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शेफाली वर्मा का अर्धशतक फीका पड़ा, फिर भी भारत ने ऑस्ट्रेलिया को सीरीज में दी मात
आखिरी वनडे में मिली 9 विकेट की हार के बावजूद भारतीय महिला ‘ए’ टीम ने 2-1 से सीरीज अपने नाम की, शेफाली वर्मा और यास्तिका भाटिया का शानदार प्रदर्शन

भारतीय महिला ‘ए’ टीम को तीन मैचों की वनडे सीरीज के आखिरी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया महिला ‘ए’ टीम के हाथों करारी 9 विकेट की हार झेलनी पड़ी। लेकिन इस हार के बावजूद भारतीय टीम ने सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली।
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पहले दो मुकाबले भारत ने कड़े संघर्ष में जीते थे—पहला 3 विकेट से और दूसरा 2 विकेट से। ऐसे में तीसरे मैच में भारत के पास क्लीन स्वीप करने का मौका था, लेकिन एलिसा हीली की धुआंधार शतकीय पारी ने मेज़बानों को जीत दिला दी।
शेफाली वर्मा का विस्फोटक अर्धशतक
ब्रिस्बेन में खेले गए निर्णायक मुकाबले में भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की। टीम की शुरुआत अच्छी रही जब शेफाली वर्मा ने आक्रामक अंदाज में खेलते हुए सिर्फ 59 गेंदों में 52 रन बनाए। उनकी पारी में 7 चौके शामिल रहे और उनका स्ट्राइक रेट 88.13 रहा।
शेफाली के बाद यास्तिका भाटिया ने 54 गेंदों में 42 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली। सलामी जोड़ीदार नंदिनी कश्यप ने भी 28 रन जोड़े। लेकिन मिडिल ऑर्डर बिखर गया और पूरी टीम 47.4 ओवर में 216 रन पर ऑलआउट हो गई।

ताहलिया मैकग्राथ का ऑलराउंड जलवा
ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी में ताहलिया मैकग्राथ ने सबसे ज़्यादा प्रभावित किया। उन्होंने 3 विकेट चटकाए और भारतीय बल्लेबाजी की रीढ़ तोड़ दी। उनके अलावा एला हेवर्ड, अनिका लियरॉयड और सियाना जिंजर ने 2-2 विकेट लिए।
एलिसा हीली की आंधी में उड़ी टीम इंडिया
217 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलिया महिला ‘ए’ टीम ने भारतीय गेंदबाजी की धज्जियाँ उड़ा दीं। एलिसा हीली ने ताबड़तोड़ 137 रन (85 गेंद, SR 161.17) की नाबाद पारी खेली, जिसमें उन्होंने चौकों और छक्कों की बरसात कर दी।
उनका साथ दिया ताहलिया विल्सन ने, जिन्होंने 51 गेंदों पर 59 रन बनाए। तीसरे क्रम की राचेल ट्रैनमैन भी 21 रन बनाकर नाबाद रहीं।
ऑस्ट्रेलिया ने यह लक्ष्य सिर्फ 27.5 ओवर में हासिल कर लिया। भारत के लिए एकमात्र सफलता कप्तान राधा यादव ने दिलाई।
सीरीज जीत का संतोष, लेकिन सुधार की ज़रूरत
हालांकि, अंतिम मैच की हार निराशाजनक रही, लेकिन पूरी सीरीज को देखें तो भारतीय महिला ‘ए’ टीम की यह जीत महत्वपूर्ण है। नई खिलाड़ियों को अनुभव मिला और शेफाली वर्मा, यास्तिका भाटिया और नंदिनी कश्यप जैसी खिलाड़ियों ने बेहतर प्रदर्शन कर भविष्य के लिए उम्मीद जगाई।
सीरीज के दो करीबी मुकाबलों में जीत और तीसरे मैच की हार से यह साफ है कि टीम को बॉलिंग यूनिट में स्थिरता और डेथ ओवरों में अनुशासन लाने की जरूरत है।