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माली में आतंकी हमला: तीन भारतीय नागरिक अगवा, भारत ने की ‘तत्काल रिहाई’ की सख्त मांग

डायमंड सीमेंट फैक्ट्री में हुआ सशस्त्र हमला, अब तक किसी संगठन ने नहीं ली जिम्मेदारी; भारत सरकार लगातार निगरानी में

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माली में तीन भारतीय अगवा, भारत ने की 'तत्काल रिहाई' की मांग – जानिए पूरी घटना
माली की डायमंड सीमेंट फैक्ट्री से अगवा हुए भारतीय नागरिक, भारत ने जताई कड़ी चिंता

पश्चिमी अफ्रीकी देश माली में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा पर गंभीर संकट मंडरा रहा है। 1 जुलाई को कायेस शहर स्थित डायमंड सीमेंट फैक्ट्री पर हुए एक सुनियोजित सशस्त्र हमले में तीन भारतीय कर्मचारियों को अगवा कर लिया गया।

भारत सरकार ने इस घटना पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए माली सरकार से अपील की है कि इन भारतीयों की जल्द से जल्द सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित की जाए।

क्या हुआ था उस दिन?

विदेश मंत्रालय (MEA) द्वारा जारी आधिकारिक बयान में बताया गया कि 1 जुलाई को कुछ सशस्त्र हमलावरों ने फैक्ट्री परिसर पर हमला किया और तीन भारतीय कर्मचारियों को जबरन बंधक बना लिया। अब तक किसी भी आतंकी संगठन ने इस अपहरण की ज़िम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन इसी दिन अल-कायदा से जुड़ा संगठन जमात नुसरत अल-इस्लाम वल मुस्लिमीन (JNIM) माली के कई हिस्सों में हमलों की ज़िम्मेदारी ले चुका है।


भारतीय मिशन की सक्रियता

माली की राजधानी बामाको में स्थित भारतीय दूतावास लगातार स्थानीय प्रशासन, पुलिस और डायमंड सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन के संपर्क में है। मंत्रालय ने बताया कि बंधक बनाए गए तीनों भारतीयों के परिजनों को लगातार अपडेट दिया जा रहा है और स्थिति पर उच्च स्तर पर निगरानी रखी जा रही है।

भारत सरकार का कड़ा रुख

विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा,

“भारत सरकार इस निंदनीय हिंसक कृत्य की कड़ी निंदा करती है और माली गणराज्य की सरकार से मांग करती है कि वह इस मामले में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई कर बंधक बनाए गए भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द रिहा कराए।”

प्रवासियों को अलर्ट

माली में रह रहे सभी भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने, सावधानी बरतने और बामाको स्थित दूतावास से संपर्क बनाए रखने की सलाह दी गई है। मंत्रालय ने भरोसा दिलाया है कि सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा और सकुशल वापसी सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।

सुरक्षा विशेषज्ञों की चिंता

यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब माली लगातार आतंकी हिंसा और अस्थिरता की गिरफ्त में है। JNIM जैसे कट्टरपंथी संगठनों की बढ़ती सक्रियता और कमजोर स्थानीय प्रशासन इस संकट को और गहरा बना रहे हैं।

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