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NATO चीफ का बड़ा दावा ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी से मोदी ने पुतिन से मांगी सफाई
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ से बढ़ी कूटनीतिक हलचल, NATO चीफ बोले दिल्ली फोन पर है मास्को से
अंतरराष्ट्रीय राजनीति और व्यापार की दुनिया में इन दिनों भारत का नाम लगातार सुर्खियों में है। वजह है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ पॉलिसी। ट्रंप ने हाल ही में भारत पर 50% टैरिफ और रूस से तेल खरीदने पर अतिरिक्त 25% पेनल्टी टैक्स लगाया। अब इस पर NATO के महासचिव मार्क रुटे ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि इस कदम का सीधा असर रूस पर पड़ा है और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर व्लादिमीर पुतिन से सफाई मांगी है।
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NATO चीफ का दावा
CNN को दिए इंटरव्यू में रुटे ने कहा –
“टैरिफ लगने का मतलब है कि अब दिल्ली मास्को से फोन पर जुड़ा है और प्रधानमंत्री मोदी, पुतिन से कह रहे हैं – मैं आपका समर्थन करता हूं, लेकिन अब आपको अपनी रणनीति समझानी होगी क्योंकि अमेरिका ने हम पर 50% टैरिफ लगा दिया है।”
हालांकि इस बयान पर न तो नई दिल्ली और न ही मास्को की ओर से कोई प्रतिक्रिया आई है।
ट्रंप का दबाव
ट्रंप ने साफ कहा है कि भारत रूस से तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध में मास्को को मजबूती दे रहा है। यही वजह है कि उन्होंने यह कड़ा टैक्स लगाया। ट्रंप ने NATO देशों से भी अपील की है कि वे चीन पर 50 से 100% तक टैरिफ लगाएं और रूस से तेल खरीदना बंद करें।

मोदी–पुतिन की बातचीत
प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन की हाल ही में दो बार बातचीत हुई।
- पहली बार 17 सितंबर को पीएम मोदी के 75वें जन्मदिन पर।
- दूसरी बार 1 सितंबर को SCO सम्मेलन के दौरान चीन में, जहां दोनों नेता एक ही गाड़ी में सफर करते हुए लगभग एक घंटे तक बात करते रहे।
सूत्रों का कहना है कि पुतिन ने जानबूझकर मोदी का इंतजार किया ताकि वह उनके साथ वाहन में यात्रा कर सकें।
भारत–अमेरिका व्यापार वार्ता
इस बीच अमेरिका और भारत के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत भी चल रही है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने न्यूयॉर्क में अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात की। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि वह जल्द ही अपने “बेहद अच्छे दोस्त” पीएम मोदी से बातचीत करेंगे और दोनों देशों के बीच व्यापारिक समझौता सकारात्मक दिशा में जाएगा।
पीएम मोदी ने भी जवाब देते हुए कहा कि भारत–अमेरिका साझेदारी की असीम संभावनाएँ हैं और दोनों देश मिलकर समृद्ध भविष्य की ओर बढ़ेंगे।
निष्कर्ष
स्पष्ट है कि ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी ने न केवल भारत की अर्थव्यवस्था बल्कि उसकी कूटनीतिक स्थिति पर भी दबाव बढ़ा दिया है। भारत, रूस और अमेरिका – तीनों के बीच बढ़ती खींचतान आने वाले दिनों में वैश्विक राजनीति को और भी जटिल बना सकती है।

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