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यूके ने Google को दी ‘स्पेशल मार्केट स्टेटस’ की पहचान, अब सर्च इंजन पर सख्त नियमों की तैयारी
United Kingdom की Competition and Markets Authority (CMA) ने कहा – Google की ऑनलाइन सर्च और विज्ञापन में ‘अत्यधिक पकड़’ को देखते हुए पारदर्शिता और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के लिए जरूरी है नए नियम।

ब्रिटेन की Competition and Markets Authority (CMA) ने शुक्रवार को Google को ऑनलाइन सर्च और सर्च विज्ञापन बाजार में ‘Strategic Market Status’ (SMS) का दर्जा दिया है।
इस फैसले से अब Google पर सख्त डिजिटल नियम लागू करने का रास्ता खुल गया है, ताकि तकनीकी उद्योग में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा (fair competition) बनी रहे।
CMA की रिपोर्ट के अनुसार, Google पिछले 15 सालों से सर्च इंजन बाजार में लगभग एकाधिकार की स्थिति में है।
Bing, जो इसका सबसे बड़ा प्रतियोगी है, उसके पास भी सर्च मार्केट और सर्च विज्ञापन में केवल 5% से भी कम हिस्सेदारी है।
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क्या है ‘Strategic Market Status’?
‘Strategic Market Status’ का मतलब है कि कोई कंपनी किसी डिजिटल सेवा में इतनी मजबूत और स्थायी स्थिति में है कि उसके लिए विशेष नियमन जरूरी हो जाता है।
इस स्टेटस के तहत अब CMA यह तय कर सकेगी कि Google को यूके (U.K.) में अपने सर्च ऑपरेशन कैसे चलाने होंगे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि Google की सर्च और ऑनलाइन विज्ञापन सेवाएँ,
AI-सक्षम फीचर्स जैसे AI Overview, AI Mode, Discover Feed, Top Stories और News Tab — सभी इस नियमन के दायरे में आएंगे।
हालांकि, Google News App, Google News वेबसाइट और सर्च सिंडिकेशन सर्विसेज़ को इसमें शामिल नहीं किया गया है।
AI पर भी नजर रखेगा ब्रिटेन
CMA ने यह भी संकेत दिया है कि जैसे-जैसे AI Search Market विकसित होगा, वह Google Gemini AI और अन्य नई तकनीकों पर भी निगरानी बढ़ा सकता है।
CMA के अनुसार, इस साल के अंत तक Google पर कई संभावित हस्तक्षेपों (interventions) पर चर्चा की जाएगी, जिनमें शामिल हैं:
- ब्रिटिश उपभोक्ताओं को सर्च इंजन बदलने की स्वतंत्रता देना
- डेटा पोर्टेबिलिटी सिस्टम लागू करना
- निष्पक्ष सर्च रैंकिंग सुनिश्चित करना
- प्रकाशकों के काम को उचित श्रेय (attribution) देना
- Google की AI सेवाओं के लिए स्पष्ट ‘कंज़ेंट मैकेनिज़्म’ लागू करना
Google का जवाब: “नवाचार पर असर पड़ेगा”
Google ने CMA के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कदम ब्रिटेन में नवाचार और तकनीकी विकास की गति को धीमा कर सकता है।
कंपनी ने अपने आधिकारिक ब्लॉग में लिखा —
“यूके अब तक इसलिए दुनिया में आगे रहा है क्योंकि उसने महंगे और सख्त प्रतिबंधों से बचते हुए आधुनिक सेवाओं को जल्दी अपनाया है। अगर अत्यधिक नियम लागू किए गए, तो इससे नवाचार रुक सकता है और उत्पाद लॉन्च में देरी हो सकती है।”
Google ने यह भी दावा किया कि अन्य देशों में इसी तरह के सख्त नियमों के कारण व्यवसायों को लगभग €114 अरब (Euro) का नुकसान हुआ है।
क्यों है यह फैसला महत्वपूर्ण?
यह कदम यूके के नए डिजिटल मार्केट्स कंपटीशन रेजीम (Digital Markets Competition Regime) के तहत उठाया गया है, जो जनवरी 2025 में लागू हुआ।
इसके तहत CMA को टेक दिग्गजों पर नियंत्रण रखने की शक्ति मिली, जिससे यह तय किया जा सके कि कोई कंपनी अपने क्षेत्र में दुरुपयोग (abuse of dominance) तो नहीं कर रही।
CMA की जांच में यह भी देखा गया कि क्या Google अपने उत्पादों को दूसरों के मुकाबले तरजीह देता है, या क्या वह यूज़र्स के डेटा का उपयोग बिना स्पष्ट अनुमति के कर रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला भविष्य में अन्य देशों के लिए “डिजिटल न्याय की दिशा में मिसाल” बन सकता है।
भारत के लिए क्या सबक?
भारत में भी Competition Commission of India (CCI) पहले ही Google पर Android Operating System में बाज़ार के दुरुपयोग के आरोपों की जांच कर चुकी है।
यूके का यह कदम भारतीय नियामकों के लिए यह संकेत हो सकता है कि डिजिटल एकाधिकार पर अंकुश लगाने के लिए “प्रोएक्टिव रेगुलेशन” जरूरी है।
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