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वार 2 की सबसे बड़ी कमजोरी कहानी से ज्यादा खलनायक की कमी

ऋतिक रोशन और जूनियर एनटीआर की दमदार मौजूदगी के बावजूद वार 2 दर्शकों को मजबूत विलेन न मिलने की वजह से अधूरी लगती है

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वार 2 मूवी रिव्यू ऋतिक रोशन और जूनियर एनटीआर ने बिखेरा जलवा लेकिन खलनायक की कमी ने कहानी को किया कमजोर
वार 2 में ऋतिक रोशन और जूनियर एनटीआर की जोड़ी दमदार लेकिन कहानी में खलनायक की कमी खलती रही

बॉलीवुड की बहुप्रतीक्षित फिल्म “वार 2” रिलीज़ के बाद से ही चर्चा में है। फिल्म में ऋतिक रोशन, जूनियर एनटीआर और कियारा आडवाणी जैसे बड़े सितारे हैं, लेकिन बावजूद इसके, दर्शकों और समीक्षकों का मानना है कि फिल्म अपनी कहानी और खासकर एक मजबूत विलेन की कमी से जूझ रही है।

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पहली फिल्म “वार” ने दर्शकों को भरपूर मसाला एंटरटेनमेंट दिया था—चाहे वह टाइगर श्रॉफ और ऋतिक की केमिस्ट्री हो या फिर जबरदस्त एक्शन सीक्वेंस। लेकिन वार 2 में लगभग तीन घंटे तक चलने वाली जटिल कहानी दर्शकों को बांध पाने में असफल नजर आती है।

खलनायक की कमी से अधूरी जंग

फिल्म में ऋतिक का किरदार कबीर एक डिसएवॉड R&AW एजेंट के रूप में सामने आता है, जो काली कार्टेल नामक खतरनाक संगठन में घुसपैठ करता है। इस कार्टेल में पड़ोसी देशों से जुड़े प्रभावशाली और अमीर लोग शामिल हैं, जिनके रिश्ते रूस और चीन तक फैले हैं। हालांकि, इन खलनायकों को एक-एक कर खत्म करने वाले लंबे दृश्यों के बाद भी फिल्म में एक ठोस और डराने वाला चेहरा सामने नहीं आता। यही फिल्म की सबसे बड़ी कमजोरी है।

हीरो बनाम हीरो की उलझन

फिल्म का बड़ा आकर्षण ऋतिक रोशन और जूनियर एनटीआर की जोड़ी है। दोनों कभी दोस्त तो कभी दुश्मन बनते हैं और बीच-बीच में गाने और डांस के जरिए माहौल हल्का करने की कोशिश की जाती है। लेकिन लगातार ट्विस्ट और “कौन अच्छा और कौन बुरा” की उलझन कहानी को कमजोर बना देती है।

पठान में जिम (जॉन अब्राहम) और टाइगर 3 में आतिश रहमान (इमरान हाशमी) जैसे मजबूत विलेन की मौजूदगी ने उन फिल्मों को यादगार बना दिया था। इसके मुकाबले वार 2 में खलनायक की गैर-मौजूदगी दर्शकों को अधूरापन महसूस कराती है।

जूनियर एनटीआर की इमेज का असर

एक और समस्या है कि फिल्म निर्माताओं ने शायद यह तय ही नहीं किया कि जूनियर एनटीआर को पूरी तरह विलेन दिखाना है या नहीं। तेलुगु सिनेमा में उनका सुपरस्टार स्टेटस इतना बड़ा है कि क्रिएटिव टीम उन्हें बुराई की हद तक ले जाने से हिचकती दिखी। नतीजा यह रहा कि उनका किरदार परिवार की हत्या, प्रधानमंत्री की साजिश और देश को अस्थिर करने जैसे गंभीर अपराध करने के बावजूद अंत में किसी न किसी बहाने से सहानुभूति पाता है।

दर्शकों की राय

सोशल मीडिया पर फैंस का कहना है कि फिल्म में एक्शन तो लाजवाब है लेकिन कहानी उतनी दमदार नहीं। एक यूज़र ने लिखा—“वार 2 में अगर जिम जैसा कोई दमदार विलेन होता तो फिल्म और यादगार बन सकती थी।” वहीं कुछ लोगों ने ऋतिक और एनटीआर की परफॉर्मेंस की तारीफ की है लेकिन माना कि केवल स्टार पावर से फिल्म हिट नहीं बनाई जा सकती।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर वार 2 अपनी भव्यता, स्टारकास्ट और एक्शन के बावजूद उस जज़्बे को नहीं जगा पाती जो एक बड़ी स्पाई-एक्शन फिल्म से उम्मीद की जाती है। एक मजबूत विलेन और ठोस पटकथा के बिना यह जंग अधूरी सी लगती है।

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