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अमेरिका सरकार बंद होने के कगार पर ट्रम्प टीम और डेमोक्रेट्स में टकराव तेज़
स्वास्थ्य सेवाओं और संघीय खर्च को लेकर समझौता अटका, सात हफ्तों तक ठप हो सकती हैं कई सेवाएं
अमेरिका एक बार फिर सरकारी शटडाउन (Government Shutdown) के मुहाने पर खड़ा है। यदि मंगलवार मध्यरात्रि तक कांग्रेस में कोई समझौता नहीं हुआ, तो लाखों अमेरिकी नागरिकों के जीवन पर असर डालने वाली कई संघीय सेवाएँ सात हफ्तों तक ठप हो जाएंगी।
इस बार का शटडाउन खास है क्योंकि इसका मुख्य कारण है डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन और डेमोक्रेटिक पार्टी के बीच स्वास्थ्य सुविधाओं और सरकारी खर्च को लेकर विवाद। डेमोक्रेट्स का कहना है कि वे तभी वोट देंगे जब स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जाएगा, जबकि ट्रम्प और रिपब्लिकन एक “क्लीन बिल” पर अड़े हैं।
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कौन-कौन सी सेवाएं रुकेंगी?
अगर शटडाउन हुआ तो कई सरकारी एजेंसियां काम करना बंद कर देंगी और लाखों कर्मचारी ‘फर्लो’ पर भेजे जाएंगे। हालांकि जीवन और संपत्ति की सुरक्षा से जुड़ी सेवाओं जैसे FBI, CIA, एयर ट्रैफिक कंट्रोल और सेना प्रभावित नहीं होंगी।
सोशल सिक्योरिटी के चेक जारी रहेंगे, वरिष्ठ नागरिक Medicare के तहत डॉक्टरों को दिखा सकेंगे, और वेटरन्स हेल्थकेयर सेवाएँ भी जारी रहेंगी। डाक सेवा भी शटडाउन से प्रभावित नहीं होगी क्योंकि यह टैक्स के बजाय अपनी सेवाओं से आय अर्जित करती है।

किन एजेंसियों पर सबसे ज्यादा असर?
- स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग (HHS): 80,000 में से लगभग 41% स्टाफ फर्लो पर जाएगा।
- CDC: बीमारियों की मॉनिटरिंग जारी रहेगी लेकिन जनता से संवाद सीमित हो जाएगा।
- FDA: नई दवा और मेडिकल डिवाइस एप्लिकेशन स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
- शिक्षा विभाग: 1,700 में से 1,500 कर्मचारी फर्लो पर जाएंगे, हालांकि छात्रवृत्ति और ऋण की किश्तें प्रभावित नहीं होंगी।
- राष्ट्रीय उद्यान (National Parks): कई पार्कों को बंद कर दिया जाएगा या सीमित स्टाफ के साथ चलाया जाएगा।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
अमेरिका के उपराष्ट्रपति JD वेंस ने शटडाउन का दोष डेमोक्रेट्स पर मढ़ा है। वहीं डेमोक्रेट्स का कहना है कि रिपब्लिकन स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर समझौता करने को तैयार नहीं हैं।
इतिहास से सबक
ट्रम्प के पहले कार्यकाल में 35 दिन का आंशिक शटडाउन हुआ था, जिसमें लगभग 3.4 लाख कर्मचारियों को काम से रोक दिया गया था। उस समय भी कई सेवाएं ठप हो गई थीं और अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा था।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार का शटडाउन भी अमेरिकी जनता और वैश्विक अर्थव्यवस्था दोनों के लिए गंभीर झटका साबित हो सकता है।

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