है। छात्रों का यह भी आरोप है कि प्रशासन बार-बार तारीखें बदलकर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है।
क्या कहता है ABVMU का ट्रैक रिकॉर्ड?
ABVMU, यानी Atal Bihari Vajpayee Medical University, उत्तर प्रदेश की एक प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी है जो मेडिकल और नर्सिंग एजुकेशन में कई कॉलेजों को एफिलिएट करती है। लेकिन छात्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी के परीक्षा और प्रमोशन के मानदंड अक्सर अस्पष्ट रहते हैं, जिससे छात्रों को बार-बार मानसिक दबाव झेलना पड़ता है।