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यशस्वी जायसवाल ने रचा इतिहास — 24 की उम्र से पहले सातवां शतक, अब सिर्फ सचिन और स्मिथ से पीछे
दिल्ली टेस्ट में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ यशस्वी जायसवाल ने ठोका करियर का सातवां टेस्ट शतक, बन गए भारत के सबसे युवा और भरोसेमंद ओपनर — अब सिर्फ सचिन तेंदुलकर और ग्रेम स्मिथ ही उनसे आगे।
नई दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में शुक्रवार का दिन भारतीय क्रिकेट के युवा सितारे यशस्वी जायसवाल के नाम रहा। इस 22 वर्षीय बल्लेबाज़ ने वेस्टइंडीज़ के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने टेस्ट करियर का सातवां शतक जड़ा। 145 गेंदों में खेली गई यह पारी न सिर्फ क्लासिक शॉट्स से भरी थी बल्कि यह उनके आत्मविश्वास और निरंतरता की झलक भी दिखा रही थी।
जायसवाल की यह पारी उन्हें दो विशेष क्लबों में ले आई — अब वह 24 साल से कम उम्र में सात टेस्ट शतक लगाने वाले दुनिया के दूसरे बल्लेबाज़ बन गए हैं। उनसे पहले यह कारनामा सिर्फ दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज ग्रेम स्मिथ ने किया था।
इतना ही नहीं, जायसवाल अब भारत के मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर** के बाद ऐसे दूसरे भारतीय बन गए हैं जिन्होंने 24 वर्ष की उम्र से पहले सबसे अधिक टेस्ट शतक लगाए हैं।
लंच के बाद बदला खेल का रुख
पहले सत्र में वेस्टइंडीज़ के गेंदबाज़ों ने संयमित गेंदबाज़ी की और भारत को 28 ओवर में सिर्फ 94 रन पर रोक दिया। हालांकि, लंच के बाद जायसवाल और बी. साई सुदर्शन ने मिलकर खेल का रुख पूरी तरह बदल दिया। दोनों बल्लेबाज़ों ने मिलकर तेज़ रफ्तार से रन बनाए और दूसरे सत्र के पहले 40 मिनट में ही हर ओवर में एक चौका निकाला।
इस दौरान भारत ने सिर्फ 10 ओवर में 52 रन जोड़ दिए, और पहले घंटे में ही 81 रन पूरे कर लिए। जायसवाल और सुदर्शन की साझेदारी ने मेहमान टीम को थका दिया।
जायसवाल ने इस पारी में 15 चौके और एक छक्का लगाया, और जब वह अपना बल्ला हवा में उठाकर दर्शकों का अभिवादन कर रहे थे, तो स्टेडियम तालियों की गूंज से भर उठा।

तीसरा शतक इस साल और करियर में सातवां
यह जायसवाल का तीसरा टेस्ट शतक है इस कैलेंडर वर्ष में। 2025 में अब तक उन्होंने आठ मैच खेले हैं और दो अर्धशतक भी लगाए हैं।
2024 में उन्होंने तीन टेस्ट शतक और कुल 1478 रन बनाए थे — औसत 54.74 के साथ। उनकी लगातार फॉर्म ने उन्हें भारत की बल्लेबाज़ी लाइन-अप का भरोसेमंद स्तंभ बना दिया है।
इंग्लैंड के खिलाफ पिछली सीरीज़ में भी जायसवाल ने कमाल किया था — उन्होंने पहले टेस्ट में 101 रन और आखिरी टेस्ट में 118 रन बनाए थे।
दिल्ली में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ यह उनका दूसरा शतक है। दिलचस्प बात यह है कि उनका पहला शतक भी वेस्टइंडीज़ के खिलाफ ही था — उनके डेब्यू टेस्ट में विंडसर पार्क (डोमिनिका) में, जहाँ उन्होंने 171 रन की ऐतिहासिक पारी खेली थी और कप्तान रोहित शर्मा के साथ 229 रन की साझेदारी की थी।
भविष्य का सितारा बनते जा रहे हैं जायसवाल
क्रिकेट विशेषज्ञ मानते हैं कि यशस्वी जायसवाल अब सिर्फ “उभरते खिलाड़ी” नहीं, बल्कि भारत के भविष्य के स्टार बल्लेबाज़ बन चुके हैं। पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने हाल ही में कहा था —
“यशस्वी में वो आत्मविश्वास है जो आपको विरले ही युवा खिलाड़ियों में देखने को मिलता है। वह सिर्फ रन नहीं बना रहा, बल्कि अपने खेल से टीम को दिशा दे रहा है।”
गिल की कप्तानी और जायसवाल की बल्लेबाज़ी ने भारतीय टीम को नई ऊर्जा दी है। टेस्ट फॉर्मेट में इन दोनों की जोड़ी आने वाले समय में भारत की रीढ़ साबित हो सकती है।
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