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82 की उम्र में अमिताभ बच्चन की ज़िंदगी का सच, बोले– अब पैंट पहनने के लिए भी बैठना पड़ता है
अपने ब्लॉग में बिग बी ने बताया उम्र बढ़ने के बाद कैसे छोटी-छोटी चीज़ें भी चुनौती बन गई हैं

अमिताभ बच्चन एक ऐसा नाम है जिसे सिर्फ बॉलीवुड नहीं, पूरी दुनिया में सम्मान के साथ लिया जाता है। लेकिन हाल ही में अपने ब्लॉग के ज़रिए बिग बी ने उम्र बढ़ने के बाद की चुनौतियों को लेकर कुछ ऐसा साझा किया, जिसे पढ़कर हर किसी की आंखें नम हो सकती हैं।
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82 वर्षीय महानायक ने अपनी रोजमर्रा की जिंदगी के छोटे लेकिन भावनात्मक पहलुओं को छूते हुए बताया कि कैसे अब कुछ सामान्य-सी चीज़ें भी उनके लिए मेहनत और सावधानी की मांग करती हैं।
अब खड़े होकर पैंट पहनना भी रिस्क है
अपने ब्लॉग में अमिताभ बच्चन ने खुलासा किया कि अब उन्हें डॉक्टरों की सलाह पर चलते हुए बैठकर पैंट पहननी पड़ती है, क्योंकि खड़े होकर ऐसा करने से संतुलन बिगड़ सकता है।
उन्होंने लिखा –
डॉक्टर्स कहते हैं, ‘मिस्टर बच्चन, कृपया बैठकर पैंट पहना करें। खड़े होकर ट्राउज़र पहनने से बैलेंस बिगड़ सकता है और आप गिर सकते हैं।
यह बात सिर्फ शारीरिक कमजोरी की नहीं है, बल्कि उस स्वीकार्यता की है जो हर इंसान को उम्र के साथ अपनानी पड़ती है।
छोटी-छोटी हरकतें भी अब सोच समझकर करनी होती हैं
बिग बी ने आगे लिखा कि
कभी जो काम बिना सोचे-समझे कर लेते थे, अब वही करने से पहले दिमाग को सोचने में वक्त लग जाता है।
एक साधारण-सा काम जैसे कि ज़मीन पर गिरी कागज़ की चिट उठाना, अब एक लंबी प्रक्रिया बन चुका है।
हैंडल बार्स की ज़रूरत घर के हर कोने में
अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अमिताभ ने अब अपने घर में हैंडल बार्स लगवाए हैं ताकि वो खुद को सहारा दे सकें।
अब लगता है कि घर के हर कोने में हैंडल बार्स चाहिए, ताकि शरीर को स्थिर रखा जा सके।
उन्हें अब हर छोटे काम से पहले सोचना पड़ता है कि कैसे करना है, कितना झुकना है, किस चीज़ को पकड़ना है।
योग और ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ ही है सहारा
अमिताभ बच्चन ने अपने पोस्ट में यह भी बताया कि उन्होंने अब योग, ब्रीदिंग प्रैक्टिस और मोबिलिटी ट्रेनिंग को अपने रूटीन का हिस्सा बना लिया है।
उम्र भले बढ़ रही है, लेकिन बच्चन साहब ज़िंदगी को अपने ही अंदाज़ में जीने की कोशिश कर रहे हैं – अनुशासन और स्वीकार्यता के साथ।
यह सब हम सभी के साथ होगा…
ब्लॉग के अंत में बच्चन साहब ने एक गहरी बात कही –
आप अभी इस सबको पढ़कर हंस सकते हैं, लेकिन यकीन मानिए, यह हर किसी के साथ होगा। यह जीवन का सच है। जन्म के साथ ही हमारी डाउनवर्ड जर्नी शुरू हो जाती है।
उन्होंने जिंदगी की गाड़ी को एक शानदार रूपक देते हुए कहा –
जवानी रफ्तार से चलती है और बुढ़ापा ब्रेक लगवाता है ताकि गाड़ी टकराए नहीं।
सादगी में छिपा अमिताभ का जज़्बा
जहां एक तरफ युवा सितारे सोशल मीडिया पर अपनी लग्जरी लाइफ को फ्लॉन्ट करते हैं, वहीं अमिताभ बच्चन जैसे दिग्गज कलाकार अपनी कमजोरियों को भी आत्मीयता से स्वीकार करते हैं। यही बात उन्हें हर पीढ़ी का चहेता बनाती है।
उनकी ये बातें सिर्फ उम्र की नहीं, बल्कि ज़िंदगी को समझने और उसे अपनाने की सीख भी हैं।