Connect with us

World News

H-1B वीज़ा पर ट्रंप की सख्ती के बीच Nvidia ने दिया भरोसा कंपनी उठाएगी पूरा खर्चा

Nvidia के सीईओ जेन्सेन हुआंग बोले – “इमिग्रेशन के बिना अमेरिका तकनीक में अग्रणी नहीं बन सकता”

Published

on

H-1B वीज़ा पर ट्रंप की पाबंदियों के बावजूद Nvidia करेगी स्पॉन्सरशिप, जेन्सेन हुआंग ने कर्मचारियों को दिलाया भरोसा
H-1B वीज़ा पर ट्रंप की पाबंदियों के बावजूद Nvidia करेगी स्पॉन्सरशिप, जेन्सेन हुआंग ने कर्मचारियों को दिलाया भरोसा

अमेरिका में H-1B वीज़ा को लेकर हाल ही में बड़ा बदलाव किया गया है। 19 सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस वीज़ा कार्यक्रम को सीमित करने के लिए एक घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर किए और हर आवेदन पर 100,000 डॉलर की भारी-भरकम फीस लगाने का ऐलान किया। ट्रंप का कहना है कि यह कदम अमेरिकी कंपनियों को स्थानीय कर्मचारियों को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

लेकिन इसी बीच दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी Nvidia ने अपने कर्मचारियों को राहत दी है। कंपनी के सीईओ जेन्सेन हुआंग ने स्पष्ट किया है कि Nvidia H-1B वीज़ा को स्पॉन्सर करना जारी रखेगी और इसके लिए लगने वाले सभी खर्चों को वह खुद वहन करेगी।

और भी पढ़ें : क्या बिग बॉस 19 की कंटेस्टेंट Tanya Mittal ने अपनी उम्र छिपाई फैंस कर रहे हैं Reddit पर खुलासा

जेन्सेन हुआंग का संदेश

बिज़नेस इनसाइडर की रिपोर्ट के अनुसार, हुआंग ने अपने कर्मचारियों को भेजे एक नोट में लिखा –
“मैं भी Nvidia में एक इमिग्रेंट हूं। अमेरिका ने हमें जो अवसर दिए, उन्होंने हमारी ज़िंदगी बदल दी। Nvidia का चमत्कार आप सबकी वजह से और दुनिया भर से आए टैलेंट की वजह से संभव हुआ। हम H-1B आवेदकों को स्पॉन्सर करना जारी रखेंगे और सभी खर्चों को कवर करेंगे।”

उन्होंने यह भी कहा कि “लीगल इमिग्रेशन ज़रूरी है ताकि अमेरिका तकनीक और नए विचारों में दुनिया का नेतृत्व करता रहे।”

ट्रंप प्रशासन का पक्ष

ट्रंप ने इस फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि उद्देश्य “अमेरिकन वर्कर्स को नौकरी देने का प्रोत्साहन” है। वहीं अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटनिक ने भी इस कदम का बचाव किया और कहा कि इतनी बड़ी फीस के बाद कंपनियों के लिए विदेशी कर्मचारियों को रखना आर्थिक रूप से असंभव होगा।

कानूनी चुनौती

हालांकि, इस फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है। कैलिफोर्निया की नॉर्दर्न डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में यूनियनों, शिक्षा संस्थानों और धार्मिक संगठनों ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। उनका कहना है कि यह शुल्क “अभूतपूर्व, अनुचित और गैरकानूनी” है। शिकायत में यह भी कहा गया कि राष्ट्रपति को कांग्रेस द्वारा बनाए गए कानूनों को एकतरफा बदलने का अधिकार नहीं है।

टेक कंपनियों की चिंता

अमेरिका की कई टेक कंपनियां विदेशी टैलेंट पर निर्भर हैं। विशेषकर गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, मेटा और अमेज़न जैसी कंपनियों ने पहले भी चेतावनी दी थी कि H-1B वीज़ा पर रोक लगाने से अमेरिका में इनोवेशन और वैश्विक प्रतिस्पर्धा पर नकारात्मक असर पड़ेगा। Nvidia का यह कदम न सिर्फ अपने कर्मचारियों को भरोसा देता है बल्कि अन्य कंपनियों पर भी दबाव बनाता है कि वे विदेशी टैलेंट को सहयोग देना जारी रखें।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *