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तमिलनाडु के उत्तरी जिलों और पश्चिमी घाटों में 10 अक्टूबर तक भारी बारिश का अनुमान
चक्रवाती परिसंचरण और ए.पी. से कोमोरिन क्षेत्र तक फैले ट्रफ के कारण तमिलनाडु में 8 अक्टूबर से बारिश में होगी वृद्धि।
Regional Meteorological Centre (RMC) चेन्नई ने मंगलवार (7 अक्टूबर 2025) को चेतावनी दी है कि तमिलनाडु के उत्तरी जिलों और पश्चिमी घाट क्षेत्रों में 10 अक्टूबर तक भारी बारिश हो सकती है। राज्य के कई हिस्सों में इस सप्ताह व्यापक बारिश की संभावना है, जिसमें कुछ स्थानों पर भारी वर्षा भी हो सकती है।
बारिश का कारण
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, दक्षिण तमिलनाडु के तट पर और आंध्र प्रदेश से कोमोरिन क्षेत्र तक फैले ट्रफ और दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती परिसंचरण के कारण बारिश की गतिविधि में वृद्धि हो सकती है। यह प्रणाली 8 अक्टूबर से प्रभावी हो सकती है, और इसके परिणामस्वरूप राज्य के कई हिस्सों में बारिश होगी।
कौन से जिले होंगे प्रभावित?
इस सप्ताह तमिलनाडु के नीलगिरी, एरोड, कृष्णगिरी, धर्मपुरी, सलेम, और नमक्कल जिलों में भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा, 8 अक्टूबर से उत्तरी तमिलनाडु और पश्चिमी घाट के 12 जिलों में तेज बारिश की संभावना है, जिनमें थेनी, तिरुपत्तुर, वेल्लोर, और रानीपेट शामिल हैं। इन जिलों में 10 अक्टूबर तक भारी वर्षा हो सकती है, और इस गीले मौसम का असर 12 अक्टूबर तक रह सकता है।

मॉनसून का घटाव
हालांकि दक्षिण-पश्चिम मानसून पूरी तरह से देश से विदा नहीं हुआ है, लेकिन मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इस सप्ताह दक्षिण-पश्चिम मानसून में धीरे-धीरे कमी आएगी और तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है। इसके अलावा, उत्तर-पूर्वी मानसून की शुरुआत से पहले दक्षिण-पश्चिम मानसून का पूरी तरह से वापसी और हवा की दिशा में बदलाव महत्वपूर्ण संकेतक माने जाते हैं।
मौसम की पूर्वानुमान
अधिकारियों के अनुसार, कोणार्क, पेराम्बलुर, तिरुनेलवेली, और तिरुपत्तुर जैसे कई स्थानों पर सोमवार को तड़ित और भारी बारिश हुई। चेन्नई और इसके आसपास के क्षेत्रों में भी हल्की बारिश हुई, जिसमें मीणाम्बक्कम, पूनमल्ली, और वेस्ट ताम्बरम प्रमुख हैं।
तमिलनाडु में अक्टूबर महीने की बारिश
तमिलनाडु में अक्टूबर के पहले छह दिनों में 25% अधिक बारिश दर्ज की गई है। RMC ने कहा कि 8 अक्टूबर को कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, खासकर चेन्नई में।
निष्कर्ष
राज्य में होने वाली बारिश और मौसम बदलाव के कारण कृषि, जलवायु, और यातायात पर असर पड़ सकता है। इसलिए, राज्य सरकार और मौसम विभाग की सलाह है कि नागरिक मौसम के अनुसार सतर्क रहें और जरूरी उपाय अपनाएं। भारी बारिश के कारण सड़क दुर्घटनाएं और जलभराव जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
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