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7 साल बाद चीन पहुंचे पीएम मोदी तियानजिन में रेड कारपेट स्वागत SCO समिट में होगी अहम भागीदारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चीन में भव्य स्वागत, शी जिनपिंग और पुतिन संग मुलाकात तय

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PM Modi China Visit 2025 रेड कारपेट स्वागत और SCO समिट में अहम भागीदारी
तियानजिन एयरपोर्ट पर रेड कारपेट स्वागत के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात साल बाद चीन पहुंचे हैं और उनकी इस यात्रा को कूटनीतिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है। जापान का दौरा पूरा करने के बाद मोदी सीधे चीन के तियानजिन शहर पहुंचे, जहां एयरपोर्ट पर उनका रेड कारपेट बिछाकर जोरदार स्वागत किया गया। कई चीनी कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत कर माहौल को और भव्य बना दिया।

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मोदी इस बार शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट 2025 में हिस्सा लेने चीन पहुंचे हैं। इस शिखर सम्मेलन में 20 से अधिक देशों के नेता शामिल होंगे। खास बात यह है कि इस दौरान पीएम मोदी की मुलाकात चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी होगी। ऐसे समय में जब वैश्विक राजनीति अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ नीतियों से प्रभावित हो रही है, भारत और चीन की यह मुलाकात कूटनीति में नए समीकरण बना सकती है।

एयरपोर्ट पर स्वागत का नजारा

तियानजिन एयरपोर्ट पर जैसे ही मोदी का विमान उतरा, चीन की सरकार ने उन्हें विशेष सम्मान दिया। रेड कारपेट पर चलते हुए मोदी ने वहां मौजूद वरिष्ठ डिप्लोमेट्स का अभिवादन स्वीकार किया। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच X (Twitter) पर चीनी भाषा में एक पोस्ट करते हुए लिखा –
“SCO शिखर सम्मेलन में विभिन्न देशों के नेताओं से गहन चर्चा की प्रतीक्षा है।”

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हाल की मुलाकातें और संबंध

यह पहली बार नहीं है जब मोदी और शी जिनपिंग आमने-सामने होंगे। 2023 में जोहानिसबर्ग (दक्षिण अफ्रीका) और 2024 में कजान (रूस) में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं की बातचीत हो चुकी है। हाल ही में चीनी विदेश मंत्री वांग यी भी भारत आए थे और सीमा मामलों पर हुई 24वीं बैठक में शामिल हुए थे।

भारत-जापान वार्ता के बाद सीधा चीन दौरा

गौरतलब है कि चीन पहुंचने से ठीक पहले पीएम मोदी ने टोक्यो में जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ 15वीं भारत-जापान शिखर वार्ता की। इस वार्ता का उद्देश्य दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करना था। चीन की यात्रा, जापान के साथ इस वार्ता के तुरंत बाद होना, एशिया में भारत की सक्रिय भूमिका को दर्शाता है।

वैश्विक परिप्रेक्ष्य में SCO समिट

31 अगस्त से 1 सितंबर तक चलने वाली यह बैठक उस समय हो रही है जब पूरी दुनिया अमेरिका और चीन की आर्थिक नीतियों को लेकर चिंतित है। ट्रम्प प्रशासन द्वारा लगाए गए टैरिफ से भारत और चीन दोनों प्रभावित हैं। ऐसे में SCO समिट केवल सुरक्षा और आतंकवाद पर चर्चा का मंच नहीं, बल्कि आर्थिक और सामरिक साझेदारी का बड़ा अवसर भी बन सकता है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि इस दौरे के दौरान मोदी चीन से व्यापारिक रिश्तों को संतुलित करने और पड़ोसी देशों के साथ सहयोग को नए स्तर तक ले जाने की कोशिश करेंगे।

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