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Donald Trump की एशिया यात्रा शुरू: चीन, व्यापार और शांति पर उठे 5 बड़े सवाल
मलेशिया, जापान और दक्षिण कोरिया के दौरे पर निकले ट्रंप, शी जिनपिंग से संभावित मुलाकात से बढ़ी दुनिया की निगाहें
अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump ने शुक्रवार को अपनी बहुचर्चित एशिया यात्रा की शुरुआत की, जिसका मकसद माना जा रहा है – चीन के साथ तनाव कम करना, दक्षिण पूर्व एशिया में व्यापारिक रिश्ते सुधारना और क्षेत्रीय स्थिरता को नई दिशा देना। यह जनवरी में राष्ट्रपति पद संभालने के बाद ट्रंप का अब तक का सबसे लंबा विदेशी दौरा है।
पांच दिन की इस यात्रा में ट्रंप मलेशिया, जापान और दक्षिण कोरिया का दौरा करेंगे, जबकि महीने के अंत में वे दक्षिण कोरिया के ग्योंगजू में होने वाले APEC शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर सकते हैं।
व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने बताया कि ट्रंप और शी की मुलाकात गुरुवार को संभव है, हालांकि चर्चा के विषयों पर कोई औपचारिक विवरण जारी नहीं किया गया।

1. क्या ट्रंप की शी जिनपिंग से मुलाकात होगी?
इस यात्रा का सबसे बड़ा आकर्षण ट्रंप और शी जिनपिंग की संभावित मुलाकात मानी जा रही है। यह बातचीत ऐसे समय में हो सकती है जब चीन और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव चरम पर है।
ट्रंप पहले ही संकेत दे चुके हैं कि अमेरिका चीन से आने वाले निर्यात पर टैरिफ घटाने के लिए तैयार है, लेकिन इसके बदले बीजिंग को भी कुछ रियायतें देनी होंगी — जैसे अमेरिकी सोया उत्पादों की खरीद फिर शुरू करना और फेंटानिल ड्रग्स के अवैध निर्यात पर रोक लगाना।
हालांकि अगर यह बातचीत असफल रहती है, तो इससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर और गहरा असर पड़ सकता है।
2. क्या दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए नए व्यापार समझौते होंगे?
ट्रंप का आसियान (ASEAN) सम्मेलन में हिस्सा लेना भी काफी महत्वपूर्ण है। यह सम्मेलन कुआलालंपुर, मलेशिया में रविवार को होगा। ट्रंप आखिरी बार 2017 में आसियान मीटिंग में शामिल हुए थे।
दक्षिण-पूर्व एशिया के 10 देशों ने पिछले साल अमेरिका को 312 अरब डॉलर का निर्यात किया था, जो 2017 के मुकाबले दोगुना है। ऐसे में ट्रंप की नई नीतियों से यह तय होगा कि अमेरिका का व्यापारिक झुकाव चीन की जगह इस क्षेत्र की ओर बढ़ेगा या नहीं।
3. क्या ट्रंप एक और ‘युद्ध’ खत्म कर पाएंगे?
ट्रंप की यात्रा का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चल रहे संघर्ष से जुड़ा है। पिछले जुलाई में दोनों देशों की सीमा पर हुए हिंसक झड़पों के बाद मलेशिया ने एक अस्थायी संघर्षविराम (ceasefire) कराया था।
अब खबर है कि ट्रंप इस मुद्दे पर शांति वार्ता को आगे बढ़ाने में दिलचस्पी दिखा सकते हैं। अगर यह प्रयास सफल रहता है, तो ट्रंप खुद को “ग्लोबल पीसमेकर” के रूप में पेश कर पाएंगे।

4. क्या ट्रंप फिर से किम जोंग-उन से मिलेंगे?
अभी तक ऐसी संभावना कम है कि ट्रंप उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन से इस दौरे के दौरान मिलेंगे। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक CNN ने रिपोर्ट किया है कि अमेरिकी अधिकारी इस पर चर्चा कर रहे हैं।
ट्रंप ने अगस्त में कहा था कि वे “उचित समय” पर अपने “मित्र किम” से मिलना चाहेंगे। इससे पहले 2018 और 2019 में हुई तीनों मुलाकातें बेनतीजा रहीं, लेकिन वॉशिंगटन में अभी भी उम्मीद है कि इस बार ट्रंप “न्यूक्लियर डील 2.0” का रास्ता खोल सकते हैं।
5. क्या जॉर्जिया में ICE छापे से दक्षिण कोरिया नाराज़ है?
पिछले महीने अमेरिका के जॉर्जिया राज्य में एक दक्षिण कोरियाई बैटरी फैक्ट्री पर हुई ICE (Immigration and Customs Enforcement) की रेड से सियोल में भारी नाराज़गी है।
करीब 300 दक्षिण कोरियाई नागरिकों को हिरासत में लिया गया था, जिन पर अवैध रूप से काम करने का आरोप था। हालांकि, दोनों देशों के बीच यह मुद्दा अभी शांत नहीं हुआ है।
ट्रंप की बुधवार को दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे-म्यंग से मुलाकात तय है, जिसमें यह मुद्दा बातचीत का अहम हिस्सा रह सकता है।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप की यह एशिया यात्रा केवल एक कूटनीतिक दौरा नहीं, बल्कि उनके राष्ट्रपति कार्यकाल की दिशा तय करने वाला क्षण भी मानी जा रही है।
जहां एक ओर यह यात्रा चीन-अमेरिका रिश्तों में नई शुरुआत ला सकती है, वहीं दूसरी ओर यह दक्षिण-पूर्व एशिया में अमेरिका की भूमिका को भी परिभाषित कर सकती है।
