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Metro In Dino Review: अनुराग बसु ने इश्क़ को शहरों की धड़कन बना दिया, ये फिल्म नहीं… एक एहसास है!

पंकज त्रिपाठी, कोंकणा सेनशर्मा से लेकर सारा अली खान तक – हर किरदार दिल को छूता है, हर कहानी कुछ कहती है

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Metro In Dino Review in Hindi: अनुराग बसु की रोमांटिक एंथोलॉजी ने दिलों को फिर से भीगा दिया
Metro... In Dino की कहानियां दिल से निकली और बारिश में भीगती हुई आत्मा तक पहुंचीं – अनुराग बसु का इश्क़नामा!

बारिश की पहली बूंदें जैसे दिल में कुछ खास महसूस कराती हैं, वैसी ही है अनुराग बसु की नई फिल्म ‘Metro… In Dino’। यह कोई साधारण प्रेम कथा नहीं, बल्कि प्यार के हर रंग की सजीव पेंटिंग है — जिसमें भीगते हुए शहर हैं, अकेलेपन से जूझते लोग हैं, और उनके दिलों में छुपी अधूरी कहानियां हैं।

अनुराग बसु इस फिल्म में अपने क्लासिक स्टाइल में लौटे हैं — जैसा उन्होंने Life in a… Metro में किया था — लेकिन इस बार वह और भी गहराई से उतरते हैं। Metro… In Dino एक संगीतमय एंथोलॉजी है, जो मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली, पुणे और कोलकाता जैसे शहरों में बसी चार जोड़ियों की कहानियों को बुनती है।

फिल्म में सबसे मजबूत आधार बनते हैं पंकज त्रिपाठी, जो ‘मोंटी सिसोदिया’ के किरदार में अपनी सादगी और भावनात्मक ताकत से दर्शकों को जकड़ लेते हैं। उनकी लाइन, “दो अजनबी, अनजाना सफर… कुछ नहीं बना तो कहानी बनेगी,” सीधे दिल में उतरती है।


कोंकणा सेन शर्मा और त्रिपाठी एक ऐसे दंपति की भूमिका में हैं जो अपने रिश्ते की खोई हुई गर्माहट को खोज रहे हैं। वहीं, नीना गुप्ता और अनुपम खेर दो ऐसे दिलों की कहानी बताते हैं जो कभी अपने हिस्से की मोहब्बत नहीं पा सके।

अली फज़ल और फातिमा सना शेख के बीच का रिश्ता अधूरेपन और आत्म-अस्तित्व की लड़ाई से जूझता दिखता है। एक वीडियो कॉल पर अली का ब्रेकडाउन शायद फिल्म का सबसे असरदार दृश्य है — बिना बड़े डायलॉग्स के, एक आदमी की चुप दर्द बयां कर जाती है।

सारा अली खान और आदित्य रॉय कपूर की जोड़ी भाग्य की लकीर पर चलती है — अचानक हुई मुलाकातें और धीरे-धीरे पनपता इश्क।

फिल्म के दृश्यों में बारिश सिर्फ मौसम नहीं, बल्कि एक किरदार की तरह नज़र आती है। भीगे फुटपाथ, बस स्टॉप पर इंतज़ार, और छत पर बैठी बातचीत — सबकुछ इतना असली लगता है कि मानो हमने ये पल खुद जीए हों।

प्रीतम चक्रवर्ती का संगीत फिल्म की आत्मा है। यह सिर्फ बैकग्राउंड स्कोर नहीं, बल्कि कहानियों का हिस्सा बन जाता है। गाने दिल में उतर जाते हैं — जैसे Life in a… Metro में केके की आवाज़ आज भी याद रहती है।

फिल्म में कुछ सरप्राइज भी छुपे हैं — अनुराग बसु का कैमियो, इम्तियाज़ अली का खुद को निभाना और एक Guddu-Kaleen Bhaiya मोमेंट जो Mirzapur फैंस को मुस्कुराने पर मजबूर कर देगा।

Metro… In Dino कोई ड्रामा नहीं है, यह ज़िंदगी की सादगी का उत्सव है — जिसमें प्रेम, पछतावा, और एक नई शुरुआत की झलक मिलती है।