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अमेज़न ने 14,000 कर्मचारियों को निकाला: क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंसानों की नौकरियाँ खा रही है?
एआई के बढ़ते इस्तेमाल के बीच अमेज़न की छंटनी ने दुनिया भर के कर्मचारियों में डर बढ़ा दिया, भारत में भी 1,000 लोग होंगे प्रभावित।
नई दिल्ली। दुनिया की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेज़न (Amazon) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए करीब 14,000 कर्मचारियों की छंटनी (Layoffs) की घोषणा की है। कंपनी का कहना है कि यह कदम उसके अंदर तेजी से बढ़ते आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) के इस्तेमाल का परिणाम है। बताया जा रहा है कि इस छंटनी से भारत में भी लगभग 1,000 कर्मचारी प्रभावित होंगे।
अमेज़न के सीईओ एंडी जेसी (Andy Jassy) ने कहा कि कंपनी अब पूरी तरह जनरेटिव एआई (Generative AI) तकनीक पर फोकस कर रही है, जिससे आने वाले समय में कुछ पारंपरिक नौकरियाँ खत्म हो जाएँगी और कुछ नई नौकरियाँ पैदा होंगी। लेकिन निकट भविष्य में इसका असर सीधे कर्मचारियों की संख्या पर पड़ेगा।
जेसी ने कहा, “हम एआई के उपयोग से अपनी कार्यकुशलता को कई गुना बढ़ा रहे हैं। आने वाले वर्षों में कंपनी को कुछ कार्यों के लिए पहले से कम लोगों की ज़रूरत होगी, और नई तकनीक पर काम करने वाले विशेषज्ञों की माँग बढ़ेगी।”
यह छंटनी ऐसे समय में की गई है जब दुनिया भर की टेक कंपनियाँ एआई को अपनाने की दिशा में बड़े बदलाव कर रही हैं। गूगल (Google), माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) और मेटा (Meta) जैसी कंपनियाँ भी अपनी वर्कफोर्स को री-स्ट्रक्चर कर रही हैं, ताकि मशीन लर्निंग और ऑटोमेशन से अधिकतम लाभ उठाया जा सके।

भारत में अमेज़न के कर्मचारियों के बीच चिंता बढ़ गई है। बेंगलुरु और हैदराबाद स्थित टेक हब्स में कई टीमों को सूचित किया गया है कि आने वाले महीनों में ऑपरेशंस, कस्टमर सपोर्ट, और एचआर विभागों में कटौती की जा सकती है।
आईटी इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का मानना है कि यह सिर्फ शुरुआत है। इंफोसिस (Infosys) और टीसीएस (TCS) जैसी भारतीय कंपनियाँ भी धीरे-धीरे एआई ऑटोमेशन को बढ़ावा दे रही हैं। अगर यह रुझान जारी रहा, तो अगले 3-5 सालों में कई पारंपरिक जॉब प्रोफाइल पूरी तरह बदल सकते हैं।
टेक विश्लेषक रोहित अग्रवाल के मुताबिक, “एआई इंसानों की नौकरियाँ नहीं खत्म करेगा, लेकिन उन्हें पुनर्परिभाषित ज़रूर करेगा। जो लोग नई तकनीक सीख रहे हैं, उनके लिए अवसर अनंत हैं, लेकिन जो बदलाव के लिए तैयार नहीं हैं, उनके लिए जोखिम बढ़ गया है।”
यह छंटनी केवल अमेज़न तक सीमित नहीं है। वैश्विक स्तर पर 2024 और 2025 के बीच 1 मिलियन से अधिक कर्मचारियों की नौकरियाँ ऑटोमेशन और एआई के कारण प्रभावित हो सकती हैं। हालांकि, कंपनियों का कहना है कि एआई से उत्पादकता बढ़ेगी और नए रोजगार अवसर भी सामने आएँगे — बशर्ते कर्मचारी खुद को अपग्रेड करें।
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