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जेल से रिहा हुए जफर अली एडवोकेट, संभल पहुंचे समर्थकों के साथ – 42 किमी रोड शो, आतिशबाजी और चुनावी संभावनाओं की चर्चाएँ

संभल की शाही जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली को 131 दिन बाद हाईकोर्ट की जमानत के बाद रिहा किया गया, समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया और एडवोकेट ने शांतिपूर्ण रहने की अपील की।

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42 किमी रोड शो के दौरान समर्थकों की भीड़ में फूलों से स्वागत करते जफर अली एडवोकेट

संबल शहर में शाही जामा मस्जिद कमेटी के जफर अली एडवोकेट को 131 दिन बाद पुलिस हिरासत से रिहा कर दिया गया। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 24 जुलाई 2025 को उनकी जमानत याचिका मंजूर की, जिससे उनका मार्ग जेल से बाहर आने का साफ हो गया। मुरादाबाद जेल से निकलने के बाद जफर अली एक 42 किलोमीटर लंबे रोड शो के माध्यम से संभल पहुंचे, जहाँ परिजनों और समर्थकों ने फूलों की मालाएँ पहनाकर, ढोल‑नगाड़ों और आतिशबाजी के बीच उनका जोरदार स्वागत किया।

इस दौरान समर्थकों ने रोड शो के दौरान नारेबाज़ी भी की, और मीडिया से बातचीत में जफर अली ने कहा कि अदालत में कानूनी लड़ाई मजबूती से लड़ेंगे। साथ ही उन्होंने जनता से अपील की कि वे शांतिपूर्ण बने रहें और कोई भी अफवाह या उत्तेजक बयान न दें क्योंकि “अमन-शांति बनाए रखना ज़रूरी है”।

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The Jama Masjid committee head की गिरफ्तारी 23 मार्च 2025 को हुई थी, Sambhal में हुई जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुई हिंसा से जुड़े एक मामले में। उन पर भारतीय दंड संहिता की गंभीर धाराओं में आरोप लगाए गए—जिनमें झूठे बयान देने की धाराएं और हिंसा भड़काने जैसे आरोप शामिल हैं। इसके बाद से मशरूम की तरह शिकायतें दर्ज की गईं तथा सोमवार को कोर्ट में सुनवाई दो–तीन बार टल गई, पुलिस जब तक सभी आवश्यक साक्ष्य पेश नहीं कर पाते थे।


इसके अतिरिक्त, उस हिंसा में चार से पाँच लोगों की मौत हुई थी और दर्जनों वाहन जलाए गए थे। पुलिस ने 96 अभियुक्तों को नामजद किया था, जिनमें तीन महिला और जफर अली जैसे वरिष्ठ वकील शामिल थे । हालांकि अब हाईकोर्ट ने जमानत मंजूर की है, session court ने भी कुछ बची धाराओं में जमानत दी जिससे रिहाई की प्रक्रिया पूरी हो गई ।

रिहाई के बाद, The Jama Masjid committee head ने मीडिया से कहा, “जनता चाहेगी तो मैं चुनाव लड़ूंगा” और जो बयान जेल में बंद होने के कारण उन्होंने दिया था, वह अब इतिहास बन चुका है, अब लड़ाई अदालत में होगी। शांतिपूर्ण आवाहन और न्याय के लिए लड़ने का नारा उन्होंने स्पष्ट कर दिया।

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