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Ratan Tata ने इतनी कामयाबी कैसे हासिल की? क्या रतन टाटा की कोई औलाद है? जानिए उनकी पूरी कहानी
टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने कैसे बिना शादी किए इतना विशाल साम्राज्य खड़ा किया? क्या उनके बाद कोई वारिस है? आइए जानते हैं उनके जीवन के अनकहे पहलू

रतन टाटा की कामयाबी का रहस्य क्या है?
रतन टाटा भारत के सबसे प्रेरणादायक उद्योगपतियों में गिने जाते हैं। उन्होंने टाटा ग्रुप को न सिर्फ भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। लेकिन सवाल यह उठता है कि “आखिर इस सादगी पसंद शख्स ने इतनी ऊंचाई कैसे छू ली?”

इस कारोबारी लीडर ने हमेशा इन सिद्धांतों का पालन किया:
- दूरदर्शी सोच: उन्होंने टाटा को पारंपरिक बिजनेस से निकालकर ऑटोमोबाइल, टेक्नोलॉजी, और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाया।
- जोखिम लेने की हिम्मत: टाटा ने जब Jaguar-Land Rover को खरीदा, तो बहुतों ने विरोध किया, लेकिन आज वह टाटा मोटर्स का सबसे मजबूत ब्रांड है।
- नैतिकता और पारदर्शिता: इस कारोबारी ने हमेशा ‘पैसा बाद में, विश्वास पहले’ की नीति पर काम किया।
- सादगी और सेवा: लाखों की गाड़ियों में घूमने वाले इस व्यक्ति ने अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा ट्रस्ट को समर्पित कर दिया है।
क्या रतन टाटा की कोई औलाद है?
नहीं, रतन टाटा की कोई औलाद नहीं है।
रतन टाटा ने अब तक शादी नहीं की और न ही उनका कोई बेटा या बेटी है।
उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि एक समय वे शादी करना चाहते थे, लेकिन परिस्थितियों ने उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। बावजूद इसके, उन्होंने कभी अकेलेपन को कमजोरी नहीं बनने दिया।
वर्तमान में टाटा ग्रुप की जिम्मेदारी टाटा सन्स और टाटा ट्रस्ट्स के माध्यम से संचालित होती है। उनकी विरासत को चलाने वाले संस्थागत ढांचे हैं, व्यक्तिगत वारिस नहीं।
फिर उनके बाद टाटा ग्रुप का वारिस कौन होगा?
रतन टाटा ने 2012 में चेयरमैन पद छोड़ने के बाद साइरस मिस्त्री को चुना था, जो बाद में हटाए गए। फिलहाल एन चंद्रशेखरन टाटा संस के चेयरमैन हैं, और टाटा समूह को तकनीक और इनोवेशन की दिशा में आगे बढ़ा रहे हैं।
रतन टाटा आज भी ग्रुप से जुड़े हैं और युवा स्टार्टअप्स को गाइड करते हैं, जिनमें Ola Electric और Paytm जैसी कंपनियाँ शामिल हैं।