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“हम तो मैदान में मर रहे थे, और वो जैसे एसी में ट्रेडमिल पर दौड़ रहा था” — ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ ने याद किया विराट कोहली का वो जादुई दिन
ऑस्ट्रेलिया के तेज़ गेंदबाज़ केन रिचर्डसन ने 2017 के कोलकाता वनडे को याद करते हुए बताया कि कैसे विराट कोहली ने 40 डिग्री की गर्मी में भी मैदान पर सभी को पीछे छोड़ दिया था

विराट कोहली और फिटनेस — ये दो शब्द जैसे भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक-दूसरे के पर्याय बन चुके हैं। उम्र 37 के करीब पहुँचने के बावजूद कोहली की ऊर्जा और फिटनेस का स्तर आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा है। आने वाले रविवार को जब भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज़ की शुरुआत होगी, तब कोहली एक बार फिर उन्हीं कंगारू खिलाड़ियों के खिलाफ मैदान में उतरेंगे जिन पर कभी उन्होंने अपने जुनून और पसीने से दबदबा बनाया था।
इस बीच, ऑस्ट्रेलिया के तेज़ गेंदबाज़ केन रिचर्डसन (Kane Richardson) ने एक पुराना किस्सा याद करते हुए बताया कि आखिर क्यों विराट कोहली को “मानव से ऊपर का खिलाड़ी” कहा जाता है।
“हम मर रहे थे, और कोहली दौड़ रहा था जैसे एसी में”
रिचर्डसन ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के लिए जारी एक वीडियो में कहा —
“मुझे याद है 2017 में कोलकाता में खेले गए मैच का वो दिन कितना गर्म था। ऐसा लग रहा था जैसे हम मैदान में पिघल जाएंगे। लेकिन कोहली जैसे किसी एसी वाले ट्रेडमिल पर दौड़ रहे थे! वह 90 रन के आसपास रुके, मगर हर गेंद पर रन के लिए भाग रहे थे।”
उन्होंने आगे कहा —
“हम सब थक कर चूर थे। कोई बात नहीं कर रहा था, विकेट मिलने पर भी कोई आवाज़ नहीं निकाल रहा था। लेकिन विराट में अजीब सी एनर्जी थी। वह हर सिंगल पर दो दौड़ रहे थे। वहीं हम खड़े भी नहीं हो पा रहे थे।”
“मैथ्यू वेड उल्टी कर रहा था, पैट कमिंस बैठा था एस्की पर”
रिचर्डसन ने आगे बताया कि उस दिन मैदान पर हालत कितनी खराब थी —
“मैं बॉलिंग कर रहा था और मैथ्यू वेड (Matthew Wade) उल्टी कर रहा था। पैट कमिंस (Pat Cummins) एक एस्की (बर्फ के बॉक्स) पर बैठा था, और जब गेंद उसकी ओर आती तो वह मुश्किल से उठकर उसे पकड़ता। लेकिन विराट उस वक्त भी दौड़ रहे थे जैसे यह कोई ठंडी शाम हो।”
उस मैच के बाद रिचर्डसन ने महसूस किया कि कोहली का फिटनेस स्तर किसी भी सामान्य खिलाड़ी से कई गुना आगे है।

क्या हुआ था उस दिन के मैच में?
यह मुकाबला 21 सितंबर 2017 को कोलकाता के ईडन गार्डन्स (Eden Gardens) में खेला गया था। भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी की और विराट कोहली ने शानदार 92 रन बनाए।
कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) ने अपनी हैट्रिक के दम पर ऑस्ट्रेलिया को 50 रन से हराया, और भारत ने सीरीज़ 4-1 से जीत ली।
कोहली ने न केवल उस मैच में कप्तानी की बल्कि उस पूरे साल को अपने करियर का “गोल्डन ईयर” बना दिया था।
2017 — विराट का सुनहरा साल
2017 में कोहली का बल्ला जैसे आग उगल रहा था। उन्होंने सिर्फ 26 वनडे मैचों में 1,469 रन बनाए — औसत 76.84, और स्ट्राइक रेट लगभग 100।
इस दौरान उन्होंने 6 शतक और 7 अर्धशतक ठोके। अगले ही साल, यानी 2018 में, उन्होंने फिर दोहराया यह कमाल — 1,202 रन 133.65 की औसत से और 6 शतक के साथ।
यह वही दौर था जब कोहली को “रन मशीन” कहा जाने लगा और फिटनेस को क्रिकेट का धर्म बना दिया गया।
अब भी वही जुनून, वही पसीना
आज जब कोहली 37 की उम्र के करीब हैं, तब भी उनका फिटनेस रूटीन किसी 25 वर्षीय खिलाड़ी जैसा है। चाहे नेट प्रैक्टिस हो या मैच डे — वह पूरे जोश से मैदान पर उतरते हैं।
भारत के कई युवा खिलाड़ी, जैसे शुभमन गिल और रुतुराज गायकवाड़, खुले तौर पर मानते हैं कि कोहली की फिटनेस ने भारतीय क्रिकेट में नई संस्कृति बनाई है — जहां सिर्फ बल्लेबाज़ी या गेंदबाज़ी नहीं, बल्कि शरीर और मन दोनों की अनुशासन को सफलता की कुंजी माना जाता है।
विराट कोहली एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैदान पर उतरने वाले हैं। और अगर केन रिचर्डसन की यादें हमें कुछ सिखाती हैं — तो वह यह कि चाहे गर्मी हो या दबाव, कोहली हमेशा “एसी में ट्रेडमिल वाले मोड” में रहते हैं।
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