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हरियाणा IPS अधिकारी की मौत पर बड़ा एक्शन – DGP शत्रुजीत कपूर छुट्टी पर भेजे गए, ओ.पी. सिंह को अतिरिक्त जिम्मेदारी
वाई पूरन कुमार की संदिग्ध मौत के बाद बढ़ा दबाव, परिवार की मांग पर सरकार ने किया फैसला – पोस्टमॉर्टम और अंतिम संस्कार की अनुमति अब तक नहीं दी गई

चंडीगढ़, 14 अक्टूबर: हरियाणा में वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार की संदिग्ध मौत के मामले ने राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल तेज कर दी है। घटना के एक सप्ताह बाद, राज्य सरकार ने DGP शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेज दिया है, जबकि 1992 बैच के IPS अधिकारी ओ.पी. सिंह को अतिरिक्त DGP का चार्ज सौंपा गया है।
गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा द्वारा जारी आदेशों में यह नहीं बताया गया कि कपूर कितने समय तक छुट्टी पर रहेंगे। ओ.पी. सिंह 31 दिसंबर 2025 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
वाई पूरन कुमार की मौत और ‘फाइनल नोट’ में लगाए गंभीर आरोप
2001 बैच के IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार, जिनकी उम्र 52 वर्ष थी, ने 7 अक्टूबर को आत्महत्या कर ली थी। उनके द्वारा छोड़े गए 9 पन्नों के फाइनल नोट में उन्होंने आठ वरिष्ठ IPS अधिकारियों, जिनमें शत्रुजीत कपूर और पूर्व रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारनिया भी शामिल हैं, पर गंभीर आरोप लगाए थे।
कुमार ने अपने पत्र में लिखा था कि उन्हें लगातार जातिगत भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न, और सार्वजनिक अपमान का सामना करना पड़ा।
उनकी पत्नी अमनीत पी. कुमार, जो हरियाणा की वरिष्ठ IAS अधिकारी हैं, ने इन अधिकारियों की गिरफ्तारी की मांग की है। उन्होंने साफ कहा है कि जब तक कार्रवाई नहीं होती, वह पोस्टमॉर्टम और अंतिम संस्कार की अनुमति नहीं देंगी।

SIT जांच और विपक्ष का दबाव
मामले में FIR दर्ज होने के बाद चंडीगढ़ पुलिस ने एक 6 सदस्यीय विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है। यह टीम वाई पूरन कुमार की मौत की परिस्थितियों और उनके आरोपों की जांच कर रही है।
पिछले कुछ दिनों में विपक्षी दलों ने सरकार पर कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर दबाव बढ़ा दिया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी मंगलवार को कुमार परिवार से मिलने वाले हैं।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने सोमवार को परिवार से मुलाकात कर कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
नेताओं की प्रतिक्रियाएँ और बढ़ता जनसमर्थन
रविवार को 31 सदस्यीय कमेटी गठित की गई जिसने सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया कि कपूर और बिजारनिया के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

सोमवार को तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्का, कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, INLD प्रमुख अभय सिंह चौटाला, और AAP नेता व पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कुमार परिवार से मुलाकात की और न्याय की मांग की।
विपक्ष ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि अगर वरिष्ठ अधिकारियों पर आरोप हैं, तो उन्हें तुरंत निलंबित या गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
सरकार की स्थिति
सरकार ने फिलहाल शत्रुजीत कपूर को “लीव रिजर्व” पर भेजकर मामला ठंडा करने की कोशिश की है, जबकि बिजारनिया को पहले ही स्थानांतरित किया जा चुका है।
हालाँकि, विपक्ष और मृतक अधिकारी के परिवार का कहना है कि यह सिर्फ “औपचारिक कार्रवाई” है और वास्तविक न्याय तभी होगा जब आरोपियों के खिलाफ कानूनी कदम उठाए जाएंगे।
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