Sports
“मैं लेती हूँ ज़िम्मेदारी” — Smriti Mandhana ने इंग्लैंड के खिलाफ हार के बाद खुद को ठहराया दोषी
भारत की उप-कप्तान Smriti Mandhana ने England women’s cricket team से मिली चार रन की हार के बाद कहा — “मेरे आउट होने के बाद ही बल्लेबाज़ी ढह गई, शॉट चयन बेहतर हो सकता था।”
भारत की महिला क्रिकेट टीम — India women’s national cricket team — के लिए 2025 Women’s Cricket World Cup में इंग्लैंड के खिलाफ मुकाबला बेहद दर्दनाक साबित हुआ। टीम को सिर्फ चार रन से हार का सामना करना पड़ा, और इस हार की पूरी जिम्मेदारी उप-कप्तान Smriti Mandhana ने खुद ली।
मैच में इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 288 रनों का मजबूत लक्ष्य खड़ा किया। जवाब में भारत की शुरुआत शानदार रही — Mandhana ने कप्तान Harmanpreet Kaur के साथ 125 रन की साझेदारी और फिर Deepti Sharma के साथ 67 रन जोड़े। लेकिन जब Mandhana 94 गेंदों पर 88 रन बनाकर एक लूज़ शॉट खेलकर लॉन्ग-ऑफ पर आउट हुईं, तभी मैच का रुख अचानक पलट गया।
और भी पढ़ें : पलाश मुच्छल ने किया स्मृति मंधाना से शादी की पुष्टि: “जल्द ही वह इंदौर की बहू बनेंगी”
उनके आउट होने के तुरंत बाद Richa Ghosh ने कवर पर कैच थमाया और फिर Deepti Sharma भी स्लॉग शॉट खेलते हुए आउट हो गईं। टीम इंडिया लक्ष्य से सिर्फ चार रन दूर रह गई।
Mandhana ने क्या कहा?
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में Mandhana ने भावुक होकर कहा:
“मेरी पारी के बाद ही टीम में ढहावट शुरू हुई। शॉट चयन बेहतर हो सकता था, और इस गलती की जिम्मेदारी मैं खुद लेती हूँ।”

उन्होंने माना कि इतनी मजबूत शुरुआत के बाद जीत को गंवाना बेहद दुखद था। Mandhana ने यह भी जोड़ा कि टीम को अगले मैचों में शॉट चयन और रन रोटेशन दोनों पर ज़्यादा ध्यान देना होगा।
मैच की झलक — हार का कारण क्या रहा?
इंग्लैंड के गेंदबाज़ों ने आख़िरी दस ओवरों में शानदार वापसी की और भारत को दबाव में ला दिया।
भारतीय बल्लेबाज़ी में अनुभव की कमी दिखाई दी जब निर्णायक समय पर विकेट गिरते गए।
Mandhana का आउट होना मोड़ साबित हुआ — उस समय भारत को सिर्फ 65 रन चाहिए थे 8 ओवरों में।
इंग्लैंड की जीत ने उनके लिए सेमीफ़ाइनल का रास्ता खोल दिया, जबकि भारत की उम्मीदों पर पानी फिर गया।
नया उदाहरण: ज़िम्मेदारी की मिसाल
Smriti Mandhana का यह रवैया खेल भावना की बेहतरीन मिसाल है। जैसे किसी कंपनी में एक प्रोजेक्ट हेड सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार करे कि “मेरे निर्णय से टीम पिछड़ गई,” वैसे ही Mandhana ने अपनी गलती को खुले तौर पर स्वीकार किया। यह दर्शाता है कि असली नेतृत्व केवल जीत में नहीं बल्कि हार में भी जिम्मेदारी लेने में है।
आगे का रास्ता
- भारत को मानसिक दृढ़ता और आख़िरी ओवरों की रणनीति पर ध्यान देना होगा।
- कोच Amol Muzumdar की देखरेख में बल्लेबाज़ों को शॉट चयन और मैच-फ़िनिशिंग की ट्रेनिंग दी जाएगी।
- टीम को अगले मुकाबले में दोहराई गलतियों से बचकर नया आत्मविश्वास खड़ा करना होगा।
निष्कर्ष
इस हार ने भले ही भारत को अंक तालिका में पीछे धकेल दिया हो, लेकिन Smriti Mandhana के आत्म-निरीक्षण ने क्रिकेट जगत में एक बड़ा संदेश दिया है — कि जीत से बड़ी बात है “ईमानदारी से हार को स्वीकार करना”। अब देखना होगा कि भारत की यह युवा टीम अगले मुकाबले में कितनी मज़बूती से वापसी करती है।
