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उत्तर भारत की बारिश में आएगा बड़ा मोड़ मानसून ट्रफ के उत्तर की ओर खिसकने से बदलेगा मौसम का मिज़ाज
IMD के मुताबिक मानसून ट्रफ की दिशा में हुआ बदलाव, अगले सप्ताह उत्तर और मध्य भारत के कई राज्यों में होगी भारी से मध्यम बारिश, कुछ इलाकों में मिल सकती है राहत
देशभर में गर्मी और उमस से बेहाल लोगों के लिए एक नई राहतभरी खबर सामने आई है। मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने जानकारी दी है कि भारत का मुख्य मानसून ट्रफ अब उत्तर की ओर खिसक गया है, जिससे उत्तर और मध्य भारत के मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
मानसून ट्रफ यानी वो रेखा जहां निम्न दबाव की प्रणाली बनती है, उसका उत्तर की ओर खिसकना बारिश के लिहाज़ से बेहद महत्वपूर्ण है। इस बदलाव से अगले सप्ताह उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड और हरियाणा जैसे राज्यों में मध्यम से भारी बारिश के आसार बन रहे हैं।
किन राज्यों में होगी बारिश?
- उत्तर प्रदेश: पूर्वी हिस्सों में भारी बारिश की संभावना, जबकि पश्चिमी यूपी में हल्की से मध्यम वर्षा।
- बिहार: पटना, गया और भागलपुर सहित कई ज़िलों में अगले 3–4 दिन तक रुक-रुक कर बारिश होने के आसार।
- मध्य प्रदेश: जबलपुर, रीवा और होशंगाबाद जैसे इलाकों में तेज़ बारिश की चेतावनी जारी।
- दिल्ली-एनसीआर: राजधानी और इसके आसपास के इलाकों में भी अगले हफ्ते से मौसम सुहावना हो सकता है।
- उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश: पर्वतीय इलाकों में बारिश के साथ-साथ भूस्खलन की चेतावनी भी दी गई है।
कहां मिलेगी राहत?
राजस्थान, गुजरात और पश्चिमी महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में फिलहाल मानसून ट्रफ की पहुंच कमज़ोर होने के कारण अस्थायी राहत मिल सकती है। हालांकि, तापमान में मामूली बढ़ोतरी के संकेत भी मिले हैं।
विशेषज्ञों का क्या कहना है?
भारतीय मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के अनुसार, मानसून ट्रफ का यह बदलाव मौसम की एक सामान्य लेकिन प्रभावी प्रक्रिया है। जब ट्रफ रेखा उत्तर की ओर शिफ्ट होती है, तब आमतौर पर उत्तर भारत के राज्यों में वर्षा बढ़ जाती है, जबकि दक्षिणी और पश्चिमी भारत में थोड़ी कमी देखी जाती है।
क्या अगले हफ्ते फिर बदलेगा ट्रेंड?
IMD के अनुसार, मौसम की यह स्थिति स्थायी नहीं है। 8–10 दिनों में फिर से ट्रफ की दिशा में बदलाव हो सकता है, जिससे कुछ राज्यों में बारिश की गतिविधियां तेज़ तो कुछ जगहों पर धीमी हो सकती हैं।
इस बीच लोगों से अपील की गई है कि भारी बारिश और जलभराव वाले क्षेत्रों में सतर्कता बरतें। खासकर पर्वतीय राज्यों में यात्रा करते समय स्थानीय प्रशासन की चेतावनी का पालन ज़रूर करें।
