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धर्मेंद्र की दूसरी शादी का सच्चा सच कैसी थी वह प्रेम कहानी जिसने सबको चौंका दिया
धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की लाइफ का वह फैसला जिसने बॉलीवुड की कहानी हमेशा के लिए बदल दी
बॉलीवुड में अनगिनत प्रेम कहानियाँ बनीं, लेकिन कुछ रिश्ते ऐसे हैं जो समय के साथ और भी चर्चित होते चले गए। धर्मेंद्र और हेमा मालिनी का रिश्ता उन्हीं में से एक है।
एक ऐसा रिश्ता, जिसमें प्रेम था, संघर्ष था और समाज से आगे बढ़कर फैसला लेने की हिम्मत भी।
लोग आज भी पूछते हैं—
“धर्मेंद्र ने दूसरी शादी कैसे की?”
यह कहानी सिर्फ एक शादी की नहीं, बल्कि दो जीवनों के बीच अटूट भरोसे और साहस की कहानी है।
कैसे बढ़ीं धर्मेंद्र और हेमा की नज़दीकियाँ?
1970 के दशक में जब दोनों सुपरस्टार थे, तब लगातार फिल्मों की शूटिंग ने उन्हें एक-दूसरे के करीब ला दिया।
धर्मेंद्र तब तक हिन्दी सिनेमा के ‘ही-मैन’ माने जाते थे, और हेमा मालिनी अपनी लोकप्रियता के चरम पर थीं।
पर्दे की कैमिस्ट्री धीरे-धीरे असल जिंदगी का हिस्सा बन गई — लेकिन इसके साथ ही सामने आई सबसे बड़ी रुकावट।
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पहली पत्नी और तलाक की सबसे बड़ी चुनौती
धर्मेंद्र पहले से शादीशुदा थे। उनकी पत्नी प्रकाश कौर थीं, और उनके चार बच्चे —
उस दौर में तलाक सिर्फ कठिन नहीं, बल्कि सामाजिक रूप से भी बहुत मुश्किल माना जाता था।
प्रकाश कौर तलाक के लिए तैयार नहीं थीं।
यानी धर्मेंद्र–हेमा का रिश्ता अधर में लटक गया था।
और फिर 1979 में लिया गया वह फैसला जिसने सबकुछ बदल दिया
धर्म परिवर्तन
रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों ने इस्लाम धर्म अपनाया, क्योंकि इस्लाम में दूसरी शादी की अनुमति है।
यह उनके लिए आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता था।

नए नाम अपनाना
- धर्मेंद्र का नया नाम बताया गया दिलावर खान
- हेमा मालिनी का नाम बताया गया आयशा बी आर
हालांकि वे आज भी दुनिया के लिए धर्मेंद्र और हेमा ही हैं।
निकाह
धर्म परिवर्तन के बाद दोनों ने इस्लामिक रीति से निकाह किया और शादी कानूनी रूप से मान्य हो गई।
क्या पहली पत्नी ने विरोध किया?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रकाश कौर ने बाद में कहा कि धर्मेंद्र ने कभी अपनी जिम्मेदारियों से मुँह नहीं मोड़ा।
वे अपने बच्चों — सनी देओल और बॉबी देओल — के साथ लगातार जुड़े रहे और परिवार नहीं टूटा।
यह उनके रिश्तों की परिपक्वता का उदाहरण है — भले ही हालात मुश्किल थे, लेकिन भावनाएँ स्थिर रहीं।
शादी के बाद नई शुरुआत
हेमा मालिनी शादी के बाद दो बेटियों की माँ बनीं —

आज भी धर्मेंद्र दोनों परिवारों के साथ भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। कई समारोहों में उन्हें सभी बच्चों के साथ देखा गया है — जो दर्शाता है कि समय के साथ रिश्ते संभालना भी एक कला है।
क्यों अभी भी लोग इस कहानी को जानना चाहते हैं?
क्योंकि यह सिर्फ एक प्रेम कहानी नहीं, बल्कि सामाजिक परिस्थितियों को चुनौती देने की कहानी है।
धर्मेंद्र–हेमा की कहानी में प्रेम है, दर्द है, और एक ऐसा साहस है जो हर किसी के पास नहीं होता।
निष्कर्ष
सार यह है कि धर्मेंद्र अपनी दूसरी शादी इसलिए कर सके क्योंकि उन्होंने और हेमा मालिनी ने इस्लाम धर्म अपनाकर निकाह किया।
यह फैसला उन्होंने इसलिए लिया क्योंकि तलाक संभव नहीं था और वे साथ रहना चाहते थे।
आज उनकी प्रेम कहानी बॉलीवुड की सबसे चर्चित और अनोखी कहानियों में से एक है।
