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मैथिली ठाकुर कौन हैं? अलीनगर में बढ़त बना रहीं BJP उम्मीदवार के बारे में 5 अहम बातें
25 साल की लोकगायिका से बनीं नेता—अलीनगर की शुरुआती गिनती में बढ़त, डिजिटल स्टारडम से सीधा बिहार की सियासत तक
बिहार विधानसभा उपचुनावों की शुरुआती गिनती ने एक नया सितारा उभरता हुआ दिखाया है—मैथिली ठाकुर। 25 साल की यह युवा लोकगायिका, जो कुछ ही हफ्ते पहले BJP में शामिल हुई थीं, अब अलीनगर सीट पर बढ़त बनाते हुए राजनीति में अपनी पहली बड़ी परीक्षा दे रही हैं।
मैथिली ठाकुर का नाम पिछले कुछ सालों में देशभर में गूंजा है—कभी अपनी मधुर आवाज़ से, कभी अपनी डिजिटल मौजूदगी से, और अब अपनी राजनीतिक शुरुआत से। आइए जानते हैं उनके बारे में 5 अहम बातें, जो उन्हें बाकी नेताओं से बिल्कुल अलग बनाती हैं।

1. मैथिली ठाकुर की अनोखी शैक्षणिक पृष्ठभूमि
मैथिली का बचपन परंपरागत स्कूलिंग से ज़्यादा घर की सीख में बीता। क्लास 5 तक उन्हें होमस्कूल किया गया। इसके बाद वे दिल्ली के MCD स्कूल में पढ़ीं।
किशोरावस्था में उनकी प्रतिभा देखते हुए उन्हें Bal Bhavan International School में संगीत स्कॉलरशिप मिल गई—जहां पढ़ाई और रियाज़ दोनों साथ-साथ चलते रहे।
उनकी यह यात्रा आज के समय में उन हजारों बच्चों के लिए प्रेरणा है, जो अलग तरीके से सीखते हैं, लेकिन बड़े सपने देखते हैं।
2. कई रियलिटी शो में कोशिश—हार नहीं मानी
मैथिली की सफलता ‘एक रात की कहानी’ नहीं है। उन्होंने Sa Re Ga Ma Pa Li’l Champs, Indian Idol Junior जैसे कई रियलिटी शो में हिस्सा लिया, लेकिन शुरुआती राउंड में बाहर हो गईं।
लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
2017 में, स्कूल में पढ़ते हुए, उन्होंने Rising Star में भाग लिया और पहली रनर-अप बनीं।
यही वह क्षण था जिसने उन्हें राष्ट्रीय पहचान दिलाई।
3. डिजिटल मंचों पर धमाका—भारत से विदेश तक पहुंची आवाज़
सोशल मीडिया के दौर से पहले ही मैथिली ने Facebook और YouTube पर लोकगीत पोस्ट करना शुरू कर दिया था।
धीरे-धीरे उनकी आवाज़ अमेरिका, अॉस्ट्रेलिया, नेपाल, मॉरिशस तक पहुंची।
आज वे भारत की सबसे लोकप्रिय फोक डिजिटल आर्टिस्ट्स में शामिल हैं।
उनका कंटेंट सिर्फ “गाना” नहीं—बल्कि बिहार और भारत की मिट्टी की सुगंध दुनिया तक पहुँचाने का माध्यम बन चुका है।

4. बॉलीवुड में विवादों के बाद वापसी
2020 में सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद मैथिली ने बॉलीवुड के कामकाज को “अनुचित” बताते हुए उससे दूरी बना ली थी।
लेकिन लंबे ब्रेक के बाद 2024 में उन्होंने फिल्म ‘Auron Mein Kahan Dum Tha’ के लिए ‘Kisi Roz’ गीत गाया।
इस गाने के संगीतकार थे एम.एम. कीरवाणी—वही ऑस्कर विजेता जिन्होंने ‘Naatu Naatu’ बनाया था।
यह उनकी सिनेमा में बेहद शांत लेकिन दमदार वापसी मानी गई।
5. पुरस्कार, सम्मान और अब राजनीति में नई शुरुआत
- 2021 में उन्हें उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार मिला—जो भारत के सबसे प्रतिष्ठित सांस्कृतिक सम्मानों में से एक है।
- Election Commission of India ने उन्हें बिहार का स्टेट आइकॉन घोषित किया।
- अब राजनीति में उनका मकसद है—“बिहार की सेवा।”
अलीनगर की शुरुआती गिनती में उनकी बढ़त यह साफ संकेत देती है कि जनता उन्हें सिर्फ एक कलाकार के रूप में नहीं, बल्कि एक नई उम्मीद के रूप में देख रही है।
