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अब कोई नया ‘मालिक’ आने वाला है: Royal Challengers Bengaluru (RCB) बिकने के कगार पर, दिग्गज कंपनियों की लाइन में प्रवेश
आईपीएल 2025 का खिताब जीतने के कुछ ही महीनों बाद RCB की बिक्री की संभावना — ब्रिटिश शराब कंपनी Diageo Plc की भारतीय सहायक United Spirits Ltd. ने मार्च 2026 तक नए मालिक खोजने का निर्णय लिया।
क्रिकेट प्रेमियों के लिए खुशियों का साल रहा था, जब RCB ने 18 साल के सूखे को तोड़कर Indian Premier League (आईपीएल) 2025 का खिताब अपने नाम किया। लेकिन अब उस जीत के तुरंत बाद ही एक ऐसा मोड़ आ गया है जिसने टीम के भविष्य को नया रूप दे दिया है। आइए समझते हैं, इस बदलाव के पीछे क्या है, कौन हैं संभावित खरीदार और यह क्रिकेट-व्यापार दुनिया में क्या संकेत दे रहा है।
क्या हुआ है?
RCB के वर्तमान मालिक, ब्रितानी शराब कंपनी Diageo की भारत-सहायक United Spirits Ltd. (USL) ने घोषणा की है कि उन्होंने अपनी फ्रैंचाइज़ी Royal Challengers Bengaluru के निवेश की “रणनीतिक समीक्षा” शुरू कर दी है और मार्च 2026 तक इसकी प्रक्रिया को पूरा करने की योजना बना रही है।
खबरों के अनुसार, टीम को बेचने का मूल्यांकन लगभग $2 बिलियन (करीब 17,000-18,000 करोड़) तक बैठाया गया है।
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क्यों बेचने की दिशा में कदम उठाया गया?
इस फैसले के पीछे कई कारण मिलते हैं — पहले, टीम ने हाल ही में अपना पहला खिताब जीता है, जिसका मतलब है कि ब्रांड वैल्यू अब बहुत ऊपर है।
दूसरे, USL-Diageo के व्यवसाय मॉडल में क्रिकेट फ्रैंचाइज़ी उनके मुख्य शराब-बिजनस से थोड़ा अलग दिशा में है—भारत में शराब व अन्य अल्कोहलिक उत्पादों के विज्ञापन पर नियम सख्त होते जा रहे हैं।
तीसरे, इस बीच टीम की विजय उत्सव-जुलूस के दौरान बेंगलुरु में हुए हादसे ने भी ब्रांड और प्रबंधन के लिए सजग संकेत छोड़े।
संभावित खरीदार: नाम और चर्चा
विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में RCB-खरीद के लिए कई दिग्गज कंपनियों व व्यक्तियों का नाम सामने आया है। उदाहरण के तौर पर:
- Adani Group — 17 लाख करोड़ की कंपनी, चर्चा में सबसे आगे।
- Serum Institute of India के सीईओ Adar Poonawalla भी पहले सामाजिक मीडिया पर इच्छा जता चुके हैं।
- JSW Group — दिल्ली कैपिटल्स में हिस्सेदारी रखने वाले, RCB में भी दिलचस्पी।
- इसके अतिरिक्त, कुछ निजी निवेश कंपनियाँ, देवलयानी इंटरनेशनल ग्रुप व यूएस-आधारित निवेशक भी चर्चा में हैं।
क्या यह सचमुच होगा?
हाँ और नहीं: खबरों में यह स्पष्ट किया गया है कि USL-Diageo ने अभी तक कोई फाइनल निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने यह भी कहा है कि “मीडिया रिपोर्ट्स स्पेकुलेटिव हैं” और “कोई चर्चा जारी नहीं है”।
तो यह कहना गलत न होगा कि प्रक्रिया पूर्व-चरण में है — खरीदार की तलाश, कीमत की रूपरेखा और समयसीमा तय होने की ओर कदम बढ़ रहे हैं, लेकिन अभी तक बदलाव को पक्का नहीं माना जा सकता।

इस फैसले का मतलब क्या है?
- क्रिकेट-व्यापार में नया मील का पत्थर: RCB जैसी लोकप्रिय टीम की बिक्री आईपीएल फ्रैंचाइज़ी मॉडल की स्वीकार्यता और आर्थिक शक्ति को दर्शाती है।
- ब्रांड-मान और कमर्शियल अवसर: RCB जीत के बाद ब्रांड वैल्यू तेजी से बढ़ी थी; यह मौका विक्रय के लिहाज से उपयुक्त लगता है।
- खेल और निवेश का मिलन: क्रिकेट अब सिर्फ खेल नहीं रहा—यह निवेश, ब्रांडिंग, ग्लोबल प्लेटफार्म का हिस्सा बन चुका है।
- स्थानीय नेतृत्व का महत्व: चर्चा में स्थानीय चेहरों और निवेशकों का नाम आता है, जो टीम-भूमि (बेंगलुरु) और राज्य-संबंध (कर्नाटक) से जुड़े हैं — जिससे भावनात्मक जुड़ाव और प्रशंसक-समर्थन दोनो काम में आएंगे।
आगे क्या देखने को मिलेगा?
- मार्च 2026 तक प्रोसेस पूरा होने की उम्मीद है — तब तक संभावित खरीदारों की सूची साफ होगी।
- कीमत, हिस्सेदारी (पूर्ण या आंशिक बिक्री), प्रबंधन हस्तांतरण जैसे मसले सामने आएँगे।
- टीम की ब्रांड-नीति, भावना, प्रशंसक-यारी में बदलाव हो सकते हैं — नया मालिक क्या दिशा लेगा, यह देखने के लिए होगा।
- आईपीएल-फ्रैंचाइज़ियों के लिए यह एक उदाहरण बनेगा — अगर RCB सफलतापूर्वक बिकती है, तो अन्य टीमों को भी बाजार में सक्रियता मिल सकती है।
