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राजेश खन्ना को जब सलमान खान ने बंगला बेचने का दिया ऑफर बर्बादी के कगार पर थे पहले सुपरस्टार

हिंदू सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना एक दौर में इतने टूट चुके थे कि ‘आशीर्वाद’ बंगला बेचने की नौबत आ गई थी

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हिंदू सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना एक दौर में इतने टूट चुके थे कि 'आशीर्वाद' बंगला बेचने की नौबत आ गई थी
राजेश खन्ना के बंगले 'आशीर्वाद' को लेकर सलमान खान के परिवार ने जताई थी रुचि, लेकिन अभिनेता ने ठुकराया प्रस्ताव

भारतीय सिनेमा में अगर किसी अभिनेता ने “सुपरस्टार” शब्द को सही मायनों में परिभाषित किया, तो वो थे राजेश खन्ना। 60 और 70 के दशक में लड़कियों की धड़कन बन चुके इस अभिनेता की दीवानगी का आलम यह था कि उन्हें खून से खत लिखे जाते थे और उनकी गाड़ी पर लड़कियां लिपस्टिक से अपने प्यार का इज़हार करती थीं। लेकिन किस्मत ने एक समय ऐसा मोड़ लिया कि The Kati Patang actor को अपने सबसे प्यारे बंगले ‘आशीर्वाद’ को बेचने तक की अफवाहों का सामना करना पड़ा।

राजेश खन्ना, जो कि हिंदू सिनेमा के पहले सुपरस्टार कहे जाते हैं, को उनके करियर के आखिरी वर्षों में आर्थिक संकट और फ्लॉप फिल्मों की मार झेलनी पड़ी। लगातार असफल होती फिल्मों और टैक्स बकाया की खबरों ने उन्हें मानसिक रूप से भी झकझोर कर रख दिया था। उसी दौरान एक खबर उड़ी कि वो अपना बंगला बेचने की सोच रहे हैं। और तब इस कहानी में एंट्री हुई सलमान खान के भाई सोहेल खान की।

हिंदू सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना एक दौर में इतने टूट चुके थे कि 'आशीर्वाद' बंगला बेचने की नौबत आ गई थी


The Bollywood producer and Salman’s brother सोहेल ने ‘आशीर्वाद’ को खरीदने में रुचि दिखाई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोहेल खान चाहते थे कि इस ऐतिहासिक बंगले को वो अपने नाम करें और इसके लिए उन्होंने स्क्रीनराइटर रूमी जाफरी को संपर्क किया। रूमी जाफरी को सलमान खान ने फोन कर बताया कि वह चाहते हैं कि राजेश खन्ना को यह ऑफर दिया जाए कि खान परिवार उनकी टैक्स की देनदारी चुका देगा, साथ ही ‘आशीर्वाद’ की कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हैं।

इतना ही नहीं, The Bajrangi Bhaijaan star ने यहां तक कह दिया कि वह राजेश खन्ना के प्रोडक्शन में मुफ्त में काम करने को तैयार हैं। ये सभी प्रस्ताव रूमी जाफरी ने लेकर जब ‘आनंद’ फेम अभिनेता के पास पहुंचे तो उन्हें उम्मीद थी कि राजेश खन्ना इस मदद को सराहेंगे।

लेकिन हुआ ठीक इसका उल्टा।

हिंदू सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना एक दौर में इतने टूट चुके थे कि 'आशीर्वाद' बंगला बेचने की नौबत आ गई थी


The Aradhana actor बेहद नाराज़ हो गए और रूमी जाफरी पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्होंने कहा, “मैं तुम्हें दामाद मानता हूं और तुम मेरे घर बेचने की बात लेकर आए हो। तुम मुझे सड़क पर लाना चाहते हो?” यह वाक्य उस superstar की पीड़ा और आत्मसम्मान को दर्शाता है जो एक समय देश का सबसे बड़ा चेहरा हुआ करता था।

‘आशीर्वाद’ बंगले की बात करें तो इसका भी एक दिलचस्प इतिहास है। यह बंगला मुंबई के कार्टर रोड पर स्थित है और इसे पहले भारत भूषण ने खरीदा था। फिर यह राजेंद्र कुमार के पास पहुंचा और आखिरकार The Bawarchi actor राजेश खन्ना ने 70 के दशक में इसे अपने नाम किया। यह सिर्फ एक बंगला नहीं, बल्कि भारतीय फिल्म इतिहास की कई यादों का गवाह है।

राजेश खन्ना के डाउनफॉल की कहानी हमें बताती है कि स्टारडम जितना तेज होता है, उसका गिरना भी उतना ही करारा हो सकता है। लेकिन इसके साथ ही यह भी दिखाता है कि कैसे एक सच्चा कलाकार अपने आत्मसम्मान के लिए किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करता