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यूरोपीय नेताओं ने Donald Trump का मज़ाक उड़ाया Armenia और Albania की गड़बड़ी पर
Copenhagen में हुई बैठक में Albanian PM Edi Rama ने Emmanuel Macron और Ilham Aliyev को चुटकी लेते हुए ट्रंप की गलती याद दिलाई

यूरोपियन पॉलिटिकल कम्युनिटी की बैठक में इस हफ्ते एक मज़ेदार पल देखने को मिला, जब अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति Donald Trump की बार-बार की गई भौगोलिक गलतियाँ नेताओं के बीच हंसी का कारण बन गईं।
डेनमार्क की राजधानी Copenhagen में आयोजित इस शिखर सम्मेलन में Albania के प्रधानमंत्री Edi Rama ने मज़ाकिया अंदाज में फ्रांस के राष्ट्रपति Emmanuel Macron और अज़रबैजान के राष्ट्रपति Ilham Aliyev से कहा –
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“आपको हमसे माफ़ी मांगनी चाहिए, क्योंकि आपने हमें उस शांति समझौते पर बधाई नहीं दी जो ट्रंप ने Albania और Azerbaijan के बीच कराया।”
यह सुनकर वहां मौजूद सभी नेता हँस पड़े और Aliyev तो ठहाके लगाने लगे। Macron ने तुरंत जवाब दिया – “मैं इसके लिए माफी चाहता हूँ।”

असल में यह चुटकी इसलिए भी दिलचस्प थी क्योंकि ट्रंप ने कई बार “Armenia” और “Albania” को ग़लत तरीके से आपस में बदल दिया है। उन्होंने पिछले महीने Fox News को दिए एक इंटरव्यू में दावा किया था –
“मैंने वो युद्ध खत्म कराए जो सालों से चलते आ रहे थे। Azerbaijan और Albania का विवाद, उनके प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति मेरे दफ्तर आए और मैंने सुलझाया।”
लेकिन हकीकत यह है कि ट्रंप की मध्यस्थता Armenia और Azerbaijan के बीच हुई थी, जिन्होंने व्हाइट हाउस में शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
ट्रंप की ऐसी ग़लतियाँ पहली बार नहीं हुईं। हाल ही में ब्रिटिश प्रधानमंत्री Keir Starmer के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा – “हमने Aber-baijan और Albania का विवाद सुलझाया।” न सिर्फ़ देश का नाम गलत लिया बल्कि देशों को पहचानने में भी गड़बड़ी कर बैठे।
इतना ही नहीं, 2023 के चुनावी प्रचार के दौरान उन्होंने हंगरी के प्रधानमंत्री Viktor Orbán को “Turkey का नेता” कह दिया और यहां तक दावा कर दिया कि हंगरी की सीमा रूस से लगती है। अगस्त 2024 में Vladimir Putin से मुलाक़ात से पहले ट्रंप ने कहा था – “हम रूस जा रहे हैं, यह एक बड़ा समझौता होगा।” जबकि बैठक वास्तव में Alaska में हुई थी।
विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप की ये भौगोलिक गलतियाँ सिर्फ़ मज़ाक की वजह नहीं हैं, बल्कि उनकी कूटनीतिक गंभीरता पर भी सवाल खड़ा करती हैं। वहीं, यूरोपियन लीडर्स इस मौके का इस्तेमाल हल्के-फुल्के माहौल बनाने में करते दिखे।