Technology
Mark Zuckerberg की कंपनी Meta पर अश्लील कंटेंट से AI ट्रेनिंग का आरोप, कंपनी बोली — “कर्मचारियों ने व्यक्तिगत उपयोग के लिए डाउनलोड किया”
Meta ने अदालत में कहा — कंपनी ने कभी पोर्नोग्राफिक वीडियो से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को ट्रेन नहीं किया, यह सब “अनुमानों और अफवाहों” पर आधारित है
टेक्नोलॉजी दिग्गज Meta Platforms एक नए विवाद में घिर गई है। कंपनी पर आरोप लगा है कि उसने पोर्नोग्राफिक वीडियो का इस्तेमाल अपने AI मॉडल्स को ट्रेन करने में किया। लेकिन मेटा ने इन सभी आरोपों को पूरी तरह झूठा और भ्रामक बताते हुए सख्त इंकार किया है।
अमेरिका की Strike 3 Holdings नामक कंपनी — जो खुद को “ethical adult film producer” कहती है — ने मेटा के खिलाफ कॉपीराइट उल्लंघन का मुकदमा दायर किया है। उनका दावा है कि मेटा ने उनकी हजारों फिल्मों को डाउनलोड कर अपने वीडियो जेनरेटर मॉडल “Movie Gen” को ट्रेन किया।
Meta का जवाब — “कर्मचारियों का व्यक्तिगत कृत्य”
Meta ने US District Court में दाखिल अपने जवाब में कहा कि ये आरोप पूरी तरह “अनुमान और ग़लतफहमी” पर आधारित हैं। कंपनी ने साफ किया कि अगर किसी ने वयस्क कंटेंट डाउनलोड किया है तो वह “कर्मचारियों द्वारा व्यक्तिगत उपयोग” के लिए था, न कि किसी भी AI ट्रेनिंग से जुड़ा हुआ।
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मेटा ने यह भी बताया कि जांच में कंपनी के सर्वर से केवल 22 वीडियो डाउनलोड के रिकॉर्ड मिले, जो किसी संगठित गतिविधि का हिस्सा नहीं थे। उनका कहना था, “यह अधिक संभावना है कि ये व्यक्तिगत डाउनलोड थे, न कि किसी AI रिसर्च प्रोजेक्ट का हिस्सा।”
Strike 3 Holdings के दावे
Strike 3 Holdings ने अदालत में कहा कि मेटा ने 2,400 से अधिक वयस्क फिल्मों को डाउनलोड करने के लिए “2,500 छिपे हुए IP एड्रेस” का इस्तेमाल किया और इसके जरिए अपने “Movie Gen” मॉडल को ट्रेन किया।
कंपनी ने $350 मिलियन के हर्जाने की मांग की है।
हालांकि मेटा ने अपने बचाव में कहा कि Strike 3 Holdings की छवि एक “copyright troll” जैसी है — यानी वह कंपनियों पर मुकदमे कर वित्तीय दबाव बनाती है।
Meta का कहना — “हम ऐसा कंटेंट नहीं चाहते”
मेटा के प्रवक्ता ने ArsTechnica से कहा,

“हम इस तरह के कंटेंट को बिल्कुल नहीं चाहते और अपनी AI ट्रेनिंग में इसे रोकने के लिए स्पष्ट कदम उठाते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि कंपनी की नीतियाँ किसी भी तरह की adult content generation पर सख्त रोक लगाती हैं, इसलिए यह दावा कि मेटा ने ऐसा कंटेंट ट्रेनिंग में इस्तेमाल किया, “तर्कहीन और गलत” है।
मामला कैसे शुरू हुआ?
Strike 3 के अनुसार, मेटा द्वारा ये डाउनलोड 2018 से शुरू हुए थे — यानी उस समय जब कंपनी ने AI Video Research पर काम भी शुरू नहीं किया था। यह बात अपने आप में संकेत देती है कि आरोपों का कोई ठोस आधार नहीं है।
मेटा ने कोर्ट में यह भी कहा कि Strike 3 ने यह तक स्पष्ट नहीं किया कि:
- डाउनलोड करने वाले लोग वास्तव में मेटा के कर्मचारी थे या नहीं
- क्या उन डाउनलोड का उपयोग किसी AI ट्रेनिंग में किया गया
- कौन-से विशेष मॉडल या डेटा से ये जुड़ा था
अन्य विवादों से भी घिरी Meta
हाल ही में Reuters की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि मेटा के कुछ AI चैटबॉट्स बच्चों के साथ “रोमांटिक या संवेदनशील” बातचीत कर रहे थे। इस रिपोर्ट के बाद कंपनी ने अपनी नीतियों में बदलाव किया और बच्चों की सुरक्षा के नए दिशा-निर्देश लागू किए।
विशेषज्ञों की राय
टेक विश्लेषकों का मानना है कि मेटा पर यह मुकदमा ऐसे समय में आया है जब दुनिया भर में AI Training Ethics को लेकर गंभीर बहस चल रही है। कंपनियों से पारदर्शिता की अपेक्षा बढ़ रही है कि वे किस प्रकार का डेटा अपने AI को सिखाने में उपयोग करती हैं।
AI कानून विशेषज्ञों के अनुसार, यदि अदालत मेटा के पक्ष में फैसला देती है, तो यह अन्य टेक कंपनियों के लिए भी एक मिसाल बनेगा कि “व्यक्तिगत कर्मचारी की गतिविधि” को कंपनी की ज़िम्मेदारी नहीं माना जा सकता।
निष्कर्ष
Mark Zuckerberg की कंपनी मेटा के लिए यह मुकदमा न केवल कानूनी चुनौती है बल्कि साख (reputation) की लड़ाई भी।
मेटा इस बात पर अड़ी है कि उसने किसी भी प्रकार का अश्लील डेटा अपने AI मॉडल्स में इस्तेमाल नहीं किया। वहीं Strike 3 Holdings अपने दावे पर कायम है।
अब अदालत का फैसला यह तय करेगा कि क्या यह मामला वास्तव में AI के दुरुपयोग का है या फिर सिर्फ एक और कॉपीराइट ब्लफ़।
