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मैं मुसलमान हूं आर्यन खान ने खुद चुना अपना धर्म गौरी खान ने किया खुलासा
गौरी खान ने इंटरव्यू में किया खुलासा कि आर्यन खान ने खुद कहा था “I am a Muslim”, जानिए शाहरुख और गौरी के बच्चों की परवरिश के पीछे की सोच

बॉलीवुड के सबसे चर्चित परिवारों में से एक – शाहरुख खान और गौरी खान का परिवार अक्सर अपनी परवरिश और आधुनिक सोच के लिए चर्चा में रहता है। एक बार फिर यह स्टार फैमिली सुर्खियों में है, और इस बार वजह बना है बेटा आर्यन खान का अपने धर्म को लेकर साहसिक और स्पष्ट विचार।
हाल ही में एक इंटरव्यू क्लिप वायरल हो रही है जिसमें इंटीरियर डिज़ाइनर और निर्माता गौरी खान अपने बेटे आर्यन खान की परवरिश और उनके द्वारा चुने गए धर्म को लेकर बात करती नज़र आ रही हैं। इस इंटरव्यू में गौरी कहती हैं, “जब स्कूल में एक बार धर्म भरने का फॉर्म आया, तब आर्यन ने खुद लिखा – ‘I am a Muslim’।”
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यह एक ऐसा बयान है जो ना सिर्फ सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है, बल्कि देशभर में युवाओं के बीच एक सकारात्मक संदेश भी दे रहा है कि धर्म की पहचान व्यक्तिगत चयन का विषय है – और यह तभी मायने रखती है जब व्यक्ति उसे समझकर अपनाए।
पठान एक्टर की सोच का असर बेटे पर
बॉलीवुड के किंग खान, शाहरुख खान कई बार यह कह चुके हैं कि उन्होंने अपने बच्चों – आर्यन, सुहाना और अबराम – पर कभी किसी धर्म को लेकर ज़बरदस्ती नहीं की। उन्होंने बताया था कि उनके घर में भगवद्गीता भी है और कुरान भी। उन्होंने कहा था कि “हमने बच्चों को यह सिखाया कि वे भारतीय हैं और उनका धर्म मानवता है।”

यह स्पष्ट है कि ‘डॉन’ और ‘चक दे इंडिया’ जैसे किरदार निभाने वाले अभिनेता के घर में असल ज़िंदगी में भी समानता और उदारता का माहौल है। और इसी माहौल में पले-बढ़े आर्यन खान ने जब खुद को मुसलमान कहकर पहचाना, तो यह केवल एक धार्मिक घोषणा नहीं, बल्कि उनकी वैचारिक परिपक्वता का प्रतीक था।
गौरी खान की सोच: धर्म से ऊपर है समझदारी
गौरी खान, जो खुद एक हिंदू परिवार से आती हैं, और आज एक सफल व्यवसायी और निर्माता हैं, ने कभी भी बच्चों पर धर्म थोपने का प्रयास नहीं किया। उन्होंने कहा, “हमने बच्चों को हर धर्म की जानकारी दी है – उन्हें फैसले लेने की आज़ादी दी है। आर्यन ने जो भी चुना, वह उसकी अपनी सोच है।”
इस बयान से यह साफ़ झलकता है कि खान परिवार धर्म की दीवारों से ऊपर उठकर बच्चों को निर्णय लेने की क्षमता देता है। यह सोच आज के आधुनिक भारतीय समाज के लिए एक मिसाल बन सकती है।
आर्यन खान: स्टारडम से दूर, सोच में साफ़
जहां अधिकतर स्टार किड्स जल्दी ही ग्लैमर की दुनिया में कदम रख लेते हैं, वहीं आर्यन खान ने एक्टिंग से दूरी बनाकर फ़िल्म निर्माण और निर्देशन की ओर रुख किया है। वे अपने पिता के नाम से परे एक अलग पहचान बनाना चाहते हैं। यह भी उनकी सोच का हिस्सा है – जो स्पष्टता, समझदारी और आत्मनिर्भरता की ओर इशारा करती है।
उनका “I am a Muslim” कहना, किसी PR स्टंट का हिस्सा नहीं बल्कि एक आत्म-चेतन निर्णय का उदाहरण है, जिसे आज के युवा काफी सराह रहे हैं।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
इस बयान के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कई यूज़र्स ने आर्यन खान की सोच और गौरी-शाहरुख की परवरिश की तारीफ़ की। कुछ यूज़र्स ने लिखा, “आज जब धर्म की राजनीति चल रही है, ऐसे में यह बयान उम्मीद जगाता है।” वहीं कई लोग इसे एक ऐसा कदम मान रहे हैं जो समाज में आपसी समझ और सौहार्द्र को बढ़ावा देता है।
निष्कर्ष:
आर्यन खान का यह बयान केवल एक व्यक्तिगत विचार नहीं, बल्कि भारत जैसे विविधताओं से भरे देश में सहिष्णुता और व्यक्तिगत आज़ादी की जीत है। यह दिखाता है कि जब परिवार में सोच खुली हो, तब बच्चे भी समाज के लिए प्रेरणा बन सकते हैं। गौरी खान का यह खुलासा न सिर्फ एक मां की समझदारी दिखाता है, बल्कि एक आधुनिक भारतीय परिवार की सोच को भी सामने लाता है।
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