Sports
बेन स्टोक्स पर फूटा इंग्लैंड के पूर्व कप्तान का गुस्सा कहा जैसा करोगे वैसा भरोगे
‘हैंडशेक विवाद’ पर ज्योफ्री बॉयकॉट ने स्टोक्स को लताड़ा, कहा- रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर शतक के हकदार थे

ओवल टेस्ट के बाद जब भारत और इंग्लैंड के बीच हुए चौथे टेस्ट मैच का अंत विवाद के साथ हुआ, तो किसी को अंदाजा नहीं था कि ये बहस अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट जगत में इतना तूल पकड़ लेगी। इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान बेन स्टोक्स द्वारा मैच के आखिरी चरण में भारतीय खिलाड़ियों को हैंडशेक का प्रस्ताव देना, फिर उसके अस्वीकार होने पर गुस्से में हैरी ब्रूक को गेंद थमाना, अब तीखी आलोचना का विषय बन गया है।
और भी पढ़ें : भारत के खिलाफ 5वें टेस्ट से पहले इंग्लैंड को बड़ा झटका कप्तान बेन स्टोक्स बाहर
अब इस पूरे विवाद में इंग्लैंड के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज ज्योफ्री बॉयकॉट ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी है। बॉयकॉट ने इस मुद्दे पर अपने टेलीग्राफ कॉलम में कड़ी प्रतिक्रिया दी और बेन स्टोक्स की खेल भावना पर सीधा सवाल खड़ा कर दिया।
बॉयकॉट ने लिखा, “जैसा करोगे, वैसा भरोगे। जब इंग्लैंड को गप्पें मारनी थीं, समय खराब करना था, तब उन्हें कोई दिक्कत नहीं थी। अब जब भारत ने अपने बल्लेबाजों को शतक पूरा करने दिया, तो आपको ऐतराज क्यों?” उन्होंने आगे लिखा, “अगर आप पहले हार मान लेते हैं, तो फिर मैदान पर बने रहने की भारतीयों की इच्छा को क्यों दोष दें?”
बता दें कि रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर दोनों 90 के पार पहुंच चुके थे और टीम इंडिया मैच को ड्रॉ की तरफ खींच चुकी थी। इसी बीच स्टोक्स ने हाथ मिलाने का प्रस्ताव रखा जिसे दोनों बल्लेबाजों ने ठुकरा दिया, और फिर गेंद हैरी ब्रूक को थमाकर इंग्लैंड ने संकेत दिया कि वह अब सीरियस नहीं हैं।
ज्योफ्री बॉयकॉट ने भारतीय खिलाड़ियों की सराहना करते हुए कहा, “जडेजा और सुंदर ने पूरे दिन मेहनत की थी। मैं किसी को भी 89 पर आउट होते नहीं देख सकता। उन्होंने गेंद को समझकर खेला, अपनी तकनीक का पूरा उपयोग किया और अपने विकेट को बचाने में सफल रहे। वे शतक के हकदार थे… और उन्होंने वो पाया।”
बॉयकॉट यहीं नहीं रुके। उन्होंने इंग्लिश टीम को आईना दिखाते हुए यह भी कहा, “अगर यही स्थिति इंग्लैंड के बल्लेबाजों के साथ होती, तो वो भी शतक पूरा करने के लिए डटे रहते। इसलिए बेन स्टोक्स को आलोचना स्वीकार करनी चाहिए, न कि तिलमिलाकर नाटक करना चाहिए।”
इस पूरे मामले ने जहां भारतीय क्रिकेट फैंस को गर्व से भर दिया है, वहीं इंग्लैंड के भीतर से भी स्टोक्स की इस हरकत पर सवाल उठने लगे हैं। यह साफ हो गया है कि खेल भावना सिर्फ विरोधी टीम से नहीं, बल्कि खुद की ईमानदारी से भी जुड़ी होती है।