Politics
PM मोदी के लिए स्टेट डिनर से चिढ़े शी जिनपिंग? BRICS सम्मेलन से चीन का किनारा, ब्राजील और भारत के करीब आने से असहज बीजिंग
ब्रिक्स सम्मेलन से दूर रहेंगे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रिपोर्ट्स में दावा – मोदी के सम्मान में दिए जाने वाले विशेष रात्रिभोज से भड़के बीजिंग

रियो डी जेनेरियो – बहुपक्षीय मंच BRICS इस बार चर्चा में है, लेकिन इसके एजेंडा से ज्यादा सुर्खियां बटोर रहा है चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का सम्मेलन में शामिल न होना। इस साल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में होने जा रहा है, जहां भारत, रूस, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के राष्ट्राध्यक्ष हिस्सा लेंगे, लेकिन चीन की ओर से केवल प्रधानमंत्री ली कियांग प्रतिनिधित्व करेंगे।
हालांकि आधिकारिक तौर पर बीजिंग ने शेड्यूल संबंधी दिक्कतों को वजह बताया है, लेकिन साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट और कई कूटनीतिक सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में रखे गए स्टेट डिनर से चीन असहज हो गया है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ब्राजील के राष्ट्रपति लूला द सिल्वा द्वारा मोदी के लिए व्यक्तिगत रात्रिभोज का आयोजन शी जिनपिंग को नागवार गुज़रा, जिससे उन्हें यह आशंका हुई कि अगर वह सम्मेलन में मौजूद रहते, तो भारत और ब्राजील की मित्रता सबका ध्यान खींच लेती – और वह खुद ‘साइड एक्टर’ की भूमिका में रह जाते।
विशेष बात यह है कि राष्ट्रपति लूला ने इसी साल मई में बीजिंग जाकर शी जिनपिंग को व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया था, लेकिन अब उनकी अनुपस्थिति की खबर से ब्राजील सरकार हैरान है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह चीन के भीतर चल रही सशक्त नेतृत्व की छवि को बचाने की कोशिश है।
ब्रिक्स, जो 2009 से लगातार वैश्विक शासन और व्यापार संतुलन को लेकर विकासशील देशों के लिए एक अहम मंच रहा है, अब राजनीतिक प्रतिस्पर्धा की झलक भी दिखा रहा है। भारत और ब्राजील के बीच बढ़ती निकटता और चीन का BRICS में अपनी नेतृत्वकारी भूमिका बनाए रखने का संघर्ष – इस मंच के पीछे की बड़ी कहानी बनते जा रहे हैं।
हाल ही में BRICS ने New Development Bank, वैकल्पिक करेंसी प्रस्ताव, और तकनीकी सहयोग जैसे कई गंभीर मुद्दों पर साझा रणनीति बनाई है। भारत के प्रधानमंत्री अगर इस सम्मेलन में ब्राजील से द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाते हैं, तो यह लैटिन अमेरिका में भारत की मज़बूत उपस्थिति की ओर भी इशारा करेगा – और यह बीजिंग की चिंताओं का केंद्र है।
चीनी विदेश मंत्रालय भले ही ‘ग्लोबल शांति और सहयोग’ की बातें कर रहा हो, लेकिन एक्सपर्ट्स मानते हैं कि शी जिनपिंग का ब्रिक्स से दूर रहना चीन की रणनीतिक असहजता को दर्शाता है, खासकर तब जब चीन खुद को BRICS का स्वाभाविक नेता मानता आया है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या यह घटना BRICS के भीतर शक्ति संतुलन को नए सिरे से परिभाषित करेगी या फिर इसे चीन की एक ‘डिप्लोमैटिक नाराज़गी’ भर मान लिया जाएगा।
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राहुल गांधी का आरोप बिहार में भी वोट की चोरी हो रही है जैसे महाराष्ट्र में की गई थी
पटना में INDIA गठबंधन के प्रदर्शन में बोले राहुल – “चुनाव आयोग BJP और RSS का एजेंट बन गया है, गरीबों के हक पर हो रहा है हमला”

राहुल गांधी ने एक बार फिर से केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर करारा हमला बोला है। बिहार बंद के दौरान पटना के फुलवारी शरीफ में आयोजित INDIA गठबंधन के चक्काजाम प्रदर्शन में राहुल ने कहा कि “जैसे महाराष्ट्र में हमारा चुनाव चुराया गया, वैसा ही षड्यंत्र अब बिहार में रचा जा रहा है।”
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया कि चुनाव आयोग का रवैया पक्षपातपूर्ण है और वह BJP व RSS के इशारे पर काम कर रहा है। उन्होंने मंच से जनता से कहा, “यह बिहार है, यहां के लोग वोट और हक छिनने नहीं देंगे।”
महाराष्ट्र की तरह बिहार में भी वोटरों की हेराफेरी
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में INDIA गठबंधन की हार के बाद जब जांच की गई, तो पाया गया कि एक करोड़ फर्जी वोट जुड़ चुके थे।
उन्होंने कहा – “हमने चुनाव आयोग से वोटर लिस्ट मांगी, जो हमें कानून के तहत मिलनी चाहिए थी, लेकिन आज तक नहीं दी गई। क्यों? क्योंकि सच्चाई छिपाई जा रही है।”
अब वही स्थिति बिहार में देखने को मिल रही है। एक ही दिन में 4-5 हज़ार वोट जुड़ना, गरीबों के नाम कटना – ये सब चोरी की सुनियोजित तैयारी है, जिसका खुलासा राहुल ने अपने भाषण में किया।
चुनाव आयोग अब एजेंट की तरह बर्ताव कर रहा है
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा,
“पहले चुनाव आयुक्त का चयन सुप्रीम कोर्ट और सभी पार्टियों की सहमति से होता था। अब भाजपा खुद चुनाव आयुक्त चुनती है।”
उन्होंने चेतावनी दी कि
“आप संविधान की रक्षा करने के लिए शपथ लेते हैं, लेकिन जो लोग उसका उल्लंघन कर रहे हैं, कानून उन्हें छोड़ेगा नहीं।”
उनके साथ मंच पर तेजस्वी यादव और दीपंकर भट्टाचार्य जैसे नेता भी मौजूद थे जिन्होंने भी चुनावी अनियमितताओं को लेकर सवाल उठाए।
INDIA गठबंधन बिहार के साथ है
राहुल गांधी ने भरोसा दिलाया कि INDIA गठबंधन बिहार की जनता के साथ खड़ा है और किसी भी कीमत पर वोट की चोरी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने जनता से जागरूक रहने और अपने वोट के अधिकार को लेकर सजग रहने की अपील की।
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आतंकवाद पर दोहरे मापदंड अब नहीं चलेंगे: ब्राज़ील में PM मोदी का कड़ा संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान और चीन को अप्रत्यक्ष निशाने पर लेते हुए कहा – “आतंकवाद पर ज़ीरो टॉलरेंस और ज़ीरो डबल स्टैंडर्ड”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ब्राज़ील दौरे के दौरान आतंकवाद को लेकर एक बार फिर स्पष्ट और कठोर रुख अपनाते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कोई दोहरा मापदंड स्वीकार नहीं किया जाएगा। यह बयान उन्होंने ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान दिया।
हालांकि मोदी ने किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा स्पष्ट रूप से पाकिस्तान और चीन की ओर था — जो अक्सर भारत द्वारा आतंकवाद के समर्थन के लिए घिरे रहते हैं।
“हम आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस और जीरो डबल स्टैंडर्ड के सिद्धांत में विश्वास करते हैं,” – प्रधानमंत्री मोदी
पहलगाम हमले पर ब्राज़ील के समर्थन के लिए आभार
प्रधानमंत्री मोदी ने अप्रैल 2025 में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद ब्राज़ील द्वारा दिए गए समर्थन के लिए विशेष आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत और ब्राज़ील दोनों आतंकवाद और उसके समर्थकों का विरोध करते हैं, और यह साझेदारी इस वैश्विक खतरे से निपटने में अहम भूमिका निभाएगी।
व्यापार से लेकर तकनीक तक हुई गहन बातचीत
ब्राज़ील की राजकीय यात्रा के दौरान दोनों नेताओं ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की, जिनमें शामिल थे:
- व्यापार और निवेश
- रक्षा और सुरक्षा सहयोग
- स्वास्थ्य और फार्मास्यूटिकल्स
- स्पेस और रिन्यूएबल एनर्जी
- फूड और एनर्जी सिक्योरिटी
- डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और एआई
भारत और ब्राज़ील ने मिलकर अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को 20 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य भी तय किया।
नई तकनीक, खनिज और सहयोग के नए रास्ते खुलेंगे
दोनों देशों ने क्रिटिकल मिनरल्स, नई उभरती तकनीकों, सुपरकंप्यूटिंग, डिजिटल मोबिलिटी और एआई के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की दिशा में सहमति जताई। इस दौरान कई द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर भी हुए, जो इस रिश्ते को और मजबूती देंगे।
मोदी को मिला ब्राज़ील में भव्य स्वागत
PM मोदी का Alvorada Palace में बेहद भव्य तरीके से स्वागत किया गया, जहां 114 घोड़ों की परेड और भारतीय भजन प्रस्तुतियों ने स्वागत समारोह को खास बना दिया।
यह दौरा BRICS शिखर सम्मेलन के तुरंत बाद हुआ है, और इससे भारत-ब्राज़ील संबंधों में एक नई गति आने की उम्मीद की जा रही है।
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बिक्रम सिंह मजीठिया को झटका, disproportionate assets केस में अब 29 जुलाई को होगी सुनवाई
अवैध संपत्ति मामले में मजीठिया की गिरफ्तारी को बताया ‘राजनीतिक साजिश’, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने दी संशोधित याचिका दाखिल करने की मोहलत

शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रहीं। 540 करोड़ रुपये के कथित ड्रग मनी से जुड़ी disproportionate assets (DA) केस में उनकी गिरफ्तारी को लेकर दाखिल याचिका पर अब 29 जुलाई को सुनवाई होगी।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को मामले की सुनवाई को स्थगित करते हुए मजीठिया के वकीलों को संशोधित याचिका दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया। अदालत ने कहा कि अगली सुनवाई अब 29 जुलाई को होगी।
क्या है पूरा मामला?
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो (Punjab VB) ने 25 जून को बिक्रम मजीठिया को गिरफ्तार किया था। VB का दावा है कि प्रारंभिक जांच में मजीठिया द्वारा 540 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति इकट्ठा करने और मनी लॉन्ड्रिंग का पता चला है।
VB के अनुसार, यह पैसा ड्रग ट्रैफिकिंग से अर्जित किया गया था और मजीठिया ने विभिन्न माध्यमों से इसे सफेद करने में मदद की।
“राजनीतिक प्रतिशोध है यह कार्रवाई” – मजीठिया का पक्ष
1 जुलाई को दाखिल याचिका में मजीठिया ने अपनी गिरफ्तारी को “गैरकानूनी और मनमानी” बताते हुए आरोप लगाया कि यह मामला एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा है।
याचिका में कहा गया:
“FIR पूरी तरह से अवैध है और गिरफ्तारी कानूनी प्रक्रिया का घोर उल्लंघन है। यह पूरी कार्रवाई मुझे बदनाम करने और प्रताड़ित करने के उद्देश्य से की गई है, क्योंकि मैं मौजूदा सरकार का मुखर आलोचक हूं।”
कब-कब हुआ रिमांड और न्यायिक हिरासत का आदेश
- 26 जून: मजीठिया को 7 दिन के विजिलेंस रिमांड पर भेजा गया
- 2 जुलाई: रिमांड 4 दिन और बढ़ाया गया
- 6 जुलाई: उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया
मजीठिया की ओर से कोर्ट में FIR रद्द करने, रिमांड आदेश को अवैध ठहराने और भविष्य में इस प्रक्रिया के दुरुपयोग से रोकने की मांग की गई है।
पिछले मामलों से भी जुड़ता है यह केस
मजीठिया पहले भी 2021 के NDPS (नारकोटिक्स) केस में जेल जा चुके हैं। यह केस 2018 में एसटीएफ द्वारा तैयार रिपोर्ट के आधार पर दर्ज किया गया था। वह 5 महीने तक पटियाला जेल में बंद रहे और अगस्त 2022 में हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद बाहर आए।
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