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कश्मीर मसले पर अमेरिका ने धोया हाथ ट्रंप बोले भारत–पाक खुद करें हल

अमेरिकी अधिकारी ने कहा कश्मीर भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मुद्दा है, ट्रंप तभी मदद करेंगे जब उनसे कहा जाएगा

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कश्मीर मसले पर अमेरिकी अधिकारी का बयान ट्रंप बोले यह भारत और पाकिस्तान का मामला
कश्मीर मुद्दे पर अमेरिका ने कहा यह भारत–पाक का मामला, ट्रंप बोले तभी मदद करेंगे जब कहा जाएगा

कश्मीर मुद्दे पर अमेरिका ने एक बार फिर अपना रुख साफ कर दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि यह एक सीधा मामला भारत और पाकिस्तान के बीच का है, और अमेरिका का इसमें कोई दखल देने का इरादा नहीं है।

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अमेरिका की आधिकारिक लाइन

अधिकारी ने कहा – “हम इस मामले को भारत और पाकिस्तान पर छोड़ते हैं। हमारी नीति हमेशा यही रही है कि यह द्विपक्षीय मुद्दा है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पास पहले से ही कई वैश्विक संकट हैं और वे तभी मदद करेंगे जब उनसे आधिकारिक तौर पर अनुरोध किया जाएगा।

अमेरिका की ‘अमेरिका फर्स्ट’ पॉलिसी

अमेरिकी अधिकारी ने दोहराया कि अमेरिका, भारत और पाकिस्तान को अलग-अलग नजरिए से देखता है। उन्होंने कहा कि “हम अमेरिका फर्स्ट पॉलिसी के तहत अपने हितों को प्राथमिकता देते हुए भारत और पाकिस्तान से रिश्तों को अलग-अलग दिशा में देखते हैं।”

कश्मीर मसले पर अमेरिकी अधिकारी का बयान ट्रंप बोले यह भारत और पाकिस्तान का मामला


ट्रंप का दावा और भारत का जवाब

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा में ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को शांत करने में मदद की थी। उनका कहना था कि अमेरिका ने संघर्ष विराम कराने में भूमिका निभाई।
हालांकि भारत ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि संघर्ष विराम भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच हुई बातचीत से संभव हुआ, न कि अमेरिकी दखल से।

भारत का सख्त रुख

भारत का हमेशा से यह रुख रहा है कि कश्मीर और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर किसी तीसरे पक्ष की भूमिका स्वीकार्य नहीं है। भारत ने साफ कहा है कि पाकिस्तान से बातचीत केवल द्विपक्षीय स्तर पर ही होगी।

ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण

इस साल 7 मई को पहल्गाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी ढांचों को निशाना बनाकर 100 से अधिक आतंकियों को ढेर किया। इसके बाद भी तनाव बढ़ा, लेकिन भारत ने किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की जरूरत नहीं समझी।

निष्कर्ष

कश्मीर मसले पर अमेरिका का यह बयान भारत की स्थिति को मजबूती देता है कि यह केवल द्विपक्षीय मुद्दा है। वहीं, ट्रंप के दावे और वास्तविकता के बीच फर्क ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय राजनीति में चर्चा छेड़ दी है।

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