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उत्तराखंड में बादलों ने बरपाया कहर! चार धाम यात्रा पर संकट, कई रास्ते बंद, जानें ताजा हालात

देहरादून से मसूरी तक बारिश ने खोली नगर पालिका की पोल, यमुनोत्री मार्ग पर भूस्खलन से दो की मौत, प्रशासन ने जारी की चेतावनी

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उत्तराखंड बारिश अलर्ट: चार धाम यात्रा पर खतरा, भूस्खलन से रास्ते बंद — जानें पूरा हाल
उत्तराखंड में तेज बारिश से बाधित रास्ता और फंसे यात्री — सावधानी जरूरी!

उत्तराखंड में मानसून ने अपनी पूरी ताकत के साथ दस्तक दे दी है। राज्य के हर कोने से बारिश और भूस्खलन की खबरें सामने आ रही हैं। ताजा अपडेट के मुताबिक देहरादून में सुबह से रुक-रुक कर बारिश जारी है, वहीं मसूरी में पहली ही बारिश ने नगर पालिका की तैयारियों की पोल खोल दी है।

बारिश का सबसे बड़ा असर चार धाम यात्रा पर पड़ता दिख रहा है। यमुनोत्री पैदल मार्ग पर बीते दिन हुए भीषण भूस्खलन में दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि दो लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। पुलिस और आपदा राहत दल द्वारा राहत-बचाव कार्य लगातार जारी है। इस बीच जिला प्रशासन ने यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग से यात्रा जारी रखने की सलाह दी है ताकि यात्रा प्रभावित न हो।

इधर, मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए टिहरी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, अल्मोड़ा, चम्पावत, पिथौरागढ़, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं बागेश्वर जिले के कुछ हिस्सों में ऑरेंज अलर्ट लागू किया गया है। अनुमान है कि 29 जून तक प्रदेशभर में तेज बारिश का यह सिलसिला यूं ही जारी रहेगा।


चमोली पुलिस ने भी स्थानीय निवासियों और श्रद्धालुओं से विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है। चमोली क्षेत्र में लगातार बारिश के चलते कई जगहों पर रास्ते बंद हो गए हैं। पुलिस प्रशासन ने साफ किया है कि अनावश्यक यात्रा से बचें और मौसम की स्थिति देखकर ही घर से निकलें।

बारिश ने पहाड़ ही नहीं, बल्कि मैदानों में भी जमकर कहर ढाया है। मसूरी का बार्लोगंज बाजार जलमग्न हो गया है, जिससे दुकानदारों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। पानी की निकासी न होने के कारण दुकानों में घुटनों तक पानी भर गया। पर्यटक और स्थानीय लोग दोनों ही जलभराव से परेशान हैं।

हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे तीर्थनगरी में भी तेज बारिश के चलते कई जगह जलभराव हो गया है। श्रद्धालु कीचड़ और फिसलन से बचने के लिए जगह-जगह फंसे नजर आ रहे हैं। इससे न सिर्फ यात्रा पर असर पड़ रहा है बल्कि स्थानीय व्यवसायियों को भी घाटा उठाना पड़ रहा है।

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, पहाड़ों में अचानक भारी बारिश के कारण नदी-नालों में उफान आ सकता है। प्रशासन ने नदियों के किनारे बसे गांवों को अलर्ट मोड पर रखा है। वहीं सड़कों पर भूस्खलन के मलबे को हटाने के लिए जेसीबी और राहत दल दिन-रात काम कर रहे हैं।

इस बीच राज्य सरकार ने भी साफ कर दिया है कि यात्रा को पूरी सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही संचालित किया जाएगा। चार धाम यात्रा में किसी भी तरह की अव्यवस्था न हो इसके लिए कंट्रोल रूम को 24 घंटे एक्टिव रखा गया है।

दैनिक डायरी आपसे अपील करता है कि मौसम को देखते हुए ही यात्रा की योजना बनाएं और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन अवश्य करें। सुरक्षित यात्रा ही सही यात्रा है।