Crime
कालीगंज उपचुनाव जीत के जश्न से पहले बम धमाका: मासूम बच्ची की मौत से मचा हड़कंप
टीएमसी ने कालीगंज सीट पर बड़ी जीत दर्ज की, लेकिन विस्फोट ने जश्न को मातम में बदला; बीजेपी ने लगाया बम इंडस्ट्री का आरोप

पश्चिम बंगाल की राजनीति में कालीगंज विधानसभा उपचुनाव एक तरफ जहां तृणमूल कांग्रेस (TMC) के लिए जीत का जश्न लेकर आया, वहीं दूसरी ओर एक मासूम बच्ची की मौत ने पूरे इलाके को दहला दिया। नदिया जिले के कालीगंज में मतगणना के दौरान हुए बम विस्फोट ने सबको स्तब्ध कर दिया।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, सत्ताधारी दल की उम्मीदवार अलीफा अहमद ने बीजेपी के आशीष घोष को भारी अंतर — 50,049 वोटों से — मात देकर कालीगंज सीट अपने नाम की। लेकिन इस जीत के ऐलान से ठीक पहले हुए धमाके ने जश्न को गहरे मातम में बदल दिया।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि वे इस दुखद घटना से स्तब्ध हैं। उन्होंने शोक जताते हुए भरोसा दिलाया कि पुलिस दोषियों के खिलाफ कड़ी और निर्णायक कार्रवाई करेगी। पुलिस ने बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और विस्फोट के पीछे की वजह तलाशने में जुटी है।
वहीं दूसरी ओर विपक्ष हमलावर हो गया है। बीजेपी नेता अग्निमित्रा पॉल ने टीएमसी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ममता बनर्जी ने बंगाल में ‘बम उद्योग’ खड़ा किया है। उनका आरोप है कि टीएमसी के गुंडे धमकी और डर के दम पर चुनाव जीतते हैं और असली बमों से जीत का जश्न मनाते हैं।
वामपंथी दलों ने भी दावा किया कि मरने वाली बच्ची उनके एक कार्यकर्ता के परिवार से थी। यह घटना न केवल बंगाल की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है, बल्कि सत्ता पक्ष को भी कटघरे में खड़ा कर रही है।
जहां एक तरफ तृणमूल कांग्रेस अपनी जीत पर खुशी जाहिर कर रही है, वहीं मासूम बच्ची की मौत ने राज्य की राजनीति में संवेदना और आक्रोश दोनों जगा दिए हैं। अब देखना होगा कि ममता सरकार दोषियों को कब और कैसे सजा दिलाती है और क्या यह घटना आगामी लोकसभा चुनावों में भी कोई असर छोड़ेगी।
