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5 मिनट की प्रेस मीट में Himanta ने राहुल को दिखाई थेंगा और कहा मां का दूध पिया है जेल की बात ना करे
Himanta ने राहुल गांधी के जेल भेजने वाले बयान पर तीखा पलटवार करते हुए कहा – असम के लोग दूध की बोतल से नहीं मां के आंचल से पलते हैं

कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा असम के मुख्यमंत्री Himanta Biswa Sarma को जेल भेजे जाने का दावा करना अब सियासी भूचाल में तब्दील हो चुका है। इस बयान के ठीक अगले दिन रात को प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिमंता ने न सिर्फ राहुल के बयान को झूठा और भ्रामक बताया, बल्कि ‘थेंगा’ दिखाते हुए कहा कि, “मैं मां का दूध पीकर बड़ा हुआ हूं, दूध की बोतल से नहीं। राहुल गांधी को जवाब में ‘बुढ़ा अंगुली’ दिखा रहा हूं।”
Himanta का बयान हुआ वायरल Himanta का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। ‘थेंगा’ दिखाते हुए उनका वीडियो ट्रेंड कर रहा है, और इसके बाद कांग्रेस खेमे में भी हड़कंप मच गया है। खुद हिमंता ने दावा किया कि कांग्रेस के कई नेता उन्हें फोन कर चुके हैं और राहुल गांधी के बयान को लेकर शर्मिंदगी जाहिर कर चुके हैं।

राहुल के भाषण का असर या साजिश? Himanta ने राहुल गांधी के चायगांव दौरे और उसके अगले दिन हुए पाईकन रिज़र्व फॉरेस्ट की हिंसा को आपस में जोड़ते हुए कहा कि राहुल गांधी के बयानों ने सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों को उकसाया। उनके मुताबिक, “राहुल गांधी ने कहा कि कब्जाधारियों को वहीं पुनर्वास मिलेगा और घर दिए जाएंगे। यही बात लोगों को गैरकानूनी गतिविधियों के लिए प्रेरित कर रही है।”
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पाईकन फॉरेस्ट की झड़प: एक मौत, 21 पुलिसकर्मी घायल गुरुवार सुबह गोआलपाड़ा जिले में पाईकन रिज़र्व फॉरेस्ट में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान हिंसा भड़क उठी। भीड़ ने पुलिस और फॉरेस्ट स्टाफ पर पत्थर और डंडों से हमला किया, जिसमें 21 लोग घायल हुए। हालात बेकाबू होने पर पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो अन्य घायल हुए।

कानूनी कार्रवाई की तैयारी असम प्रशासन अब राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषणों की जांच करेगा कि क्या उनके बयानों और हिंसा के बीच कोई संबंध है। यदि सबूत मिलते हैं तो दोनों नेताओं पर कार्रवाई की जाएगी। Himanta ने तंज कसते हुए कहा, “कई जेलें गांधी परिवार का इंतजार कर रही हैं। ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े कई संपत्तियों को जब्त कर लिया है।”
राहुल का दावा: जमीन छीनकर उद्योगपतियों को दी जा रही है राहुल गांधी ने असम में अपने संबोधन में कहा कि बीजेपी सरकार असम समेत पूरे भारत में लोगों से उनकी जमीन छीन रही है और उसे चुनिंदा उद्योगपतियों को दे रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार आने पर सभी को उनके अधिकार वापस दिलाए जाएंगे।
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Himanta का पलटवार: भाषण भड़काऊ और गैरजिम्मेदाराना मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी के आरोपों को सिरे से खारिज किया और कहा कि उनके भाषण गैरजिम्मेदाराना और भड़काऊ हैं। उन्होंने कहा कि असम सरकार की जमीन खाली कराने की मुहिम पूरी तरह कानूनी है और इसका मकसद पर्यावरण संरक्षण और अतिक्रमण मुक्त क्षेत्र बनाना है।

राजनीतिक एजेंडा या जनहित? असम सरकार पिछले कुछ समय से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई तेज कर चुकी है, जिसे विपक्ष ने वोट बैंक और अल्पसंख्यक विरोधी करार दिया है। जबकि हिमंता लगातार इस अभियान को पर्यावरण और जमीन संरक्षण के लिए जरूरी बता रहे हैं।
निष्कर्ष Himanta और राहुल गांधी की जुबानी जंग अब जमीन से दिल्ली तक गूंज रही है। ‘थेंगा’ दिखाने वाले बयान ने जहां सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है, वहीं असम की जमीन और राजनीति का मुद्दा भी केंद्र में आ गया है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह मामला सिर्फ बयानबाज़ी तक सीमित रहेगा या कानूनी कार्रवाई तक पहुंचेगा।