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सचिन से कुंबले तक: भारत के इन 5 पूर्व क्रिकेटरों ने रचा वो इतिहास जो आज भी रिकॉर्ड बुक्स में दर्ज है
क्रिकेट के मैदान पर सुनहरे युग की नींव रखने वाले ये 5 दिग्गज खिलाड़ी आज भी देश के करोड़ों फैंस के दिलों पर राज करते हैं।

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कई ऐसे सितारे हुए जिन्होंने अपने प्रदर्शन से खेल को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। लेकिन कुछ नाम ऐसे हैं जो सिर्फ क्रिकेटर नहीं, बल्कि एक युग के प्रतिनिधि माने जाते हैं। सचिन तेंदुलकर, कपिल देव, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली और अनिल कुंबले जैसे खिलाड़ी न सिर्फ रिकॉर्ड बनाते रहे बल्कि युवाओं को प्रेरणा भी देते रहे। आइए जानते हैं इन पांचों क्रिकेट दिग्गजों की कहानी, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को एक नई पहचान दी।
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Table of Contents
1. सचिन तेंदुलकर – क्रिकेट के भगवान की अमर गाथा
1989 में कराची में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने वाले सचिन तेंदुलकर ने 24 वर्षों तक दुनिया के हर कोने में रन बटोरे। उन्हें क्रिकेट का भगवान कहा जाता है और यह कोई अतिशयोक्ति नहीं। द मास्टर ब्लास्टर ने 200 टेस्ट में 15921 रन और 463 वनडे में 18426 रन बनाए।
उनका सबसे बड़ा योगदान यह था कि उन्होंने भारत में क्रिकेट को धर्म बना दिया। जब वह खेलते थे, तो देश की सड़कें सूनी हो जाती थीं और टीवी स्क्रीन से लोग चिपक जाते थे। 2011 वर्ल्ड कप की जीत उनके लिए करोड़ों भारतीयों का तोहफा थी।

2. कपिल देव – जिसने भारत को दिलाया पहला वर्ल्ड कप
1983 में जब भारत ने वेस्टइंडीज को हराकर पहला वर्ल्ड कप जीता, तब उस टीम का नेतृत्व कर रहे थे हरियाणा हरिकेन कहे जाने वाले कपिल देव। ऑलराउंडर के रूप में कपिल ने टेस्ट में 5248 रन और 434 विकेट लिए।
उनकी 175 रनों की पारी, जो जिम्बाब्वे के खिलाफ खेली गई थी, ने भारत को संकट से निकाला और क्रिकेट प्रेमियों को उम्मीद दी कि भारत भी वर्ल्ड चैंपियन बन सकता है। उनकी कप्तानी ने भारतीय क्रिकेट को आत्मविश्वास दिया।

3. राहुल द्रविड़ – ‘द वॉल’ जिसने विकेट बचाना सिखाया
राहुल द्रविड़ का नाम भारतीय बल्लेबाजी में संयम और स्थिरता का प्रतीक है। 164 टेस्ट में 13288 रन बनाने वाले इस खिलाड़ी को ‘द वॉल’ की उपाधि दी गई। वह ऐसे बल्लेबाज थे जिनकी जरूरत तब सबसे ज्यादा पड़ती थी जब विकेट गिर रहे हों।
सिर्फ टेस्ट नहीं, वनडे क्रिकेट में भी उन्होंने 344 मैचों में 10889 रन बनाए। वर्तमान में भारतीय क्रिकेट टीम के कोच के रूप में वह नई पीढ़ी के खिलाड़ियों को तैयार कर रहे हैं, जैसे शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल।

4. सौरव गांगुली – जिसने टीम इंडिया को लड़ना सिखाया
1990 के दशक के अंत में जब भारतीय टीम आत्मविश्वास की कमी से जूझ रही थी, तब कोलकाता के इस बाएं हाथ के बल्लेबाज ने कमान संभाली। ‘दादा’ के नाम से मशहूर सौरव गांगुली ने विदेशी धरती पर जीतने की आदत डाली।
उन्होंने 113 टेस्ट में 7212 और 311 वनडे में 11363 रन बनाए। उनकी कप्तानी में वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, हरभजन सिंह जैसे खिलाड़ी सामने आए और टीम इंडिया को नई पहचान मिली।

5. अनिल कुंबले – भारत का सबसे सफल टेस्ट गेंदबाज
619 टेस्ट विकेट – ये आंकड़ा बताने के लिए काफी है कि अनिल कुंबले गेंदबाजी में भारत के सबसे भरोसेमंद नाम क्यों थे। एक मैच में सभी 10 विकेट लेने वाले भारत के इकलौते गेंदबाज, कुंबले की लाइन और लेंथ इतनी सटीक होती थी कि बल्लेबाज गलती करने को मजबूर हो जाते थे।
उनकी खासियत थी शांत स्वभाव में घातक प्रदर्शन। टेस्ट के अलावा उन्होंने 337 वनडे में 337 विकेट भी लिए। उनका योगदान सिर्फ विकेटों में ही नहीं, बल्कि टीम के आत्मबल में भी था।

निष्कर्ष:
इन पांच दिग्गजों ने सिर्फ रन या विकेट ही नहीं बनाए, उन्होंने भारत को क्रिकेट के ग्लोबल मैप पर स्थापित किया। आज भले ही ये खिलाड़ी क्रिकेट के मैदान पर नजर न आएं, लेकिन इनकी कहानियां आज भी हर युवा को प्रेरित करती हैं।
जब-जब भारतीय क्रिकेट का इतिहास लिखा जाएगा, तब-तब इन नामों को स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा।
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