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शाहरुख़ से मिलना मेरा सपना” वर्ल्ड कप हीरो बनीं दीप्ति शर्मा का खुला इंटरव्यू देशभर में बढ़ा गर्ल पावर का जश्न

दीप्ति शर्मा ने NDTV से बातचीत में ‘डीएसपी’ बुलाए जाने से लेकर हनुमान टैटू और भाई के बलिदान तक सबकुछ बताया

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EXCLUSIVE: दीप्ति शर्मा बोलीं—शाहरुख़ खान से मिलना सपना, पीएम मोदी का ‘डीएसपी’ बुलाना यादगार | Dainik Diary
वर्ल्ड कप हीरो दीप्ति शर्मा—परिवार, संघर्ष और सपनों से बनी एक सच्ची भारतीय चैंपियन

भारत की वर्ल्ड कप जीत के बाद जिस नाम को लेकर पूरे देश में जश्न हो रहा है, वह है दीप्ति शर्मा — भारत की प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट, जिनके 22 विकेट और 215 रन ने महिला क्रिकेट का चेहरा बदलकर रख दिया।
आगरा से लेकर असम, महाराष्ट्र, पंजाब और कर्नाटक तक हर शहर में उनकी जीत का जश्न हो रहा है। गांवों की गलियों में होर्डिंग लगे हैं, बच्चे ‘दीप्ति दीदी’ का नाम लेकर बैट घुमा रहे हैं, और सोशल मीडिया उनकी तारीफों से भरा पड़ा है।

हाल ही में उन्होंने NDTV स्पोर्ट्स एडिटर विमल मोहन को दिए EXCLUSIVE इंटरव्यू में ऐसी बातें बताईं, जो शायद दुनिया पहली बार सुन रही है—
उनका शाहरुख़ खान को लेकर क्रेज, हनुमान जी का टैटू, परिवार का संघर्ष और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात तक बहुत कुछ।

“शाहरुख़ खान से मिलना मेरा सपना है” – दीप्ति का पहला बड़ा खुलासा

दीप्ति हँसते हुए कहती हैं—
“मैं और मेरी फैमिली बहुत बड़ी शाहरुख़ खान फैन हैं। उनकी हर फिल्म कई बार देखी है। उनसे मिलना मेरा सबसे बड़ा सपना है।”

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उन्होंने बताया कि पहली बार उन्होंने SRK को “ओम शांति ओम” में देखा था और तभी से उनका परिवार किंग खान का दीवाना है।

भाई सुमित का त्याग — इस विजय की रीढ़

दीप्ति की सफलता की कहानी सिर्फ मैदान पर नहीं, बल्कि घर से शुरू होती है।
उनके भाई सुमित शर्मा ने उनकी क्रिकेट जर्नी के लिए अपनी नौकरी तक छोड़ दी।
दीप्ति भावुक होकर कहती हैं—

“भाई ने जो बलिदान दिया है, उसे शब्दों में नहीं बता सकती। मेरा क्रिकेट एक थ्रो से शुरू हुआ था, वो भी मेरे भाई की वजह से।”

सेमीफाइनल का दिल छू लेने वाला त्याग

जब टीम मुश्किल में थी, दीप्ति ने जेमिमा रोड्रिग्स को बचाने के लिए खुद रन-आउट होना चुना।
वे कहती हैं—

“जेमी सेट बैटर थी। टीम की जीत ज़रूरी थी, इसलिए मैंने खुद को कुर्बान किया।”

EXCLUSIVE: दीप्ति शर्मा बोलीं—शाहरुख़ खान से मिलना सपना, पीएम मोदी का ‘डीएसपी’ बुलाना यादगार | Dainik Diary


यह पल दिखाता है कि वह क्यों “मिस डिपेंडेबल” कहलाती हैं।

तीन हार के बाद टीम कैसे बनी ‘बाज़ीगर’?

दीप्ति कहती हैं—

“इंडियन टीम वो है जो हार कर भी जीत जाए। हम एक-दूसरे का साथ देते रहे। यही हमारी सबसे बड़ी ताकत थी।”

नॉकआउट से पहले टीम तीन मैच हार चुकी थी, लेकिन जीतने की आग उनके भीतर और तेज़ भड़क गई।

पीएम मोदी से मुलाकात — “डीएसपी आप बताइए…”

वर्ल्ड कप जीतने के बाद टीम ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की।
दीप्ति हँसते हुए बताती हैं—

“मोदी जी ने मुझे ‘डीएसपी’ कहकर बुलाया तो मैं शॉक्ड रह गई। उन्हें मेरे हनुमान जी के टैटू के बारे में भी पता था। यहां तक कि उन्हें मेरी फूड पसंद भी पता है!”

यह सुनकर दीप्ति खुद भी भावुक हो गईं कि प्रधानमंत्री ने वर्ल्ड कप को इतनी क्लोज़ली फॉलो किया।

सबसे बड़ा सेलिब्रेशन — विराट कोहली का मैसेज

भारत के सबसे बड़े क्रिकेट सुपरस्टार विराट कोहली ने भी दीप्ति को मैसेज भेजा।
दीप्ति कहती हैं—

“विराट भैया का मैसेज मिलना मेरे लिए किसी अवॉर्ड से कम नहीं था।”

“मैं खुद को दीप्ति शर्मा ही कहलाना चाहती हूं”

कई क्रिकेट एक्सपर्ट उनका कमपैरिजन हार्दिक पांड्या से करते हैं, लेकिन दीप्ति साफ कहती हैं—

“मैं हार्दिक नहीं, मैं दीप्ति शर्मा के नाम से ही जानी जाना चाहती हूं।”

विज़ुअलाइज़ेशन का मंत्र — आधुनिक क्रिकेट का नया हथियार

दीप्ति बताती हैं—

“मैच से पहले मैं हर स्थिति को विज़ुअलाइज़ करती हूं — नई गेंद, पुरानी गेंद, सेमी-नई गेंद… हर सिचुएशन के लिए तैयार रहती हूं।”

यही तैयारी उन्हें मैच में निडर बनाती है।

पूरा देश क्यों कह रहा है — ‘महिला क्रिकेट का नया सवेरा’

दीप्ति के अनुसार, वर्ल्ड कप के बाद ग्रामीण भारत तक महिला क्रिकेट की पहुंच बढ़ी है।
आगरा में जगह-जगह उनके होर्डिंग लगे हैं।
सैकड़ों बच्चियाँ क्रिकेट बैट लेकर मैदान में उतर रही हैं।

वे कहती हैं—

“अब लोग हमारे मैच मेन्स टी-20 की तरह देखने लगे हैं। इससे बड़ी जीत कोई नहीं।”

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