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Coinbase ने जगा दी इंटरनेट की 30 साल पुरानी ‘402 कोड’ क्रांति – अब AI एजेंट खुद करेंगे ऑनलाइन पेमेंट!

HTTP 402 कोड जो तीन दशक से बेकार पड़ा था, अब Coinbase और Google जैसी कंपनियों ने उसे AI पेमेंट सिस्टम में बदल दिया है।

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Coinbase x402 AI Payment Revolution – 30 साल बाद इंटरनेट का पुराना कोड बना भविष्य की तकनीक
Coinbase ने HTTP 402 कोड को नया जीवन देकर AI एजेंट्स को बनाया ऑटोमैटिक पेमेंट मास्टर।

कभी आपने सोचा था कि इंटरनेट का कोई पुराना कोड एक दिन कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की दुनिया को हिला देगा? यही किया है Coinbase ने। उसने HTTP 402 नामक एक पुराने वेब कोड को फिर से जिंदा कर दिया है — और अब यही कोड डिजिटल पेमेंट्स की दुनिया में नया इतिहास लिख रहा है।

HTTP 402, जिसे “Payment Required” कोड कहा जाता है, 1990 के दशक में इंटरनेट के जनक टिम बर्नर्स-ली और उनकी टीम ने बनाया था। उस समय इसका मकसद था कि वेबसाइटें अपनी सामग्री देने से पहले यूज़र्स से पेमेंट मांग सकें। लेकिन टेक्नोलॉजी की सीमाओं और पेमेंट सिस्टम की कमी के कारण यह कोड 30 साल तक बेकार पड़ा रहा।

अब Coinbase ने इसे x402 प्रोटोकॉल के रूप में नया जीवन दिया है। इस तकनीक की मदद से AI एजेंट्स अब खुद ही पेमेंट कर सकते हैं — बिना किसी फॉर्म भरने, कार्ड सेव करने या मानव अनुमति के इंतज़ार के।

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Coinbase का यह सिस्टम Base नेटवर्क पर चलता है और इसमें ट्रांज़ैक्शन सिर्फ 2 सेकंड में पूरा हो जाता है। पेमेंट फीस नगण्य है — लगभग $0.0001 गैस फी में यह ट्रांज़ैक्शन हो जाता है, और यह USDC (डॉलर से जुड़ी स्थिर क्रिप्टोकरेंसी) में निपटता है। सबसे खास बात – इसमें चार्जबैक या रिफंड झंझट नहीं है।

x402 कैसे काम करता है?
यह पूरी प्रक्रिया बेहद आसान है – जब कोई AI एजेंट किसी सर्वर या API से डेटा मांगता है, तो सर्वर उसे एक 402 रिस्पॉन्स देता है जिसमें कीमत लिखी होती है। एजेंट उस कीमत का पेमेंट साइन करता है और तुरंत एक्सेस पा लेता है।

Coinbase x402 AI Payment Revolution – 30 साल बाद इंटरनेट का पुराना कोड बना भविष्य की तकनीक


इस बीच, PayAI जैसी कंपनियाँ (जो फिलहाल x402 ट्रैफिक का लगभग 14% संभाल रही हैं) ट्रांज़ैक्शन की पुष्टि कर देती हैं और उसे ब्लॉकचेन पर सेटल करती हैं।

इस मॉडल में सब्सक्रिप्शन, API कीज़ या मैनुअल अप्रूवल्स जैसी झंझटें खत्म हो गई हैं। अब हर सर्विस के लिए “Pay per Use” यानी “जितना इस्तेमाल, उतना भुगतान” का सीधा और तेज़ सिस्टम तैयार हो गया है।

सबसे दिलचस्प बात यह है कि इस प्रोजेक्ट को टेक जगत के दिग्गजों का साथ मिला है — Google ने इसे अपने सिस्टम में इंटीग्रेट किया है, Cloudflare ने Coinbase के साथ मिलकर x402 Foundation की स्थापना की है, और Visa ने भी इसमें निवेश किया है।

जब ये तीन दिग्गज किसी टेक इनोवेशन में हाथ मिलाते हैं, तो यह साफ संकेत होता है कि इंटरनेट और AI का भविष्य एक नए युग में प्रवेश कर रहा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में AI एजेंट्स खुद ही माइक्रो-पेमेंट्स करके डेटा, कंप्यूटिंग पावर या ऑनलाइन सर्विस खरीद सकेंगे। इसका मतलब है कि भविष्य में इंसान को हर बार “पे नाउ” बटन दबाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी — उसका डिजिटल असिस्टेंट खुद ही समझदारी से खर्च करेगा।

इंटरनेट के इतिहास में 30 साल से सोया हुआ यह “402 कोड” अब जाग चुका है — और Coinbase ने इसे एक नए AI पेमेंट रिवॉल्यूशन में बदल दिया है।

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