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ईडन में 124 का पीछा… इतिहास डरा रहा है! क्या टीम इंडिया तोड़ेगी कोलकाता का सबसे बड़ा रिकॉर्ड?
टेम्बा बावुमा की जुझारू पारी ने भारत की जीत पर सवाल खड़े किए, अब ईडन गार्डन्स में 124 रनों का पीछा करना टीम इंडिया के लिए ‘रिकॉर्ड ब्रेक’ मिशन बन गया है।
कोलकाता के ईडन गार्डन्स में चौथी पारी में रन बनाना हमेशा से बल्लेबाज़ों का सबसे कठिन इम्तिहान रहा है। दो दिनों में 20 से ज़्यादा विकेट गिरने के बाद पिच अब पूरी तरह स्पिनरों के हाथों में चली गई है। ऐसे हालात में भारत के सामने दक्षिण अफ्रीका द्वारा दिया गया 124 रनों का लक्ष्य छोटा तो बिल्कुल नहीं लग रहा।
इस मैच के दौरान एक समय ऐसा आया, जब टेम्बा बावुमा की जुझारू पारी ने दक्षिण अफ्रीका की उम्मीदें फिर से जगा दी थीं। गेंद टर्न ले रही थी, उछाल अनियमित था, और हर गेंद पर रन निकालना जोखिम भरा साबित हो रहा था। इन सबके बीच भारतीय खेमे में भी चिंता की लकीरें दिखीं—क्योंकि इतिहास भारत के पक्ष में नहीं है।

ईडन गार्डन्स का इतिहास क्यों डराता है?
पिछले 90+ वर्षों में इस मैदान पर चौथी पारी में सफल चेज़ के उदाहरण बेहद कम हैं। खास बात यह है कि 100 से ऊपर का लक्ष्य सिर्फ एक बार ही सफलतापूर्वक चेज़ हुआ है—वो भी 21 साल पहले, 2004 में।
उस मैच में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को ही 117 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 120/2 पर हराया था। राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर ने मुश्किल पिच पर क्लासिक बल्लेबाज़ी करते हुए मैच खत्म किया था।
ईडन के इतिहास में सबसे सफल चेज़:
| Winning team | Losing team | Year | Target chased |
|---|---|---|---|
| इंडिया | दक्षिण अफ्रीका | 2004 | 117 |
| इंडिया | इंग्लैंड | 1993 | 79 |
| इंग्लैंड | इंडिया | 2012 | 41 |
| ऑस्ट्रेलिया | इंडिया | 1969 | 39 |
टेबल साफ बताती है—Eden Gardens चौथी पारी का मैदान नहीं है।
यहाँ रन नहीं, “धैर्य और हिम्मत” खेलते हैं।
भारत का मौजूदा लक्ष्य: इतिहास से भी बड़ा परीक्षण
124 का यह लक्ष्य मैदान के इतिहास में सबसे बड़ा होगा। टीम इंडिया को ऐसी सतह पर रन बनाकर दांव पर लगे मैच और सीरीज़ को बचाना होगा।

रोहित शर्मा, शुभमन गिल, विराट कोहली और श्रेयस अय्यर जैसे बल्लेबाज़ों की तकनीक और संयम की असली परीक्षा अब शुरू होगी। भारत के सामने सिर्फ दक्षिण अफ्रीका नहीं, बल्कि ईडन गार्डन्स के इतिहास का बोझ भी खड़ा है।
क्या भारत 1-0 से आगे जा पाएगा?
मैच अब उस मोड़ पर है, जहाँ हर रन अहम है। गेंद जिस तरह टर्न ले रही है, उस पर बल्लेबाज़ों से गलती की जरा-सी कीमत भी भारी पड़ सकती है।
अगर भारत 124 रन के इस लक्ष्य को पार कर लेता है, तो यह ईडन गार्डन्स में सबसे बड़ी सफल चौथी पारी का पीछा बन जाएगा।
और अगर नहीं — तो टेम्बा बावुमा की लड़ाकू पारी को लंबे समय तक याद रखा जाएगा।
अभी सबकी नज़रें बस एक चीज़ पर टिकी हैं—
क्या टीम इंडिया इतिहास लिखेगी या वही इतिहास उसे रोक देगा?
