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5 बार Sanjay Dutt ने सेट पर नहीं की ये गुस्ताखी पिता के सामने Gen-Z को लेकर जताई नाराजगी
संजय दत्त ने बताया कैसे पिता सुनील दत्त के सामने कभी नहीं बैठते थे कुर्सी पर Gen-Z पर जताई नाराज़गी

बॉलीवुड के ‘बाबा’ कहे जाने वाले Sanjay Dutt आज भी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी दमदार मौजूदगी बनाए हुए हैं। Munna Bhai M.B.B.S. से लेकर KGF 2 तक, इस सुपरस्टार ने हर किरदार में अपनी छाप छोड़ी है। लेकिन हाल ही में एक इंटरव्यू में Sanjay Dutt ने न सिर्फ अपने पिता सुनील दत्त से जुड़े एक किस्से का जिक्र किया, बल्कि आज की पीढ़ी यानी Gen-Z की सोच पर भी सवाल उठा दिए।
65 वर्षीय अभिनेता ने बताया कि जब वो अपने पिता के साथ फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस की शूटिंग कर रहे थे, तो उन्होंने सेट पर कभी भी उनके सामने बैठने की हिम्मत नहीं की। Sanjay Dutt ने कहा, “मैं तो अपने डैड के सामने कुर्सी पर बैठ भी नहीं सकता था। उनकी इतनी इज्जत थी। पता नहीं आजकल की पीढ़ी को क्या हो गया है।”

इस बयान ने आज की युवा पीढ़ी की सोच और बड़ों के प्रति उनके व्यवहार को लेकर एक गंभीर चर्चा छेड़ दी है। जहां एक ओर Gen-Z स्वतंत्रता और दोस्ताना रिश्तों को प्राथमिकता देती है, वहीं संजय दत्त जैसे कलाकार आज भी अनुशासन और सम्मान को प्राथमिक मानते हैं।
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पिता से जुड़ी यादें और भावनाएं
सुनील दत्त, जो खुद एक दिग्गज अभिनेता और राजनेता रहे, Sanjay Dutt के लिए प्रेरणा का स्रोत रहे हैं। संजय बताते हैं कि उनके डैड कभी भी सीधे तारीफ नहीं करते थे। अगर उन्हें उनका काम अच्छा लगता था, तो बस इतना कहते थे – “हां, ठीक है।” लेकिन संजय को हमेशा महसूस होता था कि उनके पिता को उन पर गर्व है।

खुद कैसे पिता हैं संजय?
बात सिर्फ बीते दौर की नहीं है। Sanjay Dutt ने खुद के पेरेंटिंग स्टाइल पर भी बात की। उन्होंने कहा, “मैं शांत हूं लेकिन जब गुस्से में आता हूं तो बहुत सख्त हो जाता हूं।” बता दें कि संजय की पहली शादी से उनकी बेटी त्रिशाला दत्त हैं, जो न्यूयॉर्क में अपनी नानी के साथ रहती हैं, जबकि उनकी दूसरी पत्नी मान्यता दत्त के साथ उनके दो बच्चे शाहरान और इकरा रहते हैं।
फिल्मों से फिर छाएंगे ‘बाबा’
संजय दत्त का करियर एक बार फिर उफान पर है। 2025 और 2026 में उनकी कई बड़ी फिल्में आने वाली हैं, जिनमें अखंड 2, धुरंधर, द राजा साब, शेरा की कॉम पंजाबी, केडी – द डेविल और बाप शामिल हैं। साउथ सिनेमा में भी उनकी पहचान अब एक दमदार विलेन के रूप में बन चुकी है।
Gen-Z पर उनका तंज निश्चित ही एक विचारणीय बिंदु है। आज जहां सोशल मीडिया पर रिश्तों को हल्के में लिया जाता है, वहीं संजय दत्त की सोच एक गंभीर चेतावनी देती है कि सम्मान और संस्कार कभी आउटडेटेड नहीं होते।
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