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टी20 में सबसे ज़्यादा विकेट लेने के बाद भी क्यों नहीं खेलते अर्शदीप सिंह हर मैच? मोर्ने मोर्कल ने दी बड़ी सफाई

भारतीय गेंदबाज़ अर्शदीप सिंह ने टी20 में रचा इतिहास — 104 विकेट लेकर बने भारत के शीर्ष विकेट-टेकर, फिर भी चयन में नज़रअंदाज़; मोर्ने मोर्कल ने बताया असली कारण

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Arshdeep Singh selection row: Morne Morkel explains why India’s top T20 wicket-taker doesn’t play every match | Dainik Diary
टी20 में भारत के लिए सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले अर्शदीप सिंह — फिर भी हर मैच में नहीं मिल रहा मौका, मोर्ने मोर्कल ने बताई वजह।

भारत के युवा तेज़ गेंदबाज़ अर्शदीप सिंह एक बार फिर सुर्खियों में हैं। बेलरिव ओवल, होबार्ट में खेले गए तीसरे टी20 मैच में उन्होंने शानदार गेंदबाज़ी करते हुए 3 विकेट झटके और ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुने गए।
लेकिन सवाल यह है कि इतनी शानदार फॉर्म और आंकड़ों के बावजूद अर्शदीप टीम इंडिया में हर मैच क्यों नहीं खेलते?

टी20 क्रिकेट में भारत के लिए 104 विकेट लेने वाले अर्शदीप इस समय टीम के सबसे सफल गेंदबाज़ हैं। इसके बावजूद उन्हें लगातार मौका नहीं मिल पाता। इस पर भारतीय गेंदबाज़ी कोच मोर्ने मोर्कल ने खुलकर जवाब दिया।

“यह आसान नहीं होता” — मोर्कल

मोर्कल ने कहा,

“यह आसान नहीं है। खिलाड़ियों और चयन के मामले में निराशा हमेशा रहेगी। लेकिन कई बार ऐसी चीजें खिलाड़ी के नियंत्रण में नहीं होतीं।”

उन्होंने आगे कहा कि टीम के सामने अभी बहुत सीमित मैच बचे हैं, और वर्ल्ड कप को ध्यान में रखते हुए हर खिलाड़ी को अलग-अलग परिस्थितियों में परखना ज़रूरी है।

“हम चाहते हैं कि खिलाड़ी तैयार रहें, मेहनत करते रहें और जब मौका मिले, तो उसका पूरा फायदा उठाएँ,” मोर्कल ने कहा।

टी20 वर्ल्ड कप की तैयारी

भारत का फोकस अब टी20 वर्ल्ड कप 2026 पर है, और कोचिंग स्टाफ विभिन्न संयोजनों को आज़मा रहा है। मोर्कल ने कहा कि टीम को यह देखना है कि कौन-सा खिलाड़ी दबाव की स्थिति में बेहतर प्रदर्शन करता है।

“अगर हम इन परिस्थितियों को नहीं आज़माएँगे, तो हमें नहीं पता चलेगा कि कौन-सा खिलाड़ी दबाव झेल सकता है,” उन्होंने कहा।

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संयोजन पर प्रयोग

टीम इंडिया ने हाल के मैचों में बैटिंग ऑर्डर और बॉलिंग लाइनअप दोनों में कई बदलाव किए हैं। इस पर मोर्कल का कहना था कि यह रणनीतिक कदम है।

“हर टीम विश्व कप से पहले अलग-अलग संयोजन पर काम कर रही है। हमें भी यह समझना होगा कि कौन-सा खिलाड़ी अलग भूमिका में कितना अच्छा प्रदर्शन कर सकता है,” उन्होंने कहा।

मोर्कल ने यह भी बताया कि टीम भविष्य में ऐसी स्थिति में नहीं रहना चाहती जहाँ दो साल बाद यह सोचना पड़े कि ‘काश उस संयोजन को आज़माया होता’।

“अब समय है हर विकल्प को परखने का ताकि किसी संभावना को अधूरा न छोड़ा जाए,” उन्होंने जोड़ा।

अर्शदीप का प्रदर्शन बोलता है

पंजाब के गुरदासपुर के रहने वाले अर्शदीप ने हाल के वर्षों में टीम इंडिया के लिए बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डेथ ओवर्स में उनकी सटीक यॉर्कर और धीमी गेंदें विपक्षी बल्लेबाज़ों के लिए मुश्किल खड़ी करती हैं।

2022 टी20 वर्ल्ड कप से लेकर अब तक अर्शदीप ने कई अहम मौकों पर भारत को जीत दिलाई है — चाहे वो पाकिस्तान के खिलाफ मेलबर्न में अंतिम ओवर हो या ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विकेटों की झड़ी।

सोशल मीडिया पर बहस

फैंस सोशल मीडिया पर लगातार यह सवाल उठा रहे हैं कि इतने भरोसेमंद गेंदबाज़ को हर मैच में क्यों नहीं खिलाया जा रहा। कई लोगों ने ट्वीट किया कि “अगर अर्शदीप किसी और टीम में होते, तो वे हर मैच का हिस्सा होते।”

टीम संतुलन और रोटेशन नीति

मोर्कल ने स्पष्ट किया कि भारत की मौजूदा रणनीति खिलाड़ियों को रोटेशन पॉलिसी के तहत अवसर देने की है। इससे टीम को सभी खिलाड़ियों की क्षमताओं का मूल्यांकन करने में मदद मिलती है।

“आपको हर खिलाड़ी को मौका देना होगा, तभी सही संयोजन बनेगा। वर्ल्ड कप जैसी बड़ी प्रतियोगिता के लिए यह तैयारी बेहद ज़रूरी है,” मोर्कल ने कहा।

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नतीजा – भरोसा और तैयारी

हालाँकि अर्शदीप के चाहने वालों के लिए यह निराशाजनक है, लेकिन कोचिंग स्टाफ का मानना है कि यह प्रक्रिया टीम इंडिया को लंबे समय में मज़बूत बनाएगी।

अर्शदीप खुद भी हर बार साबित कर रहे हैं कि जब भी उन्हें मौका मिलता है, वे भारत के लिए मैच जीतने वाले खिलाड़ी हैं।

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