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उत्तरकाशी में बादल फटने से तबाही: पर्यटक गांव में बही ज़िंदगी की रफ्तार
धाराली में बादल फटने से अचानक आई बाढ़, दर्जनों लोग मलबे में दबे होने की आशंका, प्राचीन मंदिर भी चपेट में

उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले के धाराली गांव में सोमवार दोपहर करीब 1:30 बजे अचानक बादल फटने से भारी तबाही मच गई। इस प्राकृतिक आपदा में कई लोग लापता हैं, जबकि दर्जनों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है।
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घटना के बाद आई भीषण बाढ़ ने धाराली की शांत वादियों को चीख-पुकार में बदल दिया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे एक विशाल पानी की लहर ने होटल, रेस्टोरेंट और दुकानों को अपने साथ बहा दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पानी इतनी तेज़ी से आया कि किसी को भागने तक का मौका नहीं मिला। पास के गांवों से लोगों की आवाजें सुनी गईं— “भागो-भागो”, लेकिन तब तक सब कुछ पानी में समा चुका था।

इस त्रासदी में ऐतिहासिक कल्पकेदार मंदिर भी मलबे में दब गया है। माना जा रहा है कि मंदिर को भारी नुकसान पहुँचा है।
बादल फटने से खीरगंगा नदी में अचानक जलस्तर बढ़ा और उसके गाद ने भागीरथी नदी के एक हिस्से को अवरुद्ध कर दिया, जिससे एक कृत्रिम झील बन गई है। इससे सरकार का हेलीपैड और कई ज़मीनें डूब गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इस पानी को तुरंत नहीं निकाला गया, तो नीचे बसे गांवों के लिए गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।
सेना और ITBP के जवान मौके पर मौजूद हैं और राहत-बचाव कार्य जारी है। सेना द्वारा लगातार माइक पर लोगों को पानी से दूर रहने की चेतावनी दी जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर शोक जताते हुए लिखा—
“मैं सभी पीड़ितों की कुशलता की कामना करता हूँ… राहत और बचाव कार्य में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।”
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, क्षेत्र में संचार व्यवस्था बाधित है, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में भी चुनौतियाँ आ रही हैं।
धाराली, जो हरसिल से महज़ 2 किलोमीटर की दूरी पर है, आमतौर पर पर्यटकों से भरा रहता है। इस आपदा के बाद अब यह जगह राहत कार्यों का केंद्र बन चुकी है।
बारिश अभी भी जारी है, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी हो रही है। घायलों को नज़दीकी सेना कैंप में प्राथमिक उपचार दिया जा रहा है।