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एशिया कप 2025 में रिंकू सिंह की राह मुश्किल, चयन में आ रहीं ये 3 बड़ी रुकावटें

रिंकू सिंह का एशिया कप टीम में चयन अब संदेह के घेरे में, चयनकर्ताओं के सामने तीन अहम कारण बन रहे हैं बाधा

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रिंकू सिंह का चयन संकट में, एशिया कप 2025 टीम में जगह मुश्किल
एशिया कप 2025 से पहले रिंकू सिंह की जगह खतरे में, चयन में बन रहीं बाधाएं

भारत की एशिया कप 2025 टीम का ऐलान कभी भी हो सकता है। मुंबई में मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर की अध्यक्षता में चयन बैठक शुरू हो चुकी है और फैंस बेसब्री से उस स्क्वॉड का इंतजार कर रहे हैं जो यूएई में अगले महीने मैदान में उतरने वाली है।

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इस बार कई बड़े नामों के चयन पर सवाल खड़े हैं, लेकिन चर्चा का सबसे बड़ा केंद्र बन चुके हैं रिंकू सिंह। कभी टीम इंडिया के सबसे भरोसेमंद फिनिशर माने जा रहे रिंकू का चयन इस बार मुश्किल नजर आ रहा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिंकू सिंह को लेकर चयनकर्ताओं की सोच अब पहले जैसी नहीं रही है। तीन बड़ी वजहें हैं, जो उनकी टीम में वापसी की उम्मीदों को कमज़ोर कर रही हैं।

जगह पाने की कड़ी टक्कर

टीम इंडिया के टी20 स्क्वॉड में जगह बनाना अब पहले से कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है। श्रेयस अय्यर, यशस्वी जायसवाल, रियान पराग जैसे युवा और फॉर्म में चल रहे बल्लेबाज़ों का भी दबाव चयनकर्ताओं पर है। वहीं, जितेश शर्मा को एक बैकअप विकेटकीपर के रूप में देखा जा रहा है जो कि फिनिशिंग की भूमिका भी निभा सकते हैं।

रिंकू के लिए अपनी भूमिका को और खास बनाने की ज़रूरत थी, पर चयन में भीड़ इतनी है कि सीमित विकल्पों में उन्हें प्राथमिकता मिलना मुश्किल है।

गेंदबाजी न कर पाना बन रहा कमजोरी

रिंकू की सबसे बड़ी तकनीकी कमजोरी यह है कि वह बॉलिंग ऑप्शन नहीं दे पाते। आज के टी20 क्रिकेट में अधिकतर बल्लेबाज़ गेंदबाज़ी में भी दो-तीन ओवर निकाल लेते हैं, जिससे कप्तान के पास एक अतिरिक्त विकल्प होता है।

हालांकि वह उत्तर प्रदेश प्रीमियर लीग में गेंदबाज़ी करते दिखे, लेकिन टीम इंडिया में उन्हें इस भूमिका में भरोसेमंद नहीं माना गया है। एकतरफा खिलाड़ी होना टी20 जैसे फॉर्मेट में उनकी उपयोगिता को कम करता है

ऑलराउंडरों ने बना दिया दबाव

रियान पराग और वाशिंगटन सुंदर जैसे ऑलराउंडरों ने रिंकू की जगह को और मुश्किल बना दिया है। दोनों ही बल्लेबाज़ी के साथ-साथ गेंदबाज़ी में भी टीम को संतुलन देते हैं। आईपीएल 2025 में रिंकू ने भले ही 153.73 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए हों, लेकिन वह सिर्फ 12 गेंदों का औसतन सामना कर पाए।

वहीं, सुंदर और पराग ने मैचों में गेंद और बल्ले दोनों से प्रभावी प्रदर्शन किया है, जो रिंकू के एकतरफा कौशल पर भारी पड़ता है।

क्या रिंकू का टीम इंडिया से पत्ता कटेगा?

इस समय स्थिति यह है कि अगर चयनकर्ता टीम के संतुलन को प्राथमिकता देते हैं तो रिंकू सिंह का टीम में शामिल होना मुश्किल है। हालांकि उनकी प्रतिभा पर कोई सवाल नहीं है, लेकिन सीमित स्लॉट और बहुआयामी खिलाड़ियों की मौजूदगी ने उनकी राहें कठिन बना दी हैं।

चयन समिति की बैठक जारी है और आने वाले कुछ घंटों में भारत की एशिया कप टीम की आधिकारिक घोषणा हो सकती है। तब तक के लिए रिंकू सिंह और उनके चाहने वालों को इंतजार करना होगा — एक मुश्किल फैसले का।

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