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2 जून से देशभर में तूफान और बारिश का कहर मौसम विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट

दिल्ली-NCR से लेकर पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत तक मौसम ने बदला रुख, उड़ानों में देरी, फसलों को खतरा और जनजीवन पर संकट के आसार

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तेज़ बारिश और आंधी-तूफान से बदला देशभर का मौसम, राजधानी दिल्ली से लेकर पूर्वोत्तर तक दिखा असर
तेज़ बारिश और आंधी-तूफान से बदला देशभर का मौसम, राजधानी दिल्ली से लेकर पूर्वोत्तर तक दिखा असर

जून की दस्तक के साथ ही देशभर में मौसम का मिजाज तेजी से बदलने लगा है। हाल ही तक जहां लू और उमस से जनता बेहाल थी, वहीं अब भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, 2 जून से देश के कई हिस्सों में तेज़ बारिश और आंधी-तूफान की संभावना है। मौसम के इस अचानक मोड़ ने लोगों को एक तरफ़ गर्मी से राहत दी है, तो दूसरी ओर जनजीवन पर खतरे की घंटी भी बजा दी है।

राजधानी दिल्ली और एनसीआर में रविवार शाम से ही मौसम ने करवट ली है। तेज़ हवाओं और छिटपुट बारिश ने तापमान में गिरावट तो दर्ज कराई, लेकिन इसके चलते इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 14 उड़ानों को डायवर्ट करना पड़ा और कई विमानों की उड़ानें प्रभावित हुईं। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, राजधानी में 2 जून से 4 जून तक हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बनी हुई है, साथ ही तापमान में 3 से 5 डिग्री तक की गिरावट देखी जा सकती है।

तेज़ बारिश और आंधी-तूफान से बदला देशभर का मौसम, राजधानी दिल्ली से लेकर पूर्वोत्तर तक दिखा असर



उत्तर भारत के सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश में भी मौसम विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। विभाग के अनुसार लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर समेत कुल 14 जिलों में तेज़ बारिश और 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। प्रशासन ने किसानों को आगाह किया है कि वे अपनी फसलों को ढककर रखें और कटे हुए अनाज को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दें, ताकि नुकसान से बचा जा सके।

पूर्वोत्तर भारत में भी हालात गंभीर हो सकते हैं। सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम और असम में भारी बारिश के साथ बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है। इन इलाकों में पहले से ही पहाड़ी ढलानों पर बसे गांवों को भूस्खलन का खतरा बना हुआ है, और ऐसे में हालात और बिगड़ सकते हैं।

दक्षिण भारत में मानसूनी पूर्व गतिविधियों का असर केरल, कर्नाटक और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि ये गतिविधियां ‘प्री-मानसूनी’ हैं जो मानसून के प्रवेश से पहले होती हैं। हालांकि इस बार यह घटनाएं समय से पहले शुरू हो गई हैं, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल मानसून सामान्य समय से कुछ पहले प्रवेश कर सकता है।

मौसम के इस बदले स्वरूप ने न सिर्फ़ लोगों की दिनचर्या को प्रभावित किया है, बल्कि हवाई और सड़क यातायात को भी बाधित कर दिया है। दिल्ली, बेंगलुरु और गुवाहाटी जैसे शहरों से लगातार फ्लाइट्स की देरी और रद्द होने की खबरें सामने आ रही हैं। वहीं, स्कूलों को भी अलर्ट पर रखा गया है, खासकर उन राज्यों में जहां बिजली गिरने की आशंका अधिक है।

जनता से अपील की गई है कि मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लें। विशेष रूप से खेतों में काम कर रहे लोगों, सड़क यात्रियों और खुले मैदानों में मौजूद व्यक्तियों को सलाह दी गई है कि वे पूरी सतर्कता बरतें। यदि यात्रा कर रहे हों तो मौसम की स्थिति की जानकारी पहले से ले लें और आपातकालीन नंबरों को अपने पास रखें।

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