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कतर में अमेरिकी सैन्य बेस पर ईरानी मिसाइल अटैक: मध्य पूर्व में जंग के बादल
परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमलों के जवाब में ईरान का पलटवार, कतर की राजधानी दोहा में दहशत, एयरस्पेस बंद

मध्य पूर्व में हालात हर घंटे के साथ और भी गंभीर होते जा रहे हैं। ताजा घटनाक्रम में ईरान ने कतर में स्थित अमेरिका के सबसे बड़े सैन्य बेस अल उदेइद एयर बेस पर मिसाइल हमला कर दिया। ईरानी सेना के सबसे शक्तिशाली अंग, आईआरजीसी ने बयान जारी कर कहा कि ‘‘हम अपनी संप्रभुता पर किसी भी हमले को बिना जवाब छोड़े नहीं देंगे।’’
गौरतलब है कि अल उदेइद एयर बेस में करीब 8,000 अमेरिकी नागरिक तैनात हैं और यहीं से अमेरिका अपने पूरे मध्य पूर्व के एयर ऑपरेशंस को नियंत्रित करता है। इसके अलावा कुछ ब्रिटिश सैनिक भी यहां पर रोटेशन पर सेवा देते हैं।
स्थानीय सरकार ने बताया कि इस हमले में किसी के मारे जाने या घायल होने की कोई खबर नहीं है। अमेरिकी अधिकारियों ने समय रहते बेस को खाली करवा लिया था, जिससे बड़ा हादसा टल गया। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि मिसाइलें बेस पर गिरीं या एयर डिफेंस सिस्टम ने उन्हें मार गिराया।
कतर की राजधानी दोहा के ऊपर धमाकों की आवाज सुनाई दी और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में आसमान में चमकते धमाके नजर आए। इससे पहले अमेरिकी और ब्रिटिश दूतावास ने अपने नागरिकों को अलर्ट रहने और सुरक्षित जगह पर शरण लेने की सलाह दी थी। कतर ने भी हमले से कुछ घंटे पहले अपने एयरस्पेस को अस्थायी रूप से बंद कर दिया था। इसके बाद बहरीन और कुवैत ने भी अपनी हवाई सीमाएं सील कर दीं।
पिछले सप्ताहांत अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर जोरदार हमले किए थे। इसके जवाब में ईरान ने यह मिसाइल हमला किया है। इजराइल और अमेरिका की तरफ से यह दावा किया गया कि इन हमलों से ईरान का परमाणु कार्यक्रम बुरी तरह प्रभावित हुआ है, हालांकि इसकी सटीक जानकारी अभी सामने नहीं आई है।
इधर, इजराइल भी लगातार ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर मिसाइल हमले कर रहा है। इजराइल का कहना है कि यह हमला जरूरी है ताकि ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोका जा सके। दूसरी तरफ ईरान का दावा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल नागरिक उपयोग के लिए है।
फिलहाल व्हाइट हाउस ने इस हमले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन क्षेत्र में जारी तनाव ने मध्य पूर्व को एक बड़े युद्ध की कगार पर ला खड़ा किया है। अब दुनिया की नजर अमेरिका, ईरान और इजराइल की अगली चाल पर टिकी है।