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Bazball कहाँ है लॉर्ड्स में मोहम्मद सिराज का जो रूट पर करारा हमल शुभमन गिल भी दिखे आक्रामक मूड में
भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट में ‘बाज़बॉल’ के गायब होने पर भारतीय खिलाड़ियों ने की स्लेजिंग की बौछार, कप्तान शुभमन गिल का बयान बना चर्चा का विषय

लॉर्ड्स टेस्ट के पहले दिन जब इंग्लैंड की टीम ने आक्रामक बाज़बॉल क्रिकेट को छोड़कर पारंपरिक टेस्ट शैली अपनाई, तो भारतीय खेमे में हलचल मच गई। लेकिन यह हलचल बल्लेबाज़ी या गेंदबाज़ी की नहीं, बल्कि तीखी स्लेजिंग की थी – जो मैदान पर इंग्लिश खिलाड़ियों को हर गेंद पर परेशान कर रही थी।
सबसे पहले निशाने पर आए जो रूट, जिन्हें मोहम्मद सिराज ने ठहाकों और चुटीले शब्दों में घेरा – “बाज़, बाज़, बाज़बॉल! खेलो बाज़बॉल, देखना है बाज़बॉल!” यह बात सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, और क्रिकेट फैंस इसे “लॉर्ड्स स्लेज वॉर” कहकर पुकार रहे हैं।
कप्तान शुभमन गिल भी दिखे ‘विराट’ अंदाज़ में
जहाँ आमतौर पर शांत माने जाने वाले शुभमन गिल एक गंभीर कप्तान के रूप में नजर आते हैं, वहीं इस मैच में उन्होंने स्लेजिंग का नेतृत्व किया। दूसरे सत्र में गिल ने ओली पोप और जो रूट को सीधे ललकारते हुए कहा – “अब कोई एंटरटेनिंग क्रिकेट नहीं… वापस आ गए हो बोरिंग टेस्ट क्रिकेट में।”
गिल की आक्रामकता ने टीम इंडिया में नई ऊर्जा भर दी, और दर्शकों ने भी मैदान पर इस जबरदस्त जज्बे का जमकर लुत्फ उठाया।
चेतन शर्मा का बयान – गिल में दिखती है धोनी और कपिल देव की झलक
पूर्व चीफ सेलेक्टर चेतन शर्मा ने NDTV से बात करते हुए गिल की कप्तानी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, “गिल में एमएस धोनी की ठंडक और कपिल देव की आक्रामकता का अनोखा मेल है। वह न तो हार में घबराते हैं, और न जीत में बहकते हैं। टीम को हर हाल में जीत दिलाना उनका उद्देश्य है।
इंग्लैंड की धीमी बल्लेबाज़ी बनी ट्रोलिंग का कारण
जहाँ इंग्लैंड ने पहले सत्र में 83 रन 3.32 की दर से बनाए, वहीं लंच से टी ब्रेक तक यह दर गिरकर 2.91 हो गई। स्लेजिंग का असर इतना था कि इंग्लिश बल्लेबाज़ ना तो स्ट्राइक रोटेट कर पाए और ना ही बाज़बॉल जैसी कोई झलक दिखी।
‘बाज़बॉल’ की कब्रगाह बनता लॉर्ड्स?
इस टेस्ट में जो कुछ देखने को मिला, उससे यह तो तय है कि इंग्लैंड का एग्रेसिव क्रिकेट भारत के अनुशासित प्लान के आगे टिक नहीं पाया। फील्डिंग सेटअप, गेंदबाज़ों की लाइन-लेंथ और कप्तान गिल की चालें – सबने मिलकर इंग्लैंड की नई शैली को ठंडा कर दिया।
अब देखना यह है कि क्या रूट एंड कंपनी अगली पारी में बाज़बॉल के रंग में लौटेगी या फिर भारत की जुबानी बाउंसर उन्हें वापस ड्रेसिंग रूम भेजती रहेगी।