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IAS अफसर संकृति जैन को दिया गया शाही विदाई समारोह, सोने की पालकी पर बैठकर हुईं रवाना
सेनी कलेक्टर के पद से भोपाल स्थानांतरित हुईं संकृति जैन, साथ में थीं उनकी दो बेटियां – सहयोगियों ने कंधों पर उठाकर दी विदाई

मध्यप्रदेश के सिवनी जिले से स्थानांतरित हुईं 2015 बैच की IAS अफसर संकृति जैन को ऐसा शाही विदाई समारोह मिला जिसकी चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है। संकृति जैन को उनके सहयोगियों ने सोने की पालकी पर बैठाकर विदा किया। इस दौरान उनकी दो छोटी बेटियां भी उनके साथ थीं।
यह विदाई समारोह सिवनी के नए कलेक्टर शीतला पाटले के स्वागत और संकृति जैन को अलविदा कहने के लिए आयोजित किया गया था। इंटरनेट पर वायरल हो रहे वीडियो में संकृति जैन को सुनहरी पालकी पर बैठा देखा जा सकता है, जिसे उनके स्टाफ और सहयोगी कंधों पर उठाए हुए थे।

नई जिम्मेदारी
संकृति जैन को अब भोपाल नगर निगम (BMC) के आयुक्त का पदभार सौंपा गया है। इसके साथ ही उन्हें मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड का अतिरिक्त प्रबंध निदेशक (Additional MD) भी नियुक्त किया गया है।
संकृति जैन का सफर
- जन्म: 14 फरवरी 1989, श्रीनगर
- परिवार: पिता वायुसेना में फाइटर पायलट रहे और मां मेडिकल विभाग में कार्यरत रहीं। इसी वजह से उन्होंने देशभर के छह अलग-अलग स्कूलों में पढ़ाई की।
- शिक्षा: BITS पिलानी (गोवा कैंपस) से ग्रेजुएशन करने के बाद वे LAMP Fellowship से जुड़ीं।
- UPSC सफर:
- पहले प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा क्लियर की।
- दूसरे प्रयास में IRS अधिकारी बनीं।
- तीसरे प्रयास में IAS बनीं और 2014 की परीक्षा में ऑल इंडिया 11वीं रैंक हासिल की।
- 2014 में Philosophy वैकल्पिक विषय में उन्होंने देशभर में सर्वाधिक अंक प्राप्त किए।
प्रशासनिक भूमिकाएं
2015 बैच की IAS अफसर संकृति जैन ने कई अहम पदों पर काम किया है –

रीवा नगर निगम की आयुक्त- सतना की अपर कलेक्टर
- मौगंज की एसडीएम
- अलीराजपुर और नर्मदापुरम में जिला पंचायत सीईओ
- सिवनी जिला कलेक्टर
क्यों चर्चा में रहीं विदाई?
विदाई के दौरान सोने की पालकी का दृश्य किसी शाही समारोह से कम नहीं था। आमतौर पर अधिकारियों को साधारण विदाई दी जाती है, लेकिन संकृति जैन की लोकप्रियता और उनकी कार्यशैली को देखते हुए स्टाफ और सहयोगियों ने उन्हें इस अनोखे अंदाज में अलविदा कहा।
निष्कर्ष
संकृति जैन की यह विदाई दिखाती है कि जनता और सहयोगियों के दिलों में उनकी क्या जगह रही है। अब भोपाल नगर निगम और मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन में उनकी नई जिम्मेदारी से प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।