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कर्मचारी ने वेलनेस अलाउंस से बकरियों को खिलाया खाना, बॉस बोले – “I love her!” | इंटरनेट हुआ खुश
कंपनियां जहां वेलनेस बजट फिटनेस या योग के लिए देती हैं, वहीं एक कर्मचारी ने अपना ₹10,000 अलाउंस बकरियों को खिलाने में खर्च किया — और उसके बॉस को यह आइडिया बेहद पसंद आया।
जब भी किसी कंपनी में कर्मचारियों को वेलनेस बजट (Wellness Allowance) दिया जाता है, तो आमतौर पर लोग उसका इस्तेमाल जिम मेंबरशिप, योगा क्लास या मेडिटेशन ऐप्स के लिए करते हैं।
लेकिन एक महिला कर्मचारी ने अपने अलाउंस का उपयोग कुछ ऐसा किया कि बॉस और इंटरनेट दोनों खुश हो गए!

बकरियों को खिलाने में उड़ाया वेलनेस बजट
हाल ही में एक यूज़र ने एक्स (X) पर शेयर किया कि उनकी टीम की एक सदस्य ने अपने मासिक वेलनेस अलाउंस से चिड़ियाघर (zoo) जाकर जानवरों को खाना खिलाया।
उसने पारंपरिक सेल्फ-केयर की बजाय ₹10,000 (लगभग $120) खर्च कर दिए goat pellets (बकरियों का खाना) खरीदने में।
बॉस ने पोस्ट में लिखा –
“I just got receipts from one girl, and she’s used part of her budget to go to the zoo and feed the animals. $120 on goat pellets. I love her.”
इस अनोखे खर्च ने न केवल बॉस का दिल जीत लिया बल्कि इंटरनेट पर वेलनेस की परिभाषा ही बदल दी।
सोशल मीडिया पर लोगों का रिएक्शन
पोस्ट वायरल होते ही हजारों लोगों ने इस अनोखी पहल पर प्यार बरसाया।
एक यूज़र ने लिखा – “This is actually amazing. Cool that you let employees use their wellness budget their own way!”
दूसरे ने कहा – “Double her allowance!”
एक अन्य यूज़र ने लिखा – “Everyone finds peace differently. Some need yoga, others just need goats.”

कई लोगों ने इसे “the best use of a wellness budget ever” बताया और कहा कि यह असली “self-care with compassion” का उदाहरण है।
टीम के बाकी सदस्यों के यूनिक खर्चे
बॉस ने यह भी बताया कि उनकी टीम के बाकी सदस्य भी अपने वेलनेस बजट को अलग-अलग तरीकों से इस्तेमाल करते हैं —
- एक कर्मचारी ने $100 का टी-कप खरीदा, यह कहते हुए कि “सुंदर कप में चाय पीने से मैं खुश रहती हूं।”
- किसी ने एक बिल्ली (cat) गोद ली और कहा, “इसका कोई और कारण नहीं चाहिए।”
- एक अन्य ने मूवी टिकट्स लेकर गर्ल्स नाइट मनाई।
- और किसी ने तो अपने बजट से quarter of a cow (गोमांस का हिस्सा) खरीद लिया।
क्यों पसंद आया यह कदम?
कई यूज़र्स ने कहा कि यह दिखाता है कि कंपनी अपने कर्मचारियों पर भरोसा करती है और उन्हें सच्चे अर्थों में ‘well-being’ को समझने की आज़ादी देती है।
“For some, peace doesn’t come from treadmills but from touching lives — even if they have fur and horns,” एक कमेंट में लिखा गया।
निष्कर्ष
आज के तनावभरे वर्क कल्चर में जहां वेलनेस अक्सर सिर्फ फॉर्मेलिटी बन जाती है, इस कर्मचारी ने दिखा दिया कि खुशी और शांति वहीं मिलती है जहां दिल सुकून पाए।
और शायद यही वजह है कि उसका बॉस और इंटरनेट दोनों बोले –
“We love her idea!”
