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‘सैयारा’ की जादुई आवाज़ के पीछे हैं ये दो कश्मीरी कलाकार, 14 दिन में बदली किस्मत
फहीम अब्दुल्ला और अर्सलान निजामी ने नौकरी छोड़ मुंबई में लगाया था सब कुछ दांव पर, अब बन गए हैं यशराज फिल्म्स की ब्लॉकबस्टर का हिस्सा।

मोहित सूरी की रोमांटिक ड्रामा फिल्म सैयारा आज बॉक्स ऑफिस पर झंडे गाड़ रही है, लेकिन इसके टाइटल ट्रैक के पीछे की कहानी भी कम फिल्मी नहीं है। जिस गीत ने लाखों दिलों को छुआ, उस जादुई आवाज़ के पीछे हैं फहीम अब्दुल्ला और अर्सलान निजामी, दो कश्मीरी युवा जिन्होंने सब कुछ छोड़कर अपने संगीत के जुनून को चुना।

जहां एक ओर विशाल मिश्रा और तनिष्क बागची जैसे म्यूजिक इंडस्ट्री के बड़े नाम इस फिल्म का हिस्सा हैं, वहीं सैयारा गाने को गाने वाले फहीम और संगीत देने वाले अर्सलान ने मुंबई की गलियों में संघर्ष से सफलता तक का सफर तय किया।
लेह के पास रहने वाले अर्सलान निजामी एक सिविल इंजीनियर थे और साथ ही शौकिया गीतकार भी। वहीं फहीम अब्दुल्ला, जिन्हें पहले ‘द इमैजिनरी पोएट’ के नाम से जाना जाता था, कश्मीर में लोकल स्तर पर मशहूर सिंगर थे। लेकिन बॉलीवुड की चकाचौंध से दूर इनकी असली पहचान नहीं बन पाई थी।
अर्सलान बताते हैं, “हमारा म्यूजिक बाहर नहीं जा पा रहा था। तभी मैंने फहीम से कहा – अब वक्त है, कुछ बड़ा करने का।” उसी दिन उन्होंने नौकरी छोड़ दी और दोनों मुंबई की ओर चल पड़े। उनके पास सिर्फ 14 दिनों का खर्च था, लेकिन हौसला अटूट।

मुंबई में संघर्ष के 13वें दिन तनिष्क बागची से मुलाकात ने उनकी किस्मत पलट दी। तनिष्क ने जब उनकी धुन सुनी तो तुरंत सैयारा के टाइटल ट्रैक के लिए साइन कर लिया।
फहीम कहते हैं, “हमने कभी नहीं सोचा था कि हम कभी यशराज फिल्म्स जैसी बड़ी कंपनी के लिए म्यूजिक देंगे। लेकिन जब कॉल आया, तो लगा जैसे सपना सच हो गया।”
Spotify ग्लोबल टॉप 50 में 7वें नंबर पर ट्रेंड कर रहा सैयारा गाना, अब इन दो कश्मीरी टैलेंट्स की मेहनत और जुनून का प्रतीक बन चुका है।
अब फहीम और अर्सलान को उम्मीद है कि उनकी यह सफलता और भी कश्मीरी कलाकारों के लिए एक नई राह खोलेगी। “हमारे पास टैलेंट की कोई कमी नहीं है, बस हमें मंच की जरूरत है,” — फहीम का ये बयान आज हर युवा के लिए प्रेरणा है।